सड़क सुरक्षा और सुरक्षित यात्रा को लेकर मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स ने बाइकर्स रैली के जरिए किया लोगों को जागरूक


-ये रैली कैन हील (CanHeal) नेशनल रोड सेफ्टी प्रोग्राम और क्लासिक राइडर्स के साथ मिलकर आयोजित की गई

-इसकी थीम 'राइडिंग फॉर के कॉज टू प्रमोट रोड सेफ्टी'

-मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स गुरुग्राम से शुरू होकर मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स फरीदाबाद तक चली यात्रा

गुरुग्राम, 16 सितंबर 2024: मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स ने कैन हील नेशनल रोड सेफ्टी प्रोग्राम के साथ मिलकर बाइकर्स रैली आयोजित की और सड़क सुरक्षा को लेकर लोगों को जागरूक किया. सड़क सुरक्षा जागरूकता बढ़ाने में शिक्षा और कम्युनिटी इंगेजमेंट समेत एक बहुआयामी अप्रोच शामिल है. हर नागरिक की जिम्मेदारी उठाते हुए इस कैंपेन को सड़क सुरक्षा के महत्व को उजागर करने के लिए शुरू किया गया था. सेफ ड्राइविंग को लेकर लोगों के बिहेवियर में बदलाव लाने के लिए प्रभावी कैंपेन का इस्तेमाल किया गया और इस कैंपेन की थीम 'राइड फॉर के कॉज टू प्रमोट रोड सेफ्टी' रखी गई. इस इवेंट में करीब 200 बाइकर्स ने हिस्सा लिया. इस कैंपेन के जरिए मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स ने गुरुग्राम शासन और प्रशासन के साथ साझेदारी करने का प्रयास किया है ताकि अधिक से अधिक लोगों की जान बचाई जा सके. इस मौके पर  गुरुग्राम के चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर विरेंद्र यादव, डिप्टी सीएमओ अनुज गर्ग, डीसीपी ट्रैफिक विजेंद्र विज, एसडीएम अंकित चौकसी, मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स के मैनेजिंग डायरेक्टर व ग्रुप सीईओ डॉक्टर राजीव सिंघल, कैन हील फाउंडर आंचल शर्मा, डीसीपी नारकोटिक्स केपी भार्गव मौजूद रहे और प्रतिभागियों को प्रोत्साहित किया.

 ये बाइकर रैली मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स गुरुग्राम से चलकर मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स फरीदाबाद तक गई. बाइकर रैली में हिस्सा लेने वाले सभी प्रतिभागियों को रोड सेफ्टी जैकेट्स मुहैया कराए गए. इसके अलावा एससीएलएस, बीकेएलएस और एटीएलएस में शामिल प्रतिभागियों के लिए अस्पताल ने एक स्पेशली डिजाइन ट्रेनिंग प्रोग्राम भी रखा. बाइक राइडर्स को बीएलएस और एटीएलएस दिया जाएगा जो एक्यूट ट्रॉमा लाइफ सपोर्ट ट्रेनिंग है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे सड़क सुरक्षा के एंबेसडर बन सकें और ज्यादा से ज्यादा लोगों का जीवन बचाने में मदद कर सकें. बाइकर्स के लिए बीपी, शुगर आदि चेकअप के लिए एक मेडिकल टीम भी बनाई गई थी. मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स ने अच्छे राइडर्स को मंच पर फूलों के साथ सम्मानित भी किया और इसी के साथ ये कार्यक्रम समाप्त हो गया. गुरुग्राम के डीसी निशांत यादव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर इसका समर्थन किया. रैली को 5-जी एम्बुलेंस द्वारा एस्कॉर्ट किया गया था जिसे पिछले सप्ताह गुरुग्राम के मैरिंगो एशिया अस्पताल द्वारा लॉन्च किया गया था.

 गुरुग्राम के सीएमओ डॉक्टर विरेंद्र यादव ने कहा, ''जिम्मेदार नागरिकों के रूप में हम सभी हर साल सड़क दुर्घटनाओं के परिणामों के बारे में कुछ करने के लिए एकजुट हों. एक स्वास्थ्य सेवा प्रदाता समाज के मुख्य घटकों में से एक है और मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स ने इस तरह के आयोजन के लिए अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से लिया है. हमें इस गति को बनाए रखना चाहिए ताकि नियमित रूप से जागरूकता फैल सके.''

 गुरुग्राम के डीसीपी ट्रैफिक विजेंद्र विज ने कहा, ''जैसा कि हम सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए इकट्ठा हुए हैं, हमें यह याद रखना चाहिए कि आज हम जो भी कदम उठाते हैं, उससे कल एक जीवन बच सकता है. सड़क सुरक्षा केवल एक पॉलिसी नहीं  है बल्कि एक साझा जिम्मेदारी है. साथ मिलकर, हम अपने बच्चों, परिवारों और समाज के लिए सुरक्षित सड़कें बना सकते हैं. जागरूकता बढ़ाने और परिवर्तन लाने के लिए इस रैली में हमसे जुड़ें, क्योंकि हर जीवन मायने रखता है और हर यात्रा सुरक्षित होनी चाहिए. सड़क सुरक्षा पर युवा आबादी में जागरूकता बढ़ाने के लिए इस कार्यक्रम को आयोजित करने की जिम्मेदारी लेने के लिए मैरिंगो एशिया अस्पताल, गुरुग्राम और फरीदाबाद बधाई के पात्र हैं.''

