अब मवाना रोडवेज बस अडडे से दिल्ली,नाेएडा व ,देहरादून ,सहारनपुर के लिए चलेगी बसें 

यात्रियों की समस्या को देखते प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा, 50 बीएस 6 बसों की मांग की 

 मेरठ। मवाना व हस्तिनापुर क्षेत्रवासियों के खुशखबरी है। जल्दी ही मवाना रोडवेज बस डिपों से दिल्ली, नाेएडा, बिजनौर, सहारनपुर, देहारादून ,गाजिबयाद ,बागपत जिलों के लिये बसों का संचालन होने जा रहा है। इसके लिए रोडवेज के क्षेत्रीय प्रबंधक की ओर से शासन को इसी परिपेक्ष में प्रस्ताव बना कर शासन को भेजा गया है। बसअडडे को बड़ा रूप देने के लिए बीएस 6 मार्का की पचास बसों की मांग की है। 


रोडवेज के क्षेत्रीय प्रबधक संदीप कुमार नायक ने बताया हस्तिनापुर तीर्थ स्थल है। हस्तिनाुपर मवाना के आसपास के गांवों के काफी लोग विभिन्न स्थानों पर सरकारी व प्राइवेट नौकरी करते है। उन्हें विभिन्न स्थानों पर जाने के लिए पहले मेरठ आना पड़ता है। उसके बाद विभिन्न स्थानों के जाना पड़ता है। इसके कारण उनका समय खराब होता है। इसी को देखते हुए मवाना में रोडवेज बस अडडे से दिल्ली,नोएडा, सहारनपुर, बिजनौर, मुरादाबाद, गाजियाबाद, बागपत , देहरादून आदि स्थानों के लिए बसों का संचालन करने के लिए शासन को प्रस्ताव बना कर भेजा गया है। मवाना बस अडडे से पचास बीएस 6 मार्का की बसों की मांग भी की गयी है। उन्होंने बताया प्रस्ताव पास होने के बाद इन क्षेत्र के लोगों को काफी फायदा होगा। 

 उन्होंने बताया अभी तक  मेरठ से नोएडा के लिए वहीं से बसों को संचालन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि नोएडा के आरएम को बकायद एक पत्र लिखकर मेरठ से अतिरिक्त हस्तिनापुर से बसों के संचालन की मांग की गयी है। जिससे वहां के यात्री आसानी से नाेएडा तक बसों में सफर कर सके। 

 महाकुंंभ के बाद मेरठ को मिलेगी पचास इलेक्ट्रिक बसें 

 क्षेत्रीय प्रबंधक ने बताया प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ के समाप्त होने के बाद मेरठ को पचास नयी बसें इलेक्ट्रिक मिलेगी । जिन्हें शहर के विभिन्न स्थानों पर चलाया जाएगा। इससे बसों की कमी को पूरा किया जा सकेंगा। 

 बता दें मेरठ परिक्षेत्र में भैंसाली, सोहराबगेट, गढ़, बडौत रोडवेज डिपाे आते है। जहां से रोडवेज व अनुबिधत सात सौ पचास बसों को वर्तमान में संचालन किया जा रहा है। एनजीटी के कड़े नियमों के कारण धीरे-धीरे डीजल की बसों को कम किया जा रहा है। आने वाले दस सालों में शायद डीजल की कोई भी बस रोडवेज में दिखाई न  दे। परिवहन विभाग का पूरा फोकस इलेक्ट्रिक व सीएनजी बसों पर है। लेकिन इसके लिए सीएनजी फिलिंग व चाजिंग पाइंट सैटर बनाने की आवश्यकता होगी। इसी पर विभाग की ओर से मंथन किया जा रहा है। 

No comments:

Post a Comment

Popular Posts