अनंत चतुर्दशी पर होगी विदाई , 10 दिनों तक चलेगा महोत्सव
मेरठ। 'एक, दो, तीन, चार गणपति की जय जयकार, पांच, छह, सात हाथ गणपति हैं सबके साथ' और 'गणपति बप्पा आए हैं साथ खुशहाली लाएं हैं' जैसे बोल और रिमझिम बारिश के बीच शहर में शनिवार को घर घर गणपति विराजे। सुहाने मौसम के बीच कई जगह पंडालों में भी गजानन विराजे।
शनिवार को गणेश चतुर्थी के चलते शहर में बारिश के बीच चारों ओर 'विनायक' की गूंज गूंजती रही। शनिवार से शुरु हुए गजानन के महोत्सव की खुशियां देश भर में 10 दिनों तक मनाई जाएंगी। इसके बाद अनंत चतुर्दशी के अवसर पर गजानन को विदाई दी जाएगी और उनका विसर्जन होगा। गजानन के पर्व की खुशियां अब धीरे-धीरे महाराष्ट्र की सीमा से बाहर निकलकर पूरे देश में मनाई जाने लगी है। उत्तर प्रदेश में भी अब खासकर यह महोत्सव मनाया जाता है। गणपति, लंबोदर, विनायक, गजानन, सुखकर्ता और विंधहर्ता जैसे नामों से पुकारे जाने वाले भगवान गणेश के महोत्सव पर इस बार विशेष संयोग बना। शनिवार को गणेश चतुर्थी पर बुधादित्य, सर्वार्थसिद्धि और पारिजात योग बना था। इस योग में गणेश जी की स्थापना बहुत ही शुभ मानी जाती है। भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी शुक्रवार दोपहर 3 बजकर 2 मिनट से शुरु होकर शनिवार शाम 5 बजकर 38 मिनट रही। उधर गणेश चतुर्थी की पूजा और मूर्ति स्थापना का शुभ मुहूर्त शनिवार सुबह 11 बजकर 20 पर शुरु हो गया था। हालांकि शहर में कई स्थानों पर गणेश महोत्सव के लिए कई आकर्षक पंडाल भी बना गए थे लेकिन बारिश के चलते यहां प्रस्तावित बड़े समारोह कम ही हो पाए। शहर में गणेश चतुर्थी के अवसर पर लगभग तीन दर्जन से अधिक स्थानों पर उत्सव मनाया गया। लाल बाग के राजा के उत्सव पर लोगों के ऊपर इंद्र की कृपा भी बरसती रही।
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