परशुराम परिषद ने साकार कराया महाकुंभ का सपना
-महाकुंभ से लौटे परशुराम परिषद के पदाधकारियों का जोरदार स्वागत
-दिव्य महाकुंभ के सफल आयोजन से बौखलाया विपक्ष: पं. सुनील भराला
मेरठ। प्रयागराज के दिव्य महाकुंभ में लाखों श्रद्धालुओं का सपना साकार कराकर मेरठ लौटे राष्ट्रीय परशुराम परिषद के संस्थापक अध्यक्ष नि. राज्यमंत्री पं. सुनील भराला और परशुराम सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय भराला व उनकी टीम का रविवार को सर्किट हाउस में जोरदार स्वागत किया गया। यहां उन्होंने मीडियाकर्मियों और अन्य लोगों को भगवान श्री परशुराम जी की 108 मूर्तियों व परशुराम चालीस का वितरण किया। महाकुंभ के सफल आयोजन और चाक-चौबंद व्यवस्थाओं के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बधाई दी। साथ ही महाकुंभ की व्यवस्थाओं को लेकर सरकार को बदनाम करने की साजिश रचने पर विपक्ष की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में दुनिया की आधी आबादी से अधिक सनातनियों ने पवित्र संगम में डुबकी लगाई है, इससे विपक्षी दल बौखला गए हैं।
सर्किट हाउस में पत्रकारों से बातचीत में पं. सुनील भराला ने कहा कि महाकुंभ में पहली बार राष्ट्रीय परशुराम परिषद ने इतना विशाल एवं भव्य महाशिविर लगाया, जिसमें देश-विदेश के लाखों श्रद्धालु शामिल हुए। वेस्ट यूपी और विशेष रूप से मेरठ के अनेक श्रद्धालुओं ने भी शिविर में शामिल होकर तमाम सुविधाओं का लाभ उठाया। मेरठ से लगातार ट्रेन, बसों और निजी वाहनों से श्रद्धालुओं को महाकुंभ में ले जाया गया। महाशिविर में भोजन और ठहरने की व्यवस्था तो निशुल्क रही ही, मेरठ के उन श्रद्धालुओं को लाने-ले जाने की व्यवस्था भी निशुल्क उपलब्ध करायी गई जो महाकुंभ में जाना तो चाहते थे, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण पहुंचने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे। 13 जनवरी 2025 से शुरू हुआ महाशिविर 27 फरवरी 2025 तक चला। शिविर में सनातन हिंदुओं और ब्राह्मण समाज के लिए लगातार भंडारा चला। यहां भगवान श्री परशुराम जी की 1,08,000 (एक लाख आठ हज़ार) दिव्य मूर्तियों का वितरण किया गया। उच्च स्तर पर तीर्थयात्रियों के ठहरने, कथा सुनने, हवन, यज्ञ, स्नान और पूजन आदि की नि:शुल्क व्यवस्था की गई। यहां भगवान श्री परशुराम जी की 51 फुट ऊँची प्रतिमा भी स्थापित की गई। करोड़ों श्रद्धालुओं ने इस प्रतिमा के दर्शन किये। भगवान परशुराम के जीवन पर आधारित गैलरी बनायी गई। दिन प्रतिदिन यहां राजनीतिक, आर्थिक, सामजिक एवं धार्मिक विषयों पर मंथन चला। कथा पंडाल में प्रतिदिन चार कथा वाचकों द्वारा श्री परशुराम कथा की गई। जिसमे मुख्य रूप से आचार्य मुकेश आनंद महराज, आचार्य रविशंकर शृंगी महराज, अतुल कृष्ण भारद्वाज, दिलीप कृष्ण भारद्वाज, विशाल भारद्वाज, आचार्य राजपुरोहित ने कथा रूपी अमृत वर्षा की| सनिध्य एवं आशीर्वाद के रूप मे द्वारिका पीठ के जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती जी महराज, काशी सुमेरु जगदगुरु शंकराचार्य नरेन्द्रनन्द सरस्वती, श्री श्री रविशंकर जी महराज, सुधांशु जी महाराज सहित पूज्य संतों का आशीर्वाद प्राप्त हुआ। सेवादारों के रूम मे लगभग 148 कर्मचारियों द्वारा कार्य किया गया।
इस मौके पर अजय भराला, राजकुमार कौशिक. केके वर्मा, अनुराग शर्मा, सीमा माहेश्वरी, मनोज शर्मा, अरविंद अरोड़ा, मयंक अरोड़ा, राजकुमार कौशिक, सुनील दत्त शर्मा, हितेष गुप्ता, राजकुमार सैनी, रमेश प्रजापति, चौ. हरिराज सिंह, सतेंद्र शर्मा, अतुल गुप्ता, विजय पटेल, नितिन रस्तोगी, सचिन कुमार आदि मौजूद रहे।
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