नकली नोट छापने वाले आधा दर्जन गिरफ्तार 

5 लाख 30 हजार के नकली नोट बरामद, पकडे गये आरोपियो में मेरठ के युवक शामिल 

 मेरठ के युवक करते नकली नोट छापने का काम ,अन्य करते नोटों की सप्लाई 

मुजफ्फरनगर। शहर कोतवाली पुलिस व क्राइम ब्रांच की संयुक्त टीमों ने जाली नोट छापने वाले गिरोह के छह सदस्यों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से पुलिस ने 5.30  लाख की नकली करेंसी, लैपटॉप, प्रिंटर, नकली नोट छापने के अन्य उपकरण, 5 मोबाइल व एक बाइक बरामद की है। पुलिस ने पूछताछ के बाद सभी आरोपियों का चालान कर दिया है। उक्त लोग पिछले काफी समय से नकली नोट की जनपद व आसपास के जनपदों में सप्लाई कर रहे थे। पकड़े गये युवकों में मेरठ के युवक भी शामिल है जो इस गोरखधंधे में जुड़े हुए थे।

पुलिस लाईन के सभागार में पत्रकारों से बातचीत करते हुए एसपी देहात आदित्य बंसल ने बताया कि शहर कोतवाली पुलिस व क्राइम ब्रांच की संयुक्त टीम ने चुंगी नम्बर दो से बाइक सवार तस्कर गुड्डू निवासी गांव भमौरी थाना सरधना, मेरठ व फारूख उर्फ सितारा निवासी मैना पुट्ठी थाना सरूरपुर, मेरठ को गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से पुलिस ने नकली करेंसी बरामद की। पुलिस ने उनसे पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि उनके साथी न्याजूपुरा में एक मकान में नकली नोट छापने का काम कर रहे हैं।

पुलिस ने पकड़े गए तस्करों को साथ लेकर मकान पर छापेमारी की, तो पुलिस ने मौके से तस्कर रितेश उर्फ विपिन निवासी मोहकमपुर थाना टीपी नगर मेरठ, सुगनु उर्फ आकाश निवासी गांव भपारसी थाना सरधना मेरठ, अंकित निवासी गांव भमौरी थाना सरधना व निखिल निवासी मोहकमपुर थाना टीपीनगर को भी गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने नकली नोट छापने एवं उनकी तस्करी करने वालों के कब्जे से 5.30  लाख रुपए के नकली नोट बरामद किए हैं, जिसमें 500-500 रुपए के नोट की दस गड्डी व 7 गड्डी 100-100  रुपए के नोट की है। पुलिस को कमरे से प्रिंटर, लैपटॉप, मोबाइल, स्याही, नोट के कागज, मोबाइल फोन व अन्य सामान बरामद हुआ है।

 पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ की है। गिरफ्तार बदमाशों के दो साथी रोहित निवासी मटौर थाना मोदीनगर, गाजियाबाद व सचिन उर्फ जोनी निवासी आजादनगर पानीपत हरियाणा फरार हैं। उनकी तलाश के लिए टीम को गठित किया गया है। पूछताछ में तस्करों ने पुलिस को बताया कि नकली करेंसी के छापने के मामले में प्रत्येक का अलग-अलग काम है। गिरोह के सदस्य रितेश, सुगनु उर्फ आकाश, अंकित व निखिल के द्वारा जाली करेंसी नोट छापने का कार्य किया जाता है। 

रितेश के द्वारा नकली करेंसी नोटों की डिजाइनिंग का कार्य किया जाता है। वहीं अंकित व निखिल के द्वारा नकली करेंसी नोटो की प्रिंटर की सहायता से छपाई, वाटरमार्क लगाना, नोटों की कटिंग का कार्य किया जाता है। तैयार नकली नोटों की गड्डियां तैयार कर उन्हे बाजार में चलाने हेतु गुड्डू व सुगनु उर्फ आकाश और जौनी उर्फ सचिन को दे दिया जाता है। गिरोह के सदस्य गुड्डू, सुगनु उर्फ आकाश, जौनी उर्फ सचिन तथा रोहित द्वारा राह चलते लोगों को लालच देकर उन्हें 25 हजार के असली रुपये के बदले में एक लाख रुपए की नकली करेंसी नोट दे देते हैं। फरार आरोपी रोहित गिरोह का लीडर है। उसके द्वारा ही नोटों को बनाने में प्रयोग होने वाली सामग्री स्याही, पेपर, वाटरमार्क आदि को लाया जाता है। अवैध रुप से कमाई का हिस्सा वह ही प्रत्येक में बांटता है। नकली करेंसी छापने वाले गिरोह के सदस्य समय समय पर पुलिस से बचने के लिए स्थान बदलते रहते थे। इस गिरोह ने कुछ दिन पूर्व ही शहर कोतवाली क्षेत्र के न्याजूपुरा में मकान किराए पर लिया था। मकान में बैठकर गिरोह के सदस्य नकली नोट तैयार करते थे। उसके बाद अलग-अलग स्थानों पर पहुंचकर उन्हें सप्लाई कर देते थे। इस गिरोह का नेटवर्क हरियाणा तक फैला हुआ है।

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