संवैधानिक जागरुकता तथा नागरिक उत्तरदायित्व के महत्व को समझाया

वीविंग ऑवर कान्स्टीटूशल ड्रीम्स विषय पर कार्यक्रम का आयोजन 

मेरठ।  शोभित सम विश्वविद्यालय, मेरठ के स्कूल ऑफ लॉ एण्ड कांस्टीटयूशनल स्टडीज ने भारत की समृद्ध संवैधानिक धरोहर को सम्मानित करने, विद्यार्थिर्यो में संविधान मे निहित मूल्यों को समझने और सराहना करने की गहन समझ को विकसित करने के लिए तथा संविधान के प्रति सम्मान की भावना तथा जागरुक और सामाजिक रुप से जिम्मेदार नागरिकों की नई पीढी को पोषित करने की प्रतिबद्धता के साथ ‘‘थ्रेड्स ऑफ जस्टिस: वीविंग आवर कान्स्टीट्यूशनल ड्रीम्स’’ विषय पर प्रेरणादायक कार्यक्रम के साथ संविधान दिवस का समारोह पूर्वक आयोजन किया गया।

 कार्यक्रम, संविधान की उद्देशिका के पठन के साथ आरम्भ हुआ जिसके उपरान्त कार्यक्रम के लिए सकारात्मक माहौल बनाने के लिए ‘माइन्डफुलनेस और मेडीटेशन सत्र’ का आयोजन किया गया जिसमे शारिरिक कल्याण और संवैधानिक मूल्यों के मध्य विद्यमान संबन्ध विशेषतः स्वास्थ्य के अधिकार और समग्र विकास को रेखांकित किया गया। इस सत्र के बाद निबन्ध लेखन व क्विज़ प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं जिनमे संविधान, संवैधानिक संशोधन, मौलिक अधिकारों व कर्तव्यों आदि के बारे में विद्यार्थियों के ज्ञान का परीक्षण किया गया। इन गतिविधियों ने विद्यार्थियों को संवैधानिक विधियों व प्रावधानों के महत्व तथा संवैधानिक आदर्शों के प्रति अपनी सोच व विचार व्यक्त करने के लिए प्रेरित किया।

संविधान दिवस कार्यक्रम मे माननीय कुलाधिपति कुॅवर शेखर विजेन्द्र, ज़िला व सत्र न्यायाधीश मेरठ रजत सिंह जैन, अपर ज़िला व सत्र न्यायाधीश, मेरठ उदयवीर सिंह, सिविल जज (अवर खण्ड) सुश्री कशिश अग्रवाल, सिविल जज (अवर खण्ड) त्वरित न्यायालय प्रवीण तथा निदेशक प्रमोद कुमार गोयल ने अपने प्रेरणादायक संबोधनो से संवैधानिक जागरुकता तथा नागरिक उत्तरदायित्व के महत्व को और अधिक गहराई से समझने तथा संविधानवाद और संवैधानिक संस्कृति को आत्मसात करने के लिए प्रेरित किया। 

इस कार्यक्रम मे छात्रो ने नाटक, कविता, शायरी आदि अन्य प्रस्तुतियों के माध्यम से भी संवैधानिक मूल्यों को प्रभावी रुप से व्यक्त कर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया जिससे उनकी कलात्मक क्षमताओं और नागरिक सिद्धान्तों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का सार्थक प्रदर्शन हुआ। संविधान दिवस समारोह का समापन उपकुलपति प्रोफेसर विनोद कुमार त्यागी व प्रतिकुलपति प्रोफेसर जयानन्द के संवाद व संदेश से हुआ जिन्होने संविधान की न्यायपूर्ण और समतापूर्ण समाज के निर्माण में निरन्तर प्रासंगिकता को रेखांकित किया। उन्होने छात्रों के प्रयासों की सराहना की और अपनी शैक्षिक व प्रोफेशनल जीवन यात्रा में संवैधानिक मूल्य की खोज जारी रखने के लिए प्रेरित किया।

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