एनसीवीईटी ने भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र को अवार्डिंग बॉडी के रूप में मान्यता दी

मेरठ। एक ऐतिहासिक घटनाक्रम के रूप में भारत सरकार के कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के नेशनल काउसंलि फॉर वोकेशनल एजुकेशन एंड ट्रेनिंग ने आधिकारिक तौर पर भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र को अवार्डिंग बॉडी के रूप में मान्यता दी है।

अंतरिक्ष क्षेत्र में व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण लैंडस्केप को मजबूत करने के उद्देश्य से इस समझौते पर एमएसडीई के सचिव और एनसीवीईटी के अध्यक्ष अतुल कुमार तिवारी की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए। व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण के लिए राष्ट्रीय विनियामक के रूप में कार्यरत एनसीवीईटी, देश भर में कौशल विकास पहलों के मानकों को निर्धारित करने, विनियमन विकसित करने और उनकी गुणवत्ता और परिणामों में सुधार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के सचिव और एनसीवीईटी के अध्यक्ष अतुल कुमार तिवारी ने भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में कुशल कार्यबल की बढ़ती आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जैसा कि भारत अपनी स्पेस एक्सप्लोरेशन क्षमताओं का विस्तार करना और उभरती टेक्नोलॉजी को एकीकृत करना जारी रखता है तो एक हाईली स्किल्ड टैलेंट पूल तैयार करना महत्वपूर्ण है। स्पेस वेंचर में प्राइवेट सेक्टर की बढ़ती भागीदारी के साथ यह सुनिश्चित करना पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है कि हमारा वर्कफोर्स अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करे, इनोवेशन को आगे बढ़ाए और वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को बनाए रखे।

इस विज़न का समर्थन करते हुए तिवारी ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के साथ कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर भी प्रकाश डाला। इस एमओयू के तहत इसरो द्वारा टेक्निकल ट्रेनिंग प्रोग्राम बेंगलुरु, मुंबई और तिरुवनंतपुरम में राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थानों (एनएसटीआई) में शुरू किया गया था। इस कार्यक्रम का लक्ष्य अंतरिक्ष विभाग (इसरो) के 4,000 से अधिक तकनीकी कर्मचारियों को कुशल बनाना है। इन-स्पेस में प्रमोशन डायरेक्टरेट के निदेशक डॉ. विनोद कुमार ने इस एग्रीमेन्ट पर हस्ताक्षर के दौरान संगठन का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने मान्यता देने के बारे में अपना उत्साह व्यक्त करते हुए कहा यह मान्यता भारत के बढ़ते अंतरिक्ष सेक्टर के लिए एक कुशल कार्यबल बनाने के हमारे प्रयासों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। अपने प्रशिक्षण कार्यक्रमों को स्पेस इंडस्ट्री की मांगों के साथ जोड़कर, हमारा लक्ष्य देश के महत्वाकांक्षी अंतरिक्ष प्रयासों का समर्थन करने और विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए शिक्षार्थियों को आवश्यक ज्ञान और व्यावहारिक विशेषज्ञता से लैस करना है। एनसीवीईटी अवार्डिंग बॉडी और असेसमेंट एजेंसियों की मान्यता और विनियमन के लिए जिम्मेदार है जो उद्योग की मांगों को पूरा करने के लिए अत्यधिक कुशल कार्यबल विकसित करने में सहायक हैं।

भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र अंतरिक्ष विभाग के तहत एक ऑटोनॉमस एजेंसी के रूप में कार्य करता है, जो लॉन्च व्हीकल्स और सैटेलाइट के विकास और अंतरिक्ष-आधारित सेवाओं सहित विभिन्न अंतरिक्ष गतिविधियों को बढ़ावा देने और सक्षम बनाने के लिए समर्पित है। एक अवार्डिंग बॉडी के रूप में इन-स्पेस की मान्यता उसके विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रमों को मानकीकृत और मान्यता देने, उन्हें राष्ट्रीय और ग्लोबल फ्रेमवर्क के साथ संरेखित करने और स्किल इंडिया मिशन जैसी प्रमुख राष्ट्रीय पहलों के साथ अधिक एकीकरण की सुविधा प्रदान करने में मदद करेगी।

यह सहयोग इन-स्पेस को सैटेलाइट मैन्युफैक्चरिंग, कृषि में स्पेस टेक्नोलॉजी, लॉन्च व्हीकल्स के लिए मिशन डिजाइन, ऑर्बिट मैकेनिक्स और स्पेस प्रोपल्शन सिस्टम में एडवांस जैसे क्षेत्रों में अत्याधुनिक प्रशिक्षण प्रदान करने में सक्षम बनाएगा। एनसीवीईटी ने इन-स्पेस द्वारा प्रस्तुत निम्नलिखित छह राष्ट्रीय व्यावसायिक मानकों (एनओएस) को पहले ही मंजूरी दे दी है।



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