जल संरक्षण मानवता के भविष्य का सवालः पीएम मोदी
जल संचय जन भागीदारी पहल की शुरुआत की
अहमदाबाद (एजेंसी)।
प्रधानमंत्री ने गुजरात में जल संचय, जन भागीदारी पहल की शुरुआत की। प्रधानमंत्री वर्चुअली कार्यक्रम से जुड़े। कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि 'यह बेहद अहम पहल है, जिसकी गुजरात की धरती से शुरुआत हो रही है। जल शक्ति मंत्रालय ने इस पहल की शुरुआत की है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जल संरक्षण सिर्फ एक नीति नहीं है बल्कि यह एक प्रथा है। यह हमारी जिम्मेदारी भी है। जब भावी पीढ़ियां हमारा आकलन करेंगी तो हमारा जल के प्रति जो रवैया है, उसका भावी पीढ़ी सबसे पहले आकलन करेंगी। यह जीवन-मरण का सवाल है और यह मानवता के भविष्य का सवाल है। इसलिए हमने सतत विकास के लिए जिन नौ संकल्पों को सामने रखा है, उनमें जल संरक्षण पहला संकल्प है।
प्रधानमंत्री ने कहा 'जल संरक्षण, प्रकृति संरक्षण...हमारे लिए नए शब्द नहीं हैं। ये भारत की सांस्कृतिक चेतना का हिस्सा है। हम उस संस्कृति के लोग हैं, जहां जल को ईश्वर का रूप कहा गया है। नदियों को देवी माना गया और सरोवरों, कुंडों को देवालय का दर्जा मिला है।' प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 'मैंने सरदार सरोवर बांध को पूरा करने की चुनौती ली थी और कई चुनौतियों और बाधाओं के बावजूद गुजरात में जल संरक्षण पहल की शुरुआत की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैंने पर्यावरण के लिए देशवासियों से एक पेड़ मां के नाम लगाने की अपील की है। जब पेड़ लगते हैं तो भूजल का स्तर बढ़ता है। बीते कुछ सप्ताह में मां के नाम पर देश में करोड़ों पेड़ लगाए जा चुके हैं।
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