नई कवायद, डेरियाें पर लगाए जाएंगे सीसीटीवी कैमरें 

इलमा अज़ीम 
मेरठ के सरधना में गोकशी पर नकेल कसने की तैयारी शुरू हो गई है। पुलिस की ओर से की जा रही इस कवायद के तहत सभी डेयरियों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएँगे। स्थानीय पुलिस को इस संबंध में दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं। बताया जा रहा है कि एसएसपी ने गोकशी की घटनाओं पर पूर्ण नियंत्रण के लिए अभियान चलाने के आदेश किए हैं। 
जिनके अनुपालन में व्यवस्था की गई है कि नगर की सभी डेयरियों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, ताकि गोकशी की घटनाओं पर नजर रखी जा सके। इसी के साथ पुलिस गोकशों के सत्यापन का अभियान चला रही है, ताकि गोकशी में शामिल लोगों की पहचान की जा सके। पुलिस गोकशी में शामिल लोगों के खिलाफ 151 की कार्रवाई भी करेगी। 


बताते चलें कि तमाम प्रयासों के बाद भी गोकशी की घटनाएं सामने आती रही हैं। उधर, प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मानना है कि गाय हिन्दू के लिए मां के समान है। उत्तर प्रदेश ने गोहत्या को लेकर प्रदेश में पहले से ही कड़ा कानून बना रखा है। इसके तहत प्रदेश में गोकशी पर 10 साल की सजा और 5 लाख तक के जुर्माने का प्रावधान है। वहीं, गोवंश के अंग भंग पर सात साल की जेल और 3 लाख के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। योगी सरकार ने वर्ष 2020 में ही गोकशी पर अध्यादेश लाने के साथ इसे कानून का रूप दिया था। 
उत्तर प्रदेश गोवध निवारण (संशोधन) अधिनियम 2020 में योगी सरकार ने कई नए प्रावधानों को जोड़ा था, जिससे प्रदेश में गोकशी करना आसान नहीं रह गया है। इसके तहत, उत्तर प्रदेश में गोकशी या गोवंश की तस्करी के अपराधों में सजा और कड़ी कर दी गई है। इस अधिनियम के तहत गोवंश की तस्करी पर 10 साल तक की जेल और दोबारा दोषी पाए जाने पर सजा दोगुनी हो सकती है। 


इससे पूर्व के कानून में गोवंश के वध या इस नीयत से तस्करी पर न्यूनतम सजा का प्रावधान नहीं था। लेकिन संशोधित अधिनियम में गोकशी पर न्यूनतम 3 साल की सजा और न्यूनतम 3 लाख जुर्माना तय किया गया है। वहीं, गोवंश को अंग भंग करने पर भी कम से कम 1 साल की सजा और 1 लाख का न्यूनतम जुर्माना होगा। बावजूद इसके गोकशी की घटनाओं पर रोक नहीं लग पा रही है। अब स्थानीय पुलिस ने गोकशी को रोकने का सकारात्मक बीड़ा उठाया है। सफलता कितनी मिलेगी यह भविष्य के गर्भ में छिपा है।


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