हाईकोर्ट से सिद्धारमैया को नहीं मिली राहत
जमीन घोटाले मामले में सीएम पर चलेगा केस
बेंगलूरू (एजेंसी)।मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण केस में कर्नाटक हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को राहत नहीं मिली है। हाईकोर्ट ने सीएम सिद्धारमैया पर केस चलने की मंजूरी दे दी है। हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि याचिका में बताए गए तथ्यों की जांच करने की जरूरत है।
बता दें कि, हाईकोर्ट ने 12 सितंबर को मामले की सुनवाई को पूरा कर अपने फैसले को सुरक्षित रख लिया था। इस याचिका में सिद्धारमैया ने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) मामले में उनके खिलाफ राज्यपाल थावरचंद गहलोत द्वारा जांच के लिए दी गई मंजूरी को चुनौती दी थी।
मंगलवार को मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण केस पर हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि, राज्यपाल कानून के हिसाब से केस चला सकते हैं। न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना की पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि, राज्यपाल "स्वतंत्र निर्णय" ले सकते हैं और राज्यपाल गहलोत ने "अपने दिमाग का पूरी तरह से इस्तेमाल किया है। इसलिए, जहां तक आदेश (मुख्यमंत्री पर मुकदमा चलाने का) का सवाल है, राज्यपाल के एक्शन में कोई खामी नहीं है।
कथित मुडा घोटाले में शिकायतकर्ता टीजे अब्राहम ने कहा, "भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन को बहुत बढ़ावा मिला है। मुझे यकीन है कि इस निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए न्यायाधीश ने पूरे देश में विभिन्न निर्णयों में काफी दूर तक यात्रा की है। यह एक शानदार आदेश है। हम इसके लिए तैयार थे।
वहीं कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने कहा, मुख्यमंत्री द्वारा इस्तीफा देने का कोई सवाल ही नहीं है। उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है। वह किसी घोटाले में शामिल नहीं हैं। यह भाजपा द्वारा एक राजनीतिक साजिश है। हम उनके साथ खड़े हैं, हम उनका समर्थन करते हैं। वह देश, पार्टी और राज्य के लिए अच्छा काम कर रहे हैं। मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने कहा, हमें कानून पर भरोसा है। हम इसका मुकाबला करेंगे। हम डबल बेंच, अन्य बेंच और सुप्रीम कोर्ट में (फैसले पर) सवाल उठाएंगे। हम मुख्यमंत्री के साथ खड़े हैं।
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