 गुरुग्राम के एसडीएम की जिम्मेदारी निभा रहे आईएएस अंकित चौकसी ने कहा, ''सड़क सुरक्षा एक सामूहिक जिम्मेदारी है जिसके लिए समा के हर व्यक्ति की सक्रिय भागीदारी की आवश्यकता होती है. सेफ्टी के उपायों को लागू करने, बुनियादी ढांचे में सुधार करने और यातायात कानूनों को लागू करने के लिए प्रशासनिक टीम भरपूर  प्रयास कर रही हैं. इसी तरह ड्राइवरों, पैदल चलने वालों और साइकिल चलाने वालों को अपनी जिम्मेदारी समझने की आवश्यकता है. चाहे सीट बेल्ट पहनना हो, स्पीड के नियमों का पालन करना हो, ध्यान भंग करने वाली चीजों से बचना हो, या यह सुनिश्चित करना हो कि हमारे वाहन अच्छी कंडीशन में हैं, ये तमाम छोटी सावधानियां एक्सीडेंट को काफी कम कर सकती हैं. लोगों में जागरूकता, धैर्य और एक दूसरे के प्रति सम्मान की संस्कृति को बढ़ावा देने के मकसद से आयोजित किए गए इस कार्यक्रम के मैं मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स के प्रयासों की सराहना करता हूं. इस तरह की पहल के माध्यम से हम सभी के लिए सुरक्षित सड़कों के लक्ष्य को प्राप्त करने के करीब जा सकते हैं. सड़क सुरक्षा की कुंजी साझा जिम्मेदारी में निहित है.''


मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स के मैनेजिंग डायरेक्टर व ग्रुप सीईओ डॉक्टर राजीव सिंघल ने कहा, ''मैरिंगो एशिया हॉस्पिटल्स का विश्वास है कि हर मिनट और हर जीवन की अपनी वैल्यू है और आज की रैली इस बात का प्रमाण है कि सड़क सुरक्षा जैसे विषयों पर पूरे समाज को एकजुट होने की आवश्यकता है. हम जो भी कदम उठाते हैं वह सुरक्षित सड़कों, जिम्मेदारी से भरी ड्राइविंग और ऐसे भविष्य की ओर एक कदम है जहां हर जीवन की वैल्यू रहे. ट्रामा पीड़ितों की मदद करने की सोच भी लोगों में पैदा होना जरूरी है, इससे हम एक बेहतर समाज की दिशा में आगे बढ़ते हैं. जागरूकता बढ़ाकर और देखभाल व सतर्कता की संस्कृति को बढ़ावा देकर, हम न केवल सड़क सुरक्षा की वकालत कर रहे हैं, बल्कि हम सभी के लिए एक उज्जवल, सुरक्षित कल को आकार दे रहे हैं. हम कुछ ऐसा कर रहे हैं जो मिल-जुलकर होता है. इस बाइक रैली में आए हम हर उस प्रतिभागी के आभारी हैं जो सामाजिक सरोकार के लिए इस मुहिम को असरदार बनाने में हमारे साथ शामिल हुए.''

 सड़क हादसे आज भी पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा खतरा है और हर साल 1.35 मिलियन मौतें इन हादसों में होती है. ये संख्या प्राकृतिक आपदाओं से होने वाली मौतों से भी ज्यादा हैं. हैरानी की बात ये है कि इनमें से 90 फीसदी मौतें विकासशील देशों में होती हैं और भारत में इसका बड़ा नंबर है जहां हर दिन 450 से ज्यादा मौतें सड़क हादसों में होती हैं. सड़क सुरक्षा जागरूकता बढ़ाने को कभी भी महत्वपूर्ण नहीं माना गया है. हर साल सड़क दुर्घटनाओं में लाखों लोगों की जान चली जाती है और करोड़ों लोग गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं. भारत में ही हर साल सड़क दुर्घटनाओं में लगभग 80 हजार लोग मारे जाते हैं जो पूरे विश्व में होने वाली कुल मौतों का 13 प्रतिशत है. देश में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों में से लगभग 68 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों में और शहरी क्षेत्रों में 32 प्रतिशत मौतें होती हैं. सड़क दुर्घटनाओं के शिकार वाले लोगों में बड़ी संख्या युवा और कामकाजी लोगों की है. इस आयु वर्ग में मृत्यु और स्थायी विकलांगता देश के लिए एक आर्थिक नुकसान भी है.

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