कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय ने ‘स्विगी स्किल्स पहल’ के माध्यम से युवाओं का कौशल और रोज़गार क्षमता बढ़ाने के लिए स्विगी के साथ की साझेदारी

o कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय ने स्विगी के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए
o लॉजिस्टिक्स में विकास की ढेरों संभावनाएं, सेक्टर में रु 80 लाख करोड़ और 300 पहलों से अधिक निर्धारित किए गए हैं’ जयंत चौधरी, राज्य मंत्री (स्वतन्त्र प्रभार), कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय ने कहा
 
मेरठ : 2047 तक विकसित भारत के सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय ने स्विगी के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए और ‘स्विगी स्किल्स’ पहल का लॉन्च किया, जिसके तहत स्विगी के फूड डिलीवरी एवं क्विक कॉमर्स नेटवर्क को कौशल एवं रोज़गार के अवसर प्रदान किए जाएंगे। यह पहल रेस्टोरेन्ट संचालन में सक्रिय लोगों को रोज़गार, इंटर्नशिप, प्रशिक्षण के अवसर प्रदान करेगी। स्विगी स्किल्स पहल के तहत स्विगी पार्टनर प्लेटफॉर्म को स्किल इंडिया डिजिटल हब (एसआईडीएच) के साथ शामिल किया जाएगा, तथा स्विगी के कर्मचारियों को ऑनलाईन कौशल विकास पाठ्यक्रम, प्रमाणपत्र और प्रशिक्षण मोड्यूल्स उपलब्ध कराए जाएंगे। यह साझेदारी स्विगी से जुड़े 2.4 लाख डिलीवरी पार्टनर्स तथा रेस्टोरेन्ट पार्टनर्स के स्टाफ को लाभान्वित करेगी।
इस पहल के लॉन्च और साझेदारी पर बात करते हुए जयंत चौधरी, राज्य मंत्री (स्वतन्त्र प्रभार), कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय ने कहा, ‘‘2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने में लॉजिस्टक्स सेक्टर की भूमिका महत्वपूर्ण होगी। इसी को ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार ने भारत में नेशनल लॉजिस्टिक्स पॉलिसी का लॉन्च किया है। हम इस सेक्टर में विकास के लिए अनुकूल प्रणाली के निर्माण की दिशा में भी काम कर रहे हैं, जहां कौशल और शिक्षा पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा। आज की साझेदारी इस बात को दर्शाती है कि किस तरह सार्वजनिक निजी साझेदारी सेक्टर के कर्मचारियों के लिए नए मार्ग प्रशस्त कर सकती है। इस क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं और हम चाहते हैं कि अधिक से अधिक कॉर्पोरेट्स हमारे साथ जुड़ें।’
 अतुल कुमार तिवारी, सचिव, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय ने कहा, ‘‘यह साझेदारी दो स्तरों पर बदलाव लेकर आएगी। यह प्रधानमंत्री जी के दृष्टिकोण के अनुरूप कार्यबल को स्किलिंग, अपस्किलिंग और रीस्किलिंग के अवसर प्रदान कर रीटेल और सप्लाई चेन लॉजिस्टिक्स सेक्टर के आर्थिक योगदान को बढ़ावा देगी। इस पहल के साथ स्किल इंडिया डिजिटल हब को जोड़ने से स्विगी पार्टनर प्लेटफॉर्म- स्किल लोन, कोर्सेज़, क्रेडिट्स, सर्टिफिकेशन को सुगम बनाएगा, जिससे कर्मचारी इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से अपना कौशल बढ़ाकर आजीविका के अवसर पा सकेंगे।’
सोनल मिश्रा, संयुक्त सचिव, एमएसडीई और मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी लॉन्च समारोह में मौजूद रहे।
स्विगी एक प्रमुख स्वदेशी और कन्ज़्यूमर ब्राण्ड है जो तकरीबन 700 शहरों में अपना संचालन करता है। स्विगी फूड के साथ फूड डिलीवरी और स्विगी इंस्टामार्ट के साथ क्विक कॉमर्स में अग्रणी इस ब्राण्ड के पास डिलीवरी कर्मचारियों और रेस्टोरेन्ट पार्टनर्स का व्यापक नेटवर्क जुड़ा है।
स्विगी स्किल्स पहल के तहत स्विगी पार्टनर प्लेटफॉर्म को स्किल इंडिया डिजिटल हब (एसआईडीएच) के साथ शामिल किया जाएगा तथा स्विगी के कर्मचारियों को ऑनलाईन कौशल विकास पाठ्यक्रम, प्रमाणपत्र और प्रशिक्षण मोड्यूल्स उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके अलावा एमएसडीई की योजनाओं और प्रोग्रामों के तहत प्रशिक्षण पाने वाले युवा विभिन्न जॉब रोल्स में नौकरियां पा सकेंगे। साथ ही युवाओं को इंटर्नशिप के अवसर उपलब्ध कराने की योजना भी बनाई गई है, जिन्हें स्विगी के क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर रोज़गार मिलेगा।
हस्ताक्षर समारोह के दौरान श्री रोहित कपूर, सीईओ, स्विगी फूड मार्केटप्लेस ने कहा, ‘‘हम अपने पार्टनर्स ऐप पर एमएसडीई के स्किल इंडिया डिजिटल हब को इंटीग्रेट करने जा रहे हैं, जिससे तकरीबन 2.4 लाख डिलीवरी पार्टनर्स और हमारे 2 लाख रेस्टोरेन्ट पार्टनर्स का स्टाफ ऑनलाईन कौशल विकास पाठ्यक्रमों, ऑफलाईन सर्टिफिकेशन्स और प्रशिक्षण मोड्यूल्स से लाभान्वित होंगे। साथ ही ऑपरेशनल भूमिकाओं जैसे रीटेल एवं लॉजिस्टिक्स मैनेजमेन्ट तथा एफ एण्ड बी बिज़नेस के लिए एमएसडीई के प्रोग्रामों के तहत प्रशिक्षण पाने वाले युवाओं को स्विगी के रेस्टोरेन्ट एवं रीटेल बैकेंड ऑपरेशन्स के साथ जुड़ने का मौका भी मिलेगा, जहां वे उचित अवसर पा सकेंगे।’
‘स्विगी इंस्टामार्ट ऑपरेशन्स में हम देश भर में 3000 युवाओं को नौकरियां प्रदान करने में सक्षम होंगे। हमने एमएसडीई द्वारा प्रशिक्षित 200 लोगों को क्विक कॉमर्स में सीनियर लैवल पर प्रशिक्षण एवं इंटर्नशिप देने की योजना भी बनाई है। हमारे एम्पलॉयी वॉल्युटियरिंग प्रोग्राम के तहत आर्टीफिशियल इंटेलीजेन्स, मार्केटिंग, रीटेल, क्विक कॉमर्स, लॉजिस्टिक्स आदि पर प्रशिक्षण मोड्यूल्स भी उपलब्ध कराए जाएंगे।’ उन्होंने कहा।


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