जज के घर पर नकदी मिलने के मामले में एफआईआर की मांग

याचिका पर तत्काल सुनवाई से सुप्रीमकोर्ट का इनकार
नई दिल्ली (एजेंसी)।
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट के जज यशवंत वर्मा के सरकारी घर से कथित तौर पर आधी जली हुई नकदी मिलने के मामले में लगी याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया। याचिका में मामले में दिल्ली पुलिस को एफआईआर दर्ज करने का निर्देश देने की मांग की गई थी।
चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ से वकील मैथ्यूज जे नेदुम्परा ने आग्रह किया कि याचिका को तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाए, क्योंकि यह व्यापक जनहित से संबंधित है। इस पर सीजेआई ने कहा कि याचिका पर सुनवाई होगी। वकील ने दलील दी कि सुप्रीम कोर्ट ने सराहनीय काम किया है, लेकिन एफआईआर की जरूरत है। इस पर सीजेआई ने कहा, 'सार्वजनिक बयान न दें।'
मामले में एक महिला और सह-याचिकाकर्ता ने कहा कि अगर ऐसा मामला किसी आम नागरिक के खिलाफ होता तो सीबीआई और ईडी जैसी कई जांच एजेंसियां उसके पीछे लग जातीं। सीजेआई ने कहा, 'यह काफी है। याचिका पर उसी के अनुसार सुनवाई होगी।' नेदुम्परा और तीन अन्य लोगों ने रविवार को एक याचिका दायर कर पुलिस को मामले में एफआईआर दर्ज करने का निर्देश देने की मांग की है।
गौरतलब है कि कथित नकदी की बरामदगी 14 मार्च को रात करीब 11.35 बजे जस्टिस वर्मा के लुटियंस दिल्ली स्थित आवास में आग लगने के बाद हुई। मौके पर अग्निशमन अधिकारी पहुंचे थे। विवाद के मद्देनजर सर्वोच्च न्यायालय के कॉलेजियम ने न्यायमूर्ति वर्मा को उनके पैतृक इलाहाबाद उच्च न्यायालय वापस भेजने की सिफारिश की।

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