किडनी की बीमारी से सम्पूर्ण स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है ना करेें लापरवाही - डा आर सी गुप्ता 

 विश्व किडनी दिवस के अवसर पर जागरूकता रैली का आयोजन 

 मेरठ। विश्व किडनी दिवस के अवसर पर मंगलवार को मेडिकल  कॉलेज के गुर्दा रोग विभाग में जागरूक्ता रैली व कार्यक्रम का आयोजन प्राचार्य की अध्यक्षता में किया गया। इस दौरान लोगों को किडनी के प्रति जागरूक किया गया। 

 मेडिकल कॉलेज परिसर में  रैली में विद्यार्थियों ने किडनी को दो पहला स्थान, तभी होगा रोगो से निदान, अंधविश्वास छोड़िये किडनी से नाता जोड़िए आदि नारों का उद्घोष बड़े ही जोश के साथ किया।उक्त कार्यक्रम में प्राचार्य डॉ आर सी गुप्ता ने बताया कि किडनी हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है, ये खून को साफ करने से लेकर, खून में रसायनों और द्रव के संतुलन को ठीक बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। 

किडनी की बीमारियों का संपूर्ण स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर हो सकता है। ये शरीर में विषाक्तता बढ़ाने का भी कारण हो सकती है, इसलिए जरूरी है कि सभी लोग निरंतर किडनी को स्वस्थ रखने वाले उपाय करते रहें। आहार और लाइफस्टाइल को ठीक रखने के साथ ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखना किडनी को स्वस्थ रखने के लिए सबसे आवश्यक माना जाता है।

 प्रमुख अधीक्षक डॉ धीरज बालियान ने कार्यक्रम में उपस्थित लोगो को बताया कि किडनी को ठीक रखने पर विशेष ध्यान देते रहना जरूरी है, क्योंकि जिन लोगों को किडनी रोग है उनमें समय के साथ मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं यहां तक कि डिप्रेशन जैसी गंभीर बीमारियों के विकसित होने का भी खतरा हो सकता है।

गुर्दा रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ निधि गुप्ता ने विश्व किडनी दिवस को मनाने के उद्धेश्य, किडनी रोगों के प्रति लोगों के बीच जागरूकता आदि के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि किडनी शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है। भारत में हर साल तकरीबन 2 लाख लोगों किडनी से जुड़ी बीमारियों का शिकार होते हैं। किडनी का काम शरीर में मौजूद अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालना होता है जिनकी मौजूदगी कई बीमारियों को जन्म दे सकती है। ऐसे में ज्यादा से ज्यादा लोगों के बीच किडनी की सेहत को लेकर जागरूक फैलाने के मकसद से यह खास दिन मनाया जाता है। मेडिकल कॉलेज मेरठ के एंडोक्राइनोलॉजी विभाग के डॉ पवन सिंह ने बताया कि किडनी समस्याओं का सबसे आम कारण डायबिटीज है। 50 फीसदी मरीज डायबिटीज के कारण किडनी की समस्या से ग्रस्त हैं। सुस्त जीवनशैली और खराब खानपान के कारण लोगों में डायबिटीज और ब्लड प्रेशर की समस्या आम है, जो किडनी रोग का कारण बनती है। तला-भुना व भारी मसालेदार खाने से भी दिक्कत है। शुरुआत में किडनी के समस्या के लक्षण नहीं दिखाई देते हैं लेकिन बाद में चेहरे पर सूजन आना, पेशाब की कमी, भूख न लगना और पेशाब में खून आना, सांस फूलना आदि लक्षण देखने को मिलते हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि एक्सरसाइज करें, बीपी पर काबू रखें।नियमित कसरत करें तो किडनी संबंधी समस्याओं से बचा जा सकता है। डायबिटीज व ब्लड प्रेशर पर नियंत्रण रखें। डायबिटीज के कारण अक्सर किडनी की समस्या होती है तो बीच-बीच में किडनी का भी चेकअप कराएं। मोटापे से बचें। अधिक पानी पिएं। तंबाकू न खाएं और धूम्रपान न करें। नमक कम खाएं। तनाव कम लें। किडनी की समस्या हो जाती तो किडनी रोग डॉक्टर की सलाह के दर्द की दवा न लें।उपरोक्त कार्यक्रम में विद्यार्थियों हेतु विभिन्न पोस्टर प्रतियोगिता ,स्लोगन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में प्रतियोगियों की प्रतिभा को प्रभारी अधिकारी पैरामेडिकल, डॉ एस के पालीवाल, क्लिनिकल सोसाइटी की अध्यक्ष डॉ नेहा सिंह व फार्मेसी विभाग के सहा-आचार्य डॉ राहुल सिंह की कमेटी ने आंका एवं विजेताओं को पुरस्कार दिए।उक्त कार्यक्रम का आयोजन गुर्दा रोग विभाग ने क्लिनिकल सोसाइटी मेटाबीज़ मेडिकल कॉलेज मेरठ के सहयोग से किया।



डायलिसिस के लिए गुर्दा विभाग को मिली नयी मशीन 

विश्व किडनी दिवस के अवसर पर आज गुर्दा रोग विभाग में नयी डायलिसिस मशीन का भी उद्घाटन किया गया। जिससे अब मेडिकल कॉलेज में आने वाले मरीजों को डायलिसिस करने में परेशानी का सामना नहीं करना पडेगा।  उक्त कार्यक्रम में मेडिसिन विभाग के आचार्य डॉ अरविंद कुमार,डीन पैरामीडिकल पाठ्यक्रम एवं आचार्य डॉ योगेश मणिक, डॉ स्नेहलता वर्मा,डॉ तरुण पाल, जूनियर रेसिडेंट डॉक्टर,नर्सिंग स्टाफ आदि उपस्थित रहे। प्राचार्य डॉ आर सी गुप्ता ने गुर्दा रोग विभाग तथा क्लिनिकल सोसाइटी को कार्यक्रम के सफल संचालन हेतु शुभकामनाएँ दी।

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