अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में उभरी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ब्लॉकचेन की संभावनाएं
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मानव मस्तिष्क का पूरक है, प्रतिस्थापन नहीं – कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला
ब्लॉकचेन और AI भारतीय कृषि के भविष्य को बदल सकते हैं – प्रो. शिवराम
रोबोटिक्स और AI नई पीढ़ी के लिए वरदान– प्रो. अशोक के. नागवत
AI और मानवीय भावनाओं का समन्वय सामाजिक विकास की कुंजी– प्रो. पास्टर
सीसीएसयू में तीन दिवसीय हाइब्रिड इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ
मेरठ । चौधरी चरण सिंह विवि परिसर स्थित सर छोटू राम अभियांत्रिकी एवं तकनीकी प्रौद्योगिकी संस्थान में कंप्यूटर साइंस विभाग एवं एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग विभाग के संयुक्त तत्वावधान में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ अटल सभागार में किया गया। यह सम्मेलन ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से संचालित हो रहा है और इसका मुख्य विषय "इनोवेटिव कंप्यूटिंग एवं कम्युनिकेशन इन फील्ड ऑफ़ लाइफ साइंस, एग्रीकल्चर एवं टेक्नोलॉजी" है।
कार्यक्रम संयोजक एवं कंप्यूटर साइंस विभाग के समन्वयक इंजीनियर मिलिंद तथा सह-संयोजक इंजीनियर जे आर बेंथम के अनुसार, इस हाइब्रिड कॉन्फ्रेंस में देश-विदेश के सात से अधिक विश्वविद्यालयों के प्रतिष्ठित कुलपति, निदेशक, प्रोफेसर और शोधकर्ता सहभागिता कर रहे हैं।
चौधरी चरण सिंह विवि की कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि मानव मस्तिष्क अपनी क्षमता में अद्वितीय है, और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आने वाले वर्षों में इसे पूरक रूप से सशक्त बना सकता है। उन्होंने कहा कि एआई न केवल तकनीकी विकास को गति देगा, बल्कि जीवन के हर क्षेत्र में असीमित संभावनाओं को जन्म देगा।
मुख्य अतिथि प्रो. अशोक के. नागवत (वाइस चांसलर, दिल्ली स्किल्स एंड एंटरप्रिन्योर यूनिवर्सिटी , नई दिल्ली) ने AI और रोबोटिक्स को नई पीढ़ी के लिए वरदान बताया और इसके सही दिशा में उपयोग को बढ़ावा देने पर बल दिया।
पहले तकनीकी सत्र में फिलीपींस विश्वविद्यालय के प्रो. पास्टर ने AI और मानवीय भावनाओं के समन्वय से मिलने वाली नई संभावनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि AI को मानवीय मूल्यों के साथ जोड़ा जाए, तो यह समाज के लिए एक क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकता है।
दूसरे तकनीकी सत्र में मलेशिया विश्वविद्यालय के प्रो. शिवराम ने भारतीय कृषि में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी की महत्वपूर्ण भूमिका पर विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने बताया कि ब्लॉकचेन का उपयोग कृषि क्षेत्र में डेटा सुरक्षा, खाद्य आपूर्ति शृंखला और पारदर्शिता बढ़ाने में किया जा सकता है।इसके अलावा, डॉ. बी. कालिया , (चेक रिपब्लिक)ने कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी के विभिन्न क्षेत्रों में AI के उपयोग पर व्याख्यान दिया
सम्मेलन में प्रमुख व्यक्तित्वों की उपस्थिति
कार्यक्रम में डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. भूपेंद्र सिंह, विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो. जयमाला, निदेशक (अनुसंधान) प्रो. बीरपाल सिंह, एवं अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।संस्थान के निदेशक प्रो. नीरज सिंघल ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर डॉ स्वाति अग्रवाल, डॉ बीनू, डॉ कुमकुम, डॉ रूपल, रश्मि तेवतिया, डॉ. मोनिका गौर, रंजू, डॉ. कपिल , विजय कुमार उपस्थित रहे,डॉ. स्वाति सिंह ने कार्यक्रम का सफल संचालन किया।यह सम्मेलन अगले दो दिनों तक जारी रहेगा, जिसमें तकनीकी सत्रों और विशेषज्ञ वक्तव्यों के माध्यम से उन्नत टेक्नोलॉजी, कृषि और लाइफ साइंस के समावेशी विकास पर विस्तृत चर्चा की जाएगी।


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