अनुशासन वह सेतु है जो विद्यार्थियों को ले जाता है सफलता की ओर - प्रोफेसर बीरपाल सिंह
विश्वविद्यालय विद्यार्थियों के लिए सदैव तत्पर - प्रोफेसर भूपेंद्र सिंह
शिक्षा, शोध और व्यक्तित्व विकास के साथ उत्कृष्ट प्लेसमेंट ,संस्थान का मुख्य उद्देश्य - प्रो अनिल मलिक
सर छोटू राम इंजीनियरिंग कॉलेज में 'आरम्भ 24' के तहत नवागत छात्रों के लिए भव्य ओरिएंटेशन कार्यक्रम
मेरठ । शुक्रवार को सीसीएसयू के सर छोटू राम अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान में बीटेक, एमटेक, एमसीए और बीएससी कंप्यूटर साइंस ऑनर्स के प्रथम वर्ष के नवागत विद्यार्थियों के लिए 'आरम्भ 24' नामक ओरिएंटेशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम नेताजी सुभाष चंद्र बोस परीक्षा गृह में संपन्न हुआ, जिसमें हजारों विद्यार्थियों ने भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना और दीप प्रज्वलन के साथ हुई।
ओरिएंटेशन कार्यक्रम में बीटेक की सातों प्रमुख शाखाओं कंप्यूटर साइंस, इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंस्ट्रूमेंटेशन, केमिकल इंजीनियरिंग, एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग,एमटेक सीएस, एमटेक ई. सी. के साथ-साथ एमसीए और बीएससी कंप्यूटर साइंस ऑनर्स के प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। सभी विभागों के समन्वयकों ने अपने-अपने विभागों की उपलब्धियों, प्लेसमेंट प्रक्रिया, शैक्षणिक प्रणाली, और अनुशासन व्यवस्था के संबंध में जानकारी प्रदान की।
कुलानुशासक प्रो. बीरपाल सिंह ने छात्रों को संबोधित करते हुए अनुशासन के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "अनुशासन वह सेतु है जो विद्यार्थियों को सफलता की ओर ले जाता है। यदि छात्र अनुशासन में रहते हैं तो उन्हें जीवन में किसी भी प्रकार की चुनौती का सामना करने में कठिनाई नहीं होगी। विश्वविद्यालय की रैंकिंग में निरंतर सुधार के पीछे इसका एक महत्वपूर्ण योगदान है।"
छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. भूपेंद्र सिंह ने छात्रों को आश्वासन दिया कि विश्वविद्यालय उनके लिए हर समय खड़ा है। "किसी भी प्रकार की समस्या हो, चाहे वह अनुशासन, पढ़ाई, या किसी अन्य विषय से संबंधित हो, विश्वविद्यालय और उसका प्रशासन सदैव विद्यार्थियों की मदद के लिए तत्पर रहेगा," उन्होंने कहा।
इंजीनियरिंग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, सर छोटू राम इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रोफेसर इंचार्ज प्रो. अनिल मलिक ने कहा, "इंजीनियरिंग केवल शिक्षा प्राप्त करने का ही माध्यम नहीं है, बल्कि शोध और सह पाठ्यक्रम गतिविधियों के द्वारा विद्यार्थियों का समग्र व्यक्तित्व विकास होता है, जो उन्हें उत्कृष्ट प्लेसमेंट प्राप्त करने में मदद करता है।"डीन साइंस प्रो. जयमाला ने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा, "विद्यार्थियों को ‘काक चेष्टा बको ध्यानं’ सूत्र के अनुसार अपने लक्ष्य की ओर धैर्य और अनुशासन के साथ बढ़ना चाहिए। ये गुण जीवन में सफलता की कुंजी हैं।"