इंडस्ट्री 6.0 से बदलेगा औद्योगिक विकास का भविष्य – प्रो. वी.एन. अत्रि

तकनीक का सही इस्तेमाल देश को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा – अजय गुप्ता

सस्टेनेबल एनर्जी अपनाना समय की जरूरत – डॉ. अरुण के. चौधरी

रोबोटिक्स और एआई से नए अवसरों का सृजन होगा – डॉ. वोज्शेक कोवाल्स्की

मेरठ। चौधरी चरण सिंह विवि के सर छोटूराम इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (SCRIET) द्वारा  कुलपति प्रो संगीता शुक्ला के मार्गदर्शन में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन ‘इंडस्ट्री 6.0: ट्रांसफॉर्मिंग द ग्लोब फॉर सस्टेनेबल फ्यूचर’ (ICITGSF-2025) का शुभारंभ  हुआ। दो दिवसीय सम्मेलन विवि परिसर में ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में आयोजित किया जा रहा है। पहले दिन उद्घाटन सत्र के बाद दो तकनीकी सत्रों में कुल 76 शोध पत्र प्रस्तुत किए गए।

 मुख्य अतिथि प्रो. वी.एन. अत्रि (डायरेक्टर, इंटरनेशनल सेंटर फॉर इंडो-पैसिफिक स्टडीज) ने उद्घाटन सत्र में कहा कि “इंडस्ट्री 6.0 औद्योगिक विकास का अगला चरण है, जहां तकनीक और स्थिरता एक साथ आगे बढ़ेंगी। स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग, ऑटोमेशन और ग्रीन टेक्नोलॉजी के जरिए उद्योगों को अधिक कुशल और टिकाऊ बनाया जा सकता है।”

विशिष्ठ अतिथि अजय गुप्ता (उद्योगपति एवं समाजसेवी) ने कहा कि “आज हमें तकनीक को केवल प्रोडक्शन बढ़ाने के लिए नहीं, बल्कि समाज और पर्यावरण के हित में भी इस्तेमाल करना होगा। इंडस्ट्री 6.0 नई नौकरियों और सतत विकास के अवसर प्रदान करेगी।”

ऑफलाइन मोड के मुख्य वक्ता डॉ. अरुण के. चौधरी (वैज्ञानिक, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, भारत सरकार) ने सौर ऊर्जा और हरित तकनीक पर जोर देते हुए कहा कि “सस्टेनेबल एनर्जी अब कोई विकल्प नहीं, बल्कि हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। इंडस्ट्री 6.0 में ऊर्जा दक्षता और नवीकरणीय ऊर्जा का अधिक उपयोग होगा, जिससे हम पर्यावरण को सुरक्षित रखते हुए आगे बढ़ सकते हैं।”

 ऑनलाइन मोड के मुख्य वक्ता डॉ. वोज्शेक कोवाल्स्की (इंस्टीट्यूट ऑफ ऑटोमेशन एंड रोबोटिक्स, पोझन विश्वविद्यालय, पोलैंड) ने रोबोटिक्स और ऑटोमेशन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि “इंडस्ट्री 6.0 में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स से उत्पादन प्रक्रिया अधिक प्रभावी और तेज होगी। इससे उद्योगों में गुणवत्ता और दक्षता बढ़ेगी।”

सम्मेलन में विश्वविद्यालय के प्रो-वाइस चांसलर प्रो. मृदुल कुमार गुप्ता  ने कहा कि "हम चाहते हैं कि हमारे छात्र नई तकनीकों को सीखें और उन्हें अपने करियर में अपनाएं। इंडस्ट्री 6.0 भारत को तकनीकी रूप से मजबूत बनाने में मदद करेगी, और इस तरह के सम्मेलन छात्रों को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने में सहायक होंगे।" प्रो. एस.एस. गौरव (प्रमुख, जेनेटिक्स और प्लांट ब्रीडिंग विभाग), प्रो. दिनेश कुमार (मुख्य छात्रावास अधीक्षक ) ने भी इंडस्ट्री 6.0 के सामाजिक और आर्थिक प्रभावों पर अपने विचार रखे।

पहले दिन दो तकनीकी सत्र आयोजित किए गए, जिनमें कुल 76 शोध पत्र प्रस्तुत किए गए। इन सत्रों की अध्यक्षता प्रो. संजय कुमार, प्रो. विजय कुमार, प्रो. रविंद्र कुमार और डॉ. अवदेश प्रताप ने की। सत्रों में डॉ. पंकज कुमार, डॉ. निधि भाटिया, डॉ. राणु गर्ग और डॉ. विकास जैन  उपस्थित रहे।

सम्मेलन के आयोजन में प्रो. नीरज सिंघल (संयोजक), डॉ. शिवम गोयल (ऑर्गनाइजिंग सचिव), डॉ. शोभित सक्सेना (को-कन्वीनर), डॉ. अर्पित छाबड़ा, डॉ. दिव्या शर्मा, डॉ. गौरव त्यागी और डॉ. विजय राम (संयुक्त सचिव) की अहम भूमिका रही।इस आयोजन में इंडियन बैंक (SCRIET शाखा), IWRS मेरठ चैप्टर, इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियर्स मेरठ चैप्टर और तरंग प्रिंटर्स एंड स्टेशनर्स का सहयोग रहा।विश्वविद्यालय के कई छात्र-छात्राओं ने इस सम्मेलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सिद्धार्थ, पल्लव चौधरी, देवांग शौर्य प्रताप सिंह, अनुभव सिंह, तनीया, आयुष, हर्षित, अनन्या त्यागी, आदर्श उपाध्याय और अंकित कुमार ने विभिन्न व्यवस्थाओं में सक्रिय भागीदारी निभाई।

इस सम्मेलन से छात्रों को इंडस्ट्री 6.0 की नई तकनीकों के बारे में जानकारी मिली।उन्होंने समझा कि  आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स और सस्टेनेबल एनर्जी कैसे भविष्य को प्रभावित करेंगे।तकनीकी बदलावों के कारण आने वाली नई नौकरियों और अवसरों के बारे में जागरूकता बढ़ी।यह सम्मेलन एक ऐसा मंच बना, जहां उद्योगों, शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं ने अपने विचार साझा किए, जिससे छात्रों को सीखने का वास्तविक अनुभव मिला।सम्मेलन का दूसरा दिन (7 मार्च 2025) भी विभिन्न तकनीकी सत्रों और विशेषज्ञों के व्याख्यानों से भरपूर रहेगा। इंडस्ट्री 6.0 के महत्वपूर्ण पहलुओं पर गहन चर्चा की जाएगी और यह सम्मेलन आने वाले समय में उद्योगों और शिक्षा जगत के लिए एक नई दिशा तय करेगा।

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