कानूनी क्षेत्र में नए युग के करियर विकल्प विषय पर अतिथि व्याख्यान
मेरठ। "कानूनी क्षेत्र में नए युग के करियर विकल्प" विषय पर एक विशिष्ट अतिथि व्याख्यान का आयोजन सुभारती इंस्टीट्यूट आफ लॉ, स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय, मेरठ द्वारा किया गया। कार्यक्रम का आयोजन सुभारती लॉ कॉलेज की उद्यमिता कमेटी द्वारा, लॉ कॉलेज के निदेशक राजेश चंद्र (पूर्व न्यायमूर्ति उच्च न्यायालय उत्तर प्रदेश के मार्गदर्शन तथा प्रो. डॉ. वैभव गोयल भारतीय, संकायाध्यक्ष सुभारती इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ के संरक्षण में किया गया।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए उद्यमिता समिति के सदस्य डॉ. अजयराज सिंह द्वारा वक्त अतिथि श्री इंद्रनील बनर्जी, वरिष्ठ सहयोगी, जेएमआर ग्लोबल एडवाइजर्स का जीवन परिचय विद्यार्थियों को दिया गया। प्रो. (डॉ.) रीना बिश्नोई ने अतिथि का स्वागत पौधा भेंट करके किया।
मुख्य वक्ता इंद्रनील बनर्जी द्वारा नए युग में विधि के क्षेत्र में क्या-क्या करियर विकल्प मौजूद हैं के विषय में विस्तार से बताया गया। उन्होंने कहा कि एक कैरियर के रूप में कानून की मांग बहुत ज्यादा है, क्योंकि इसमें शैक्षिक अनुशासन विकसित होता है और यह पुरस्कृत करियर भी प्रदान करता है। इस डिजिटल एरा में यह कई लोगों के लिए नए युग का करियर विकल्प बनकर उभरा है।उन्होंने बताया कि अदालत कक्ष में एक वकील की पारंपरिक छवि प्रत्येक व्यक्ति की व्यक्तिगत पसंद के आधार पर कैरियर पद से कहीं आगे बढ़ गई है।
“मैं क्या बनना चाहता/चाहती हूं” यह मूल प्रश्न है, जो प्रत्येक कानून विद्यार्थी को स्वयं से पूछना चाहिए जो उनके कौशल एवं रुचियां के अनुरूप हो। अपने व्याख्यान के जरिए उन्होंने नए छात्रों के लिए नई दूरंदेशी करियर विकल्पों की रूपरेखा प्रस्तुत की। उदाहरण के लिए व्यवसाय और वाणिज्य में रुचि रखने वाले लोग कॉर्पोरेट कानून अपना सकते हैं। वही बौद्धिक संपदा कानून ने आज के समय में प्रमुखता प्राप्त कर ली है और आविष्कारक और व्यवसायों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए महत्वपूर्ण पेटेंट, ट्रेडमार्क और कॉपीराइट के साथ काम करने की आवश्यकता है। इसके अतिरिक्त उन्होंने बताया कि अध्ययन और रोजगार के लिए एक कार्यक्रम के रूप में नागरिक से लेकर आपराधिक पर्यावरण एवं मानवाधिकार शैक्षणिक और कानूनी पत्र करिता कानून तेजी से बढ़ रहे हैं।
आगे उन्होंने कहा, कि डिजिटल युग में कानूनी पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति कानूनी क्षेत्र के लिए नवीन समाधान बनाने के लिए अपने ज्ञान का लाभ उठा सकते हैं। कानूनी तकनीकी स्टार्टअप शुरू करने से सॉफ्टवेयर एप्स या प्लेटफार्म विकसित करने का मौका मिलता है, जो कानूनी प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करते हैं। ऑनलाइन विवाद समाधान प्रदान करते हैं या सुलभ जानकारी प्रदान करते हैं।
इसके अतिरिक्त वकीलों और न्यायाधीशों की मांग के साथ कानून संबंधी सामग्री की आवश्यकता सर्वकालिक उच्च स्तर पर है। इसलिए लेखन में रुचि रखने वाले कुशल कानूनी छात्र या वकील कानूनी प्रकाशन और सूचनात्मक ब्लॉग में योगदान दे सकते हैं या यूट्यूब या इंस्टाग्राम पर अपना खुद का कानूनी वीडियो सामग्री चैनल भी चला सकते है आदि।
कार्यक्रम के अंत में डॉक्टर प्रेमचंद ने प्रतीक चिन्ह देकर अतिथि को सम्मान ज्ञापित किया। कार्यक्रम के अंत में प्रो. (डॉ.) रीना बिश्नोई द्वारा मुख्य अतिथि को धन्यवाद ज्ञापित किया गया। कार्यक्रम में डॉ. सारिका त्यागी, आफरीन अल्मास, एना सिसोदिया, सोनल जैन, अरशद आलम, आशुतोष देशवाल तथा हर्षित आदि शिक्षक शिक्षिकाएं एवं बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे।
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