66 करोड़ से​ ज्यादा श्रद्धालुओं ने महाकुंभ में लगाई  डुबकी

महाशिवरात्रि के साथ सम्पन्न हुआ महाकुंभ, 45 दिन संगम पर दिखा सनातनी वैभव 

प्रयागराज। महाकुंभ नगर में 45 दिनों तक चलने वाला महाकुंभ बुधवार का संपन्न हो गया। हालांकि, मां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के अविरल तट पर आस्था जन प्रवाह अब भी बना हुआ है। 45 दिन का यह आयोजन 66 करोड़ से अधिक सनातनियों के समागम का साक्षी बना। महाशिवरात्रि पर भी श्रद्धालुओं की काफी भीड़ रही, जिन्होंने  त्रिवेणी तट पर पावन डुबकी लगाई। परमब्रह्म ब्रह्माजी की इस यज्ञ भूमि पर संतों के शिविरों में कई संकल्प पारित हुए तो केंद्र एवं कई राज्यों की सरकारों ने देश एवं तथा प्रदेश के विकास का मैप प्रस्तुत किया। 

त्रिवेणी तट पर हिलोरे मारती आस्था के बीच सामाजिक, धार्मिक, आर्थिक हर पहलू पर नई लकीरें भी खींची गई। संभवत: कुंभ 2031 में इससे भी बड़ी लकीर खींची जा सके। इन्हीं संकल्पों एवं संभवनाओं के साथ संंत विदा हो चुके तो सरकार में एवं प्रशासन ने भी मेला समेटना शुरू कर दिया है। 45 दिन तक चलने वाला महाकुंभ महाशिवरात्रि स्नान पर्व के साथ बुधवार को संपन्न हो गया। इन दिनों में पूरी दुनिया मानों यहां सिमटी दिखाई दी और सनातन धर्म के वैभव का हिस्सा बनने के साथ आध्यात्मिक चेतना का आत्मसात किया। राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, रक्षा मंत्री समेत अधिकांश केंद्रीय मंत्री, मुख्य चुनाव आयुक्त, शीर्ष नौकरशाहों के अलावा उद्योगपति गौतम अडानी, मुकेश अंबानी, एप्पल के सह संस्थापक स्टीव जॉब्स की पत्नी पावेल जॉब्स,अक्षय कुमार समेत कई बड़े फिल्म स्टार समेत कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों के अलावा 76 देश के प्रतिनिधि महाकुंभ की भव्यता को देखा तो देश और कई प्रदेशों की सरकारें भी तीर्थों के राजा के आगे नतमस्तक हुई।

महाकुंभ के अंतिम स्नान पर्व महाशिवरात्रि पर उमड़ने वाली भीड़ के मद्देनजर मंगलवार शाम चार बजे से ही मेला क्षेत्र और शाम छह बजे से प्रयागराज कमिश्नरेट क्षेत्र को नो व्हीकल जोन घोषित किया गया है। मेला प्रशासन की ओर से जारी एडवाइजरी जारी कर मेला क्षेत्र के सबसे नजदीकी घाट पर ही स्नान कर स्नान करने का आग्रह किया गया। 


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