मुख्य छात्रावास अधीक्षक प्रो. दिनेश कुमार ने नवागत छात्रों को छात्रावास के नियमों और अनुशासन के महत्व से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार छात्रावास में रहने के अनुभव से छात्रों का सर्वांगीण विकास होता है और अनुशासन बनाए रखने से सफलता की राह प्रशस्त होती है।संस्थान के निदेशक प्रोफेसर नीरज सिंघल ने कहा कि 'आरम्भ 24' ओरिएंटेशन कार्यक्रम ने नवागत विद्यार्थियों को न केवल विश्वविद्यालय के अनुशासन, शैक्षणिक प्रक्रियाओं, और प्लेसमेंट के बारे में जानकारी दी, बल्कि उन्हें एक मजबूत शैक्षणिक और सांस्कृतिक वातावरण का हिस्सा बनने का भी अनुभव प्रदान किया।
ओरिएंटेशन कार्यक्रम में विश्वविद्यालय अभियंता मनीष मिश्रा ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए इंजीनियरिंग के विभिन्न अनुप्रयोगों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "इंजीनियरिंग केवल सैद्धांतिक ज्ञान तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके व्यावहारिक अनुप्रयोगों से समाज को सशक्त बनाया जा सकता है।
अनुशासन समिति के समन्वयक इंजीनियर प्रवीण कुमार ने संस्थान में अनुशासन बनाए रखने के लिए आवश्यक प्रक्रियाओं की जानकारी दी और विद्यार्थियों को अनुशासन समिति से परिचित कराया। परीक्षा समन्वयक डॉ. के.आर. बेंथम ने परीक्षा प्रक्रिया की विस्तार से जानकारी दी और विद्यार्थियों को इसके नियमों और प्रक्रियाओं को समझाया।संस्थान के प्लेसमेंट सेल के इंचार्ज डॉक्टर गौरव त्यागी ने विद्यार्थियों को प्लेसमेंट की प्रक्रिया और उससे संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान की। लाइब्रेरी समन्वयक डॉ. पंकज कुमार ने विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी की अचीवमेंट्स और उपयोग के तरीकों पर प्रकाश डाला, जिसमें डिजिटल संसाधनों और शोध सामग्री की उपलब्धता के बारे में जानकारी दी गई।एससी एसटी सेल के समन्वयक डॉक्टर कपिल कुमार ने सेल की प्रक्रिया पर प्रकाश डाला। वूमेन सेल की समन्वयक डॉक्टर अर्चना त्रिवेदी ने किसी भी प्रकार की ग्रीवेंस को किस प्रकार सुना जाता है पूरी प्रक्रिया को विस्तार से बताया। साहित्यिक सांस्कृतिक परिषद की समन्वयक डॉक्टर दिव्या शर्मा ने पूरे साल भर साहित्यकार परिषद की चलने वाली गतिविधियों पर प्रकाश डाला।ऐडमिशन सेल के समन्वयक डॉक्टर शिवम गोयल ने सभी विद्यार्थी को जल भविष्य की शुभकामनाएं दी।कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों ने नृत्य, गायन, और अन्य सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से दर्शकों का मन मोह लिया। न प्रस्तुतियों ने विद्यार्थियों की कला और संस्कृति के प्रति रुचि को दर्शाया। अंत में, सभी उपस्थित विद्यार्थियों को भोजन वितरण के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।कार्यक्रम की समन्वयक डॉक्टर स्वाति सिंह ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया कार्यक्रम का सफल संचालन डॉक्टर अर्पित छाबड़ा एवं इंजिनियर निधि भाटिया द्वारा किया गया।इस दौरान, इंजीनियर मिलिंद, डॉ मानव बंसल , विकास जैन, राशि रस्तोगी, डॉ. वंदना,विजय कुमार , अंकित सिसोदिया ,कुमकुम चौधरी, डॉक्टर केपी सिंह , डीपी सिंह, सीपी सिंह, संजीव चौधरी, रंजू अरोड़ा, अमन कुमार, प्रशांत, रविंद्र, अशोक, धर्मेंद्र, रामधन इत्यादि मौजूद रहे
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