एसटीएफ ने सॉल्वर गैंग के एक सदस्य को दबोचा  

 बागपत के बडौत से गिरफ्तार किया गया आरोपी पेपर साल्व करने के लेता था पांच लाख

मेरठ। मेरठ एसटीएफ को गुरूवार को उस समय बडी सफलता मिली जब उसने ऑनलाइन भर्ती परीक्षाओं में रिमोट एक्सेस सॉफ्टवेयर के जरिए पेपर सॉल्व करने वाले गैंग के मेंबर को  बागपत के बड़ौत से गिरफ्तार किया । पकड़ा गया आरोपी राम चौहान उर्फ राम अवतार यूपी पुलिस में कम्प्यूटर ऑपरेटर की ऑनलाईन भर्ती परीक्षा में रिमोट एक्सेस सॉफ्टवेयर के जरिए पेपर सॉल्व कराने वाले गैंग में शामिल था। एसटीएफ गैंग के सरगना रचित चौधरी समेत 12 सदस्यों को पहले गिरफ्तार कर चुकी है।

एसटीएफ मेरठ के एसपी बृजेश कुमार सिंह ने बताया राम चौहान उर्फ राम अवतार भिडूकी, हसनपुर, पलवल हरियाणा का रहने वाला है। आरोपी ने बताया कि वह 12वीं पास है। वर्ष 2015-16 में उसने पलवल से हैंकिंग का 6 माह का कोर्स किया था।कोर्स करने के बाद वर्ष 2021 में राम चौहान ने CTET परीक्षा में हैंकिग की थी। इस मामले में वह नोएडा थाना सैक्टर-58 गौतमबुद्धनगर में पकड़ा गया था और जेल गया था। वर्ष 2024 में इसकी मुलाकात नितिन निवासी गढी रामकोर शामली से हुई थी। नितिन ने उसकी मुलाकात दुहाई गाजियाबाद में कम्प्यूटर लैब चलाने वाले रचित चौधरी से कराई।मास्टर माइंड रचित चौधरी ने बिजेंद्र फौजी निवासी शामली की विधान पब्लिक स्कूल दुहाई गाजियाबाद में स्थित लैब को फर्जी तरीके से अपने नाम से अप्लाई कर 29 जनवरी 2024 से 08 फरवरी 2024 तक सम्पन्न हुई UP पुलिस में कम्प्यूटर ऑपरेटर की ऑनलाइन भर्ती हेतु केन्द्र आवंटित कराया था। एसटीएफ एस पी  बृजेश कुमार सिंह ने बताया ऑनलाइन भर्ती परीक्षा में रिमोट एक्सेस सॉफ्टवेयर के जरिए प्रश्न-पत्र हल कराने के लिए एक कंप्यूटर लैब करीब 250 कंप्यूटर सिस्टम के साथ स्थापित कराई गई। गिरफ्तार राम चौहान कंप्यूटर हैकिंग एक्सपर्ट है। उसने विधान पब्लिक स्कूल में एक कम्प्यूटर लैब में आकर 28 जनवरी 2024 को एक सिस्टम पर कुछ साफ्टवेयर इंस्टॉल कर इस सिस्टम को मास्टर सिस्टम बनाया। ताकि जब जरूरत हो तो लैब में मौजूद अन्य सिस्टम को इस मास्टर सिस्टम के माध्यम से कनेक्ट कर उनका रिमोट एक्सेस ले सके। मास्टर सिस्टम को लैब में मौजूद अपने सहयोगियों की मदद से अलग रखा गया ताकि किसी अभ्यर्थी को परीक्षा के समय उक्त सिस्टम आवंटित न हो।

 एसपी बृजेश कुमार सिंह ने बताया- परीक्षा प्रारम्भ होने से पहले ही लैब में मौजूद अपने सहयोगियों के माध्यम से गैंग का सदस्य रवि लैब में मौजूद मास्टर सिस्टम का रिमोट एक्सेस एनीडेस्क साफ्टवेयर के माध्यम से अपने सिस्टम पर ले लेता था।दूर बैठकर पैसे देने वाले अभ्यर्थियों के पेपर हल कराता था। अभ्यर्थी केवल बैठकर माउस हिलाते रहते थे। गैंग का सरगना प्रत्येक अभ्यर्थी से 4 से 5 लाख रुपये लेता था। राम चौहान को एक अभ्यर्थी की स्क्रीन शेयर करने की एवज में 50 हजार रुपए दिए जाते थे।

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