प्रो. संगीता शुक्ता मेरठ विवि की फिर बनी कुलपति
कुलाधिपति आनंदीबिन पटेल ने तीन साल के स्थाई नियुक्त किया
मेरठ। बीते तीन वर्षों में चौ. चरण सिंह विवि की राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पर रैंकिंग में उपस्थिति दर्ज कराने पर कुलपति प्रो. संगीता शुक्ला को एक बार फिर तीन वर्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई है। कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने प्रो. शुक्ला को आगामी तीन वर्ष के लिए विवि का स्थाई कुलपति नियुक्त कर दिया है। इस घोषणा के साथ ही विवि में कुलपति पद को लेकर बीते दो हफ्ते से जारी कयास और अनेक नामों के दावों पर विराम लग गया। विवि के 59 वर्षों के इतिहास में प्रो. शुक्ला लगातार दो कार्यकाल हासिल करने वाली दूसरी कुलपति होंगी। इसी अवधि में वह बतौर महिला कुलपति दो कार्यकाल लेने वाली पहली कुलपति भी रहेंगी। इससे पहले प्रो. एनके तनेजा विवि में लगातार दो बार स्थाई कुलपति बनने में सफल हुए थे।
सोमवार अपराह्न तीन बजे प्रो. शुक्ला को तीन वर्ष तक स्थाई कुलपति नियुक्त करने की घोषणा हो गई। आदेश मिलते ही कुलपति प्रो. शुक्ला को विवि में शुभकामनाएं देने वालों का तांता लग गया। शाम पौने पांच बजे प्रो. शुक्ला ने बतौर कुलपति दूसरी बार कार्यभार ग्रहण कर लिया।
सीसीएसयू में कुलपति की घोषणा के बाद अब नजर सहारनपुर विवि पर टिक गई है। सहारनपुर विवि में भी इसी हफ्ते कुलपति की घोषणा होनी है। सूत्रों के अनुसार, सहारनपुर विवि को भी पहली बार महिला कुलपति मिलने की उम्मीद है। चौ. चरण सिंह विवि कैंपस की महिला प्रोफेसर सहारनपुर विवि में कुलपति की दौड़ में सबसे आगे हैं। माना जा रहा है कि इन महिला प्रोफेसर का नाम लगभग तय है। इससे पहले भी यह महिला प्रोफेसर यूपी के अन्य विवि में कुलपति पद के लिए इंटरव्यू दे चुकी हैं, लेकिन इस बार सभी समीकरण उनके पक्ष में हैं।
दावे और विरोध पर विराम, तीन साल काम का इनाम
सीसीएसयू में कुलपति पद के लिए तमाम दावे किए जा रहे थे। कुछ लोग सोशल मीडिया पर लगातार विरोध में पोस्ट कर रहे थे। विवि में प्रो. शुक्ला का तीन वर्षों का काम इन सभी विरोध और दावों पर भारी पड़ा। प्रो. शुक्ला ने सभी दावों और विरोध को एकतरफ कर अपने काम से फिर से कुलपति की नियुक्ति पाने में सफलता पा ली।
काम जो गए प्रो.शुक्ला के पक्ष में
- नैक में ए प्लस प्लस रैंकिंग
- क्यूएस एशिया रैंक में सीसीएसयू की मौजूदगी
- एनआईआरएफ में पहली बार विवि 150-200 रैंक बैंड में
- क्लेरीवेट द्वारा रिसर्च एक्सीलेंस अवार्ड, यूपी में राज्य विवि में टॉप पर
- महिला श्रेणी में एक्सीलेंस साइटेशन अवार्ड 2023
- यूपी में खेलो इंडिया में पहली रैंक
- पेटेंट ग्रांट श्रेणी में सीसीएसयू को देश में चौथी रैंक
- पीएम ऊषा में विवि सौ करोड़ की ग्रांट पाने में सफल
लेकिन चुनौतियां भी कम नहीं
लगातार दूसरी बार कुलपति पद की जिम्मेदारी पाने में सफल रहीं प्रो. संगीता शुक्ला के लिए दूसरे कार्यकाल में चुनौतियां भी कम नहीं होंगी। सबसे बड़ी चुनौती छात्र और आम लोगों से नहीं मिलने की बनी आम धारणा की है। छात्रों का विरोध भी कुलपति के सीधे नहीं मिलने पर है। दूसरी चुनौती, कैंपस से बाहर तक लगातार विरोध में जुटी लॉबी से होगी। यह लॉबी अपना विरोध तेज कर सकती है। इसके पीछे एक कारण यह भी है क्योंकि यह लॉबी जिस दावेदार के नाम पर कुलपति नियुक्त होने के लिए आश्वस्त थी, वह नहीं हुआ। ऐसे में भी विरोध तेज होगा।
बोली कुलपति
मैं इस जिम्मेदारी को स्वीकार करते हुए विवि की समृद्धि और प्रगति के लिए हर संभव प्रयास करने के लिए प्रतिबद्ध हूं। हमारा उद्देश्य शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में चौ. चरण सिंह विवि को नई ऊंचाइयों तक ले जाना है।
प्रो. संगीता शुक्ला, कुलपति, सीसीएसयू
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