गर्भनाल तक पहुंच रहा है माइक्रो प्लास्टिक-गिरीश शुक्ला
शिशुओं का इम्यून सिस्टम कर रहा प्रभावित, आरजी गर्ल्स कालेज में सेमिनार
मेरठ। आरजी गर्ल्स डिग्री कॉलेज में गुरुवार को माइक्रो प्लास्टिक अवेयरनेस कार्यक्रम हुआ। इसका आयोजन वसुधा इको क्लब, प्लांट कंजर्वेशन सोसायटी एवं जागरूक नागरिक संगठन ने किया।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता जागरूक नागरिक संगठन संस्था के महासचिव गिरीश शुक्ला ने बताया कभी जीवन को सरल बनाने के लिये ईजाद किया गया प्लास्टिक आज इंसान के लिए मुसीबत बन गया है। अध्ययन के अनुसार गर्भनाल के प्रत्येक ऊतक में 6.5 7.90 माइक्रोग्राम माइक्रोप्लास्टिक मिले हैं। 1950 के दशक की शुरुआत में ही दुनिया प्लास्टिक का इस्तेमाल करने लगी थी, इससे धरती पर प्रति व्यक्ति एक मीट्रिक टन प्लास्टिक का कचरा निकल रहा है। कचरे के यही प्लास्टिक भूजल में जाते हैं, वायु में मिलकर पर्यावरण में पहुंचते हैं। जागरूक नागरिक संगठन के डायरेक्टर डॉ. एके शुक्ला ने प्रेजेंटेशन माइक्रो प्लास्टिक के बारे में बताया कि अध्ययन के अनुसार गर्भनाल के भीतर पहुंचे माइक्रोप्लास्टिक के कण से शिशु के विकास पर असर हो रहा है। आगे चलकर उसका इम्यून सिस्टम भी प्रभावित होता है।
महाविद्यालय की प्राचार्य डा. निवेदिता मलिक ने बताया माइक्रो प्लास्टिक के दुष्प्रभाव को जानें और प्लास्टिक के निस्तारण का भी तरीका निकालें। कार्यक्रम की संयोजिका डॉ. गरिमा मलिक तथा कन्वीनर प्रो. कल्पना चौधरी रहीं। कार्यक्रम का संचालन प्रो.अनुपमा सिंह ने किया।कार्यक्रम में मेज़र सुनील शर्मा डायरेक्टर जागरूक नागरिक संगठन, एसपी सिंह कोऑर्डिनेटर, जागरूक नागरिक संगठन, वसुधा इको क्लब की को-इंचार्ज प्रो. सुनीता, निर्लेप कौर, डॉ. अनुपमा सिंह, डॉ. गीता सिंह, डॉ. मधु मलिक, डॉ. शैलजा, डॉ. गरिमा कुमारी, प्रो. सुनीता, प्लांट कंजर्वेशन सोसायटी की सदस्य संयोगिता कुमारी, अनामिका, डॉ. बबीता मांझी, अंजलि, ईंशा मौजूद रहीं।
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