-वैंकटेश्वरा में “बौद्धिक संपदा अधिकार कानून एवं भारतीय युवाओं के लिए अंतरराष्ट्रीय कानून के क्षेत्र में कैरियर अवसर” विषय पर एकदिवसीय ‘वैश्विक संगोष्ठी’

- विश्वविद्यालय एवं अंतरराष्ट्रीय प्रेरक वक्तायूनाइटेड किंगडम में अंतरराष्ट्रीय कानून विशेषज्ञ लन्दन यूनिवर्सिटी से आयी डा. अंजलि एस. डोहार्टी ने उपस्थित छात्र- छात्राओं को “बौद्धिक संपदा अधिकार कानून (आई.पी.आर.), साइबर लॉ एवं इंटरनेशनल रिलेशनशिप कानून” के क्षेत्र में यू.के., यू.एस. एवं यूरोपियन देशों में विभिन्न कैरियर विकल्पों की विस्तार से जानकारी दी 

-बौद्धिक सम्पदा अधिकार कानून जैसे सशक्त कानूनों के कापीराईट एक्ट, पेटेन्ट एक्ट, ट्रेडमार्क्स एक्ट, डिजाईन एक्ट, प्रोटेक्शन ऑफ प्लांटस एवं फार्मर्स राइट्स जैसे प्रभावी प्रावधानों के कारण पूरे विश्व में मानवीय सृजनशीलता अपने चरम पर है- डा. अंजली एस. डोहार्टी अंतरराष्ट्रीय लॉ एक्सपर्ट, लन्दन 

-आज भारत में इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स (आई.पी.आर.) के प्रभावी रूप से लागू होने से पूरे विश्व में देश की साख बढ़ी है-  सुधीर गिरि संस्थापक अध्यक्ष वैंकटेश्वरा समूह 

-बौद्धिक सम्पदा अधिकार से जहां एक ओर नक्कालों एवं जालसाजों पर रोक लगी है, वही दूसरी ओर साइबर कानून आपकी प्राइवेसी (निजता), गोपनीयता एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के दुरूपयोग को नियंत्रित करता है – डा. राजीव त्यागी प्रतिकुलाधिपति श्री वैंकटेश्वरा

मेरठ। आज राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित श्री वैंकटेश्वरा विश्वविद्यालय / संस्थान में “बौद्धिक सम्पदा अधिकार कानून एवं अंतरराष्ट्रीय कानून के क्षेत्र में भारतीय युवाओं के लिए कैरियर अवसर” विषय पर एकदिवसीय वैश्विक संगोष्ठी का शानदार आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य वक्ता /अतिथि के रूप में प्रतिभाग करते हुए यूनाइटेड किंगडम लन्दन से आयी अंतरराष्ट्रीय कानून विशेषज्ञ डा. अंजली एस. डोहार्टी ने ‘बौद्धिक सम्पदा कानून अधिकार’ को विस्तार से समझाते हुए अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में भारतीय युवाओं के लिए विभिन्न कैरियर संभावनाओं पर प्रकाश डाला ।

श्री वैंकटेश्वरा विश्वविद्यालय / संस्थान के डा. सी.वी. रमन सभागार में “बौद्धिक सम्पदा अधिकार कानून एवं अंतरराष्ट्रीय कानून के क्षेत्र में भारतीय युवाओं के लिए कैरियर संभावनाएं” विषय पर आयोजित एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का शुभारम्भ संस्थापक अध्यक्ष  सुधीर गिरि, मुख्य अतिथि / वक्ता एवं अंतरराष्ट्रीय कानून विशेषज्ञों डा. अंजली एस. डोहार्टी, प्रतिकुलाधिपति डा. राजीव त्यागी, कुलपति प्रो. (डा.) कृष्ण कान्त दवे, वरिष्ठ साहित्यकार प्रो. (डा.) मधु चतुर्वेदी आदि ने सरस्वती माँ की प्रतिमा के सन्मुख दीप प्रज्ज्वलित करके किया ।



एकदिवसीय वैश्विक संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए मुख्य वक्ता लन्दन से आयी अंतरराष्ट्रीय कानून विशेषज्ञ डा. अंजली एस. डोहार्टी ने कहा कि आज के इस डिजिटल युग में बौद्धिक सम्पदा अधिकार कानून, इंटरनेशनल रिलेशनशिप कानून, साइबर लॉ आदि क्षेत्रों में वैश्विक स्तर पर भारतीय युवाओं के लिए ढेरों अवसर है। आज बौद्धिक सम्पदा अधिकार कानूनों के माध्यम से जहा बुद्धिजीवी लोग अपनी बौद्धिक संपदाओं को कापीराईट एक्ट एवं पेटेंट एक्ट द्वारा डुप्लीकेसी एवं पाइरेसी से बचा रहे है, वही दूसरी ओर साइबर लॉ जैसे कानून के माध्यम से आज हम अपनी प्राइवेसी (निजता/गोपनीयता) की रक्षा के साथ-साथ अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के दुरूपयोग को भी रोकने में सफल रहे है | लॉ, आई टी, सोशल वर्क, डिजिटल एवं तकनीक के क्षेत्र से जुड़े भारतीय युवाओं के लिए आज यू. के. एवं यू.एस. समेत यूरोपियन देशों में लाखों कैरियर संभावनाएं उपलब्ध है ।

अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी को प्रतिकुलाधिपति डा. राजीव त्यागी, कुलपति प्रो. (डा.) कृष्ण कान्त दवे, कुलसचिव प्रो. पीयूष पांडेय, डा. मधु चतुर्वेदी आदि ने भी सम्बोधित किया | इस अवसर पर समूह सलाहकार डा. आर एस. शर्मा, डा. राजेश सिंह, डा. टी.पी.सिंह, डा. सी.पी. सिंह, डा. योगेश्वर शर्मा, डा. लक्ष्मण सिंह रावत, डा. दिनेश गौतम, डा. ओमप्रकाश गुसाई, डा. अश्विन सक्सेना, डा. मनीष शर्मा, डा. आशुतोष, डा. अरुण गोस्वामी मेरठ परिसर से डा. प्रताप सिंह एवं मीडिया प्रभारी विश्वास राणा आदि लोग उपस्थित रहे |

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