भीषण गर्मी से लोग बेहाल
 इलमा अज़ीम 
भीषण गर्मी में लू के थपेड़ों से लोग बेहाल हैं। गर्म हवा के प्रकोप से बच्चों के स्वास्थ्य पर पड़ रहे दुष्प्रभाव के मद्देनजर नर्सरी से कक्षा 8वीं तक के सभी सरकारी, गैर सरकारी, प्राइवेट व मिशनरीज स्कूलों के समय में बदलाव किया जा रहा है। देशभर के ज्यादातर हिस्सों में चिलचिलाती धूप और लू के थपेड़ों ने लोगों का जीना दूभर कर रखा है। झुलसा देने वाली गर्मी से लोग बेहाल हैं। मौसम विभाग के मुताबिक, फिलहाल भीषण गर्मी और लू से राहत नहीं मिलने वाली है। मौसम विभाग द्वारा जारी अलर्ट के मुताबिक, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, पश्चिमी राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लोगों को झुलसा देने वाली गर्मी का फिलहाल सामना करना पड़ेगा। 
मौसम विभाग के अनुसार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान,  बिहार, झारखंड उत्तराखंड, उत्तरी मध्य प्रदेश, गंगायी पश्चिम बंगाल और गुजरात में भी लू चलेगी। पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिमी राजस्थान में रात में भी गर्मी का प्रकोप जारी रहेगा। बात करें दिल्ली-एनसीआर की तो यहां लू की मार जारी रहेगी। रविवार यानी आज भी ऐसा ही मौसम रहेगा। आईएमडी ने लू को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है। दिल्ली-एनसीआर में तापमान 43-47 डिग्री के बीच रहने का अनुमान है। 


उत्तर भारत में लू के थपेड़ों ने लोगों की जीन मुहाल कर दिया है। राजस्थान के बाड़मेर में 46.9 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। जयपुर समेत प्रदेश के अधिकतर क्षेत्रों में लोगों को लू का सामना करना पड़ेगा। अलर्ट के अनुसार, राजस्थान के कई हिस्सों में तापमान 45 डिग्री के पार रहने की संभावना है। शनिवार को तेज हवा चलने से अधिकतम तापमान में कमी तो आई लेकिन न्यूनतम तापमान में 0.9 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि ने दिन और रात के तापमान के बीच के अंतर को कम कर दिया।


 अधिकतम और न्यूनतम तापमान के बीच 13 डिग्री सेल्सियस का ही अंतर रह गया है। अधिकतम तापमान 39.6 डिग्री सेल्सियस रहा। ऐसे में अधिकतम तापमान कम होने के बाद भी लोगों को गर्मी की तीव्रता ज्यादा महसूस हुई। इसके मद्देनजर जिलाधिकारियों ने स्कूलों में कक्षाओं के संचालन के दौरान गर्मी से बचाव के पर्याप्त इंतजाम करने के आदेश दिए हैं। सुबह 7 से दोपहर 12 बजे के बीच कक्षाओं में पंखा, कूलर, शीतल पेयजल की व्यवस्थाएं स्कूल प्रबंधन को करनी होंगी। इस दौरान स्कूल परिसर में खुले स्थान पर छात्र-छात्राओं की शैक्षिक व अन्य सभी गतिविधियां प्रतिबंधित रहेंगी। लापरवाही पर समस्त जिम्मेदारी स्कूलों के प्रधानाचार्यों की होगी।
 लेखिका एक स्वत्रंत पत्रकार है 

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