वसुंधरा-ए रिदम ऑफ नेचर थीम पर जीटीबी में धूमधाम से मनाया गया 49 वां वार्षिकोत्सव 

 मेरठ। कैंट स्थित गुरू तेग बहादुर पब्लिक स्कूल में आज 49वें वार्षिक दिवस समारोह का आयोजन बड़े ही धूमधाम से विभिन्न प्रकार सांस्कृतिक कार्यक्रमों द्वारा किया गया।

चेयरमैन, सरदार इन्द्रजीत सिंह सालवान, व प्रधानाचार्य ने अतिथियों का स्वागत पौधें, शॉल व मोमेंटो देकर किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि डॉ. राजकुमार सांगवान व अन्य गणमान्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलित कर गणेश वंदना के साथ किया गया।

कार्यक्रम का टाइटल "वसुंधरा-ए रिदम ऑफ नेचर रखा गया। जिसमें धरा को बचाने, पृथ्वी के पांचों तत्वों के बारे में दर्शाते हुए विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए।इसके बाद छात्रों ने पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए विभिन्न आकर्षक प्रस्तुतियां दी जिसमें तांडव नृत्य में धरती मां की नाराजगी, फ्यूजन, प्लैनेट सॉन्ग, पंचतत्व में अग्नि, वायु, हवा, आकाश, धरती के सभी रंगों को दर्शाते हुए वसुंधरा को बचाने के लिए एक सुंदर संदेश रंगारंग कार्यक्रम के रूप में दर्शकों के सामने पेश करते हुए सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया। कार्यक्रम के समापन में पंजाब के प्रसिद्ध लोक नृत्य भागंडा के मोहक प्रदर्शन ने सभी दर्शकों को अपनी जगह पर थिरकने को मजबूर कर दिया तथा जिसको सभी दर्शकों ने खूब सराहा।

कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि डॉ. राजकुमार सांगवान ने छात्रों को संबोधित किया और उन्हें जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा शिक्षा ही हमारे जीवन का मार्गदर्शक है तथा हमें अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए।
49वें वार्षिक समारोह में उपस्थित मुख्य अतिथि सांसद डॉ. राजकुमार सांगवान,विशिष्ट अतिथियों में पूर्व सांसद राजेन्द्र अग्रवाल,आर. पी. सिंह, ज्वाइंट सेक्रेटरी, स्कील एजुकेशन, सीबीएससी, विधायक अमित अग्रवाल, नगरायुक्त सौरभ गंगववार, प्रमुख राजनेता व विभिन्न स्कूलों के गणमान्य प्रधानाचार्य भी उपस्थित रहें।

अंत में  यशकरण सिंह सालवान  ने वोट ऑफ थैंक्स दिया। साथ स्कूल प्रधानाचार्य डॉ. कर्मेन्द्र सिंह ने सभी अतिथियों, शिक्षकों, छात्रों एवं परिसर के प्रत्येक सदस्य का धन्यवाद किया और कहा कि इस प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम छात्रों की प्रतिभा और सृजनत्मकता को प्रदर्शित करने का एक उत्कृष्ट अवसर प्रदान करते हैं।कार्यक्रम को सफल बनाने में स्कूल शिक्षकों के साथ-साथ छात्र-छात्राओं एवं परिसर के प्रत्येक सदस्य का विशेष योगदान रहा।

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