ऊर्जा राज्यमंत्री सोमेंद्र तोमर पर ज़मीन कब्जाने के आरोप

 लखनऊ तक मामला गूंजा , सीएम ने डीएम को दिए जांच के आदेश

मेरठ। प्रदेश के ऊर्जा राज्यमंत्री और मुज़फ्फरनगर के प्रभारी मंत्री डॉक्टर सोमेंद्र तोमर द्वारा पूर्व सैनिकों की जमीन कब्जाने के मामले की गूंज अब सीएम योगी तक पहुंच गई है। इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अब जांच के आदेश दिए है। सीएम योगी ने भाजपा विधायक और ऊर्जा राज्यमंत्री डॉक्टर सोमेंद्र तोमर के खिलाफ जांच बैठा दी है। मेरठ दक्षिण से विधायक सोमेंद्र तोमर पर आरोप है कि उन्होंने पूर्व सैनिकों और किसानों की जमीन कब्जा कर ली है।

 आरोप है कि ऊर्जा राज्यमंत्री सोमेंद्र तोमर ने सरकारी सड़क पर भी कब्जा कर लिया है। इस सड़क के निर्माण में करीब 40 करोड़ का खर्चा आया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद ने मेरठ के डीएम को पत्र भेजकर मामले की जांच रिपोर्ट मांगी है।

बता दें मोदीपुरम में पावली खास के पास विनायक विद्यापीठ के नाम से प्रदेश के ऊर्जामंत्री सोमेंद्र तोमर अपना निजी विवि बनवा रहे हैं। विनायक विद्यापीठ कालेज से सटी विनायक कालोनी के लोग ऊर्जा राज्यमंत्री सोमेंद्र तोमर पर उनके भूखंडों पर कब्जा कर लेने, भूखंडों के मार्ग पर बनी तारकोल की सड़क को नष्ट करके वहां गेट लगा देने का आरोप लगा रहे हैं। ये लोग कमिश्नरी और कलक्ट्रेट पर दो बार प्रदर्शन कर चुके हैं। तीन दिन पहले इसी मामले में महिलाएं डीजल से भरी पांच लीटर की बोतल लेकर आत्मदाह करने कलक्ट्रेट पहुंचे थे।जिसकी गूंज शासन तक पहुंची तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पर जांच बैठा दी है।

 बता दें कि इस मामले में पीड़ित सरधना से पूर्व विधायक संगीत सोम के यहां पर भी प्रदर्शन कर चुके हैं।इन प्रदर्शनों के संबंध में लखनऊ पहुंची वीडियो पर मुख्यमंत्री ने गंभीरता दिखाई है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर उनके प्रमुख सचिव संजय प्रसाद ने जिलाधिकारी को पत्र भेजकर राज्यमंत्री पर अतिक्रमण का आरोप संबंधी वीडियो वायरल होने के मामले में जांच करके कार्रवाई का आदेश दिया है। जिलाधिकारी दीपक मीणा ने बताया कि इस प्रकरण में पूर्व में भी जांच कराई जा चुकी है। मुख्यमंत्री कार्यालय के पत्र में उल्लेखित वायरल वीडियो के संबंध में भी जांच कराई जाएगी।

दूसरी तरफ ऊर्जा राज्यमंत्री  ने कहा कि हमने किसी की जमीन पर कब्ज़ा नहीं किया है। इस मामले में पूर्व में ही  प्रशासन की जांच में स्पष्ट हो चुका है। यदि किसी को अभी भी आपत्ति है तो वह कोर्ट जा सकता है। जांच किसी स्तर से हो, तथ्य वही रहेंगे। हम प्रत्येक जांच में सहयोग करेंगे।

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