लाल किले से PM मोदी ने सेट किया 4 राज्यों का चुनावी एजेंडा?
सिविल कोड से सर्जिकल स्ट्राइक तक अपने भाषण किया जिक्र
नयी दिल्ली,एजेंसी। लाल किले के प्राचीर से अपने 98 मिनट के भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4 राज्यों का चुनावी एजेंडा भी सेट कर दिया। प्रधानमंत्री ने शुरुआत झारखंड से की और आखिर में महाराष्ट्र और हरियाणा को लेकर भी बड़ा दांव खेला। प्रधानमंत्री के भाषण के बाद अब कहा जा रहा है कि आने वाले चुनाव में जमीन पर भी इसका असर देखने को मिल सकता है।
हरियाणा, महाराष्ट्र, जम्मू कश्मीर और झारखंड में साल के अंत में विधानसभा के चुनाव होने हैं। बीजेपी झारखंड और जम्मू-कश्मीर में सत्ता में आने तो महाराष्ट्र और हरियाणा में सत्ता बचाने के लिए मैदान में उतरेगी।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी भाषण की शुरुआत में ही भगवान बिरसा मुंडा और आदिवासियों का जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि 1857 से पहले भी देश के आदिवासी समुदाय के लोग आजादी के लिए लड़ रहे थे. दरअसल, 1855 में बंगाल (अब झारखंड) के संथाल परगना में सिद्धो-कान्हू के नेतृत्व में आंदोलन हुआ था।
इसे संथाल विद्रोह के नाम से भी जाना जाता था. इस आंदोलन में अंग्रेजों ने लगभग 30 हजार संथालियों को गोलियों से भून डाला था। हालांकि, इसके बावजूद संथालियों ने अंग्रेजों को अपने इलाके से भगा दिया था. इस विद्रोह की कहानी आज भी झारखंड के घर-घर में सुनाई जाती है।झारखंड में अब से 2 महीने बाद विधानसभा के चुनाव प्रस्तावित हैं। यहां आदिवासी वोटर्स सबसे ज्यादा हैं और आदिवासी करीब 30 सीटों को सीधे तौर पर प्रभावित करते हैं। राज्य में विधानसभा की 81 सीटें हैं, जहां सरकार बनाने के लिए 41 सीटों की जरूरत होती है।
यूनिफॉर्म सिविल कोड से महाराष्ट्र-हरियाणा पर फोकस
महाराष्ट्र और हरियाणा में भी इस बार विधानसभा के चुनाव हैं। पिछले 2 बार से दोनों जगहों पर बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बन रही है। इस बार पार्टी के लिए इन दोनों ही राज्यों की सत्ता पाना आसान नहीं है। हालिया लोकसभा चुनाव में इन दोनों ही राज्यों में एनडीए का परफॉर्मेंस काफी खराब था।सर्वे एजेंसी सीएसडीएस के मुताबिक लोकसभा चुनाव में इन राज्यों में जातिगत मुद्दे हावी रहे। इसका नुकसान बीजेपी को उठाना पड़ा. ऐसे में कहा जा रहा है कि लाल किले से प्रधानमंत्री ने यूनिफॉर्म सिविल कोड की पैरवी कर जातिगत मुद्दों को कुंद करना चाहती है।महाराष्ट्र में लंबे वक्त से इसे लागू करने की मांग हो रही है. एकनाथ शिंदे की शिवसेना तो इस पर काफी मुखर भी है। जानकारों का कहना है कि महाराष्ट्र में अगर यूनिफॉर्म सिविल कोड का मुद्दा फिर से गर्माता है तो उद्धव ठाकरे की पार्टी भी बैकफुट पर जा सकती है।
उद्धव ठाकरे की पार्टी महाविकास अघाडी का प्रमुख दल है. इस गठबंधन में कांग्रेस और शरद पवार की पार्टी है, जो यूनिफॉर्म सिविल कोड का विरोध करती है.
महाराष्ट्र में मुसलमानों की आबादी करीब 12 प्रतिशत हैं. राज्य की कुल 288 विधानसभा सीटों में से 30 सीटें ऐसी है, जहां पर उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला मुस्लिम मतदाता करते हैं. हालिया लोकसभा चुनाव में मुस्लिम इलाकों में कांग्रेस की नेतृत्व वाली महाविकास अघाडी को एकतरफा जीत मिली है.
हरियाणा में 7 प्रतिशत मुस्लिम हैं और यह गुरुग्राम और मेवात के इलाकों में प्रभावी हैं. मुस्लिमों ने हालिया लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के पक्ष में एकजुट होकर मतदान किया था.
आतंक-सर्जिकल स्ट्राइक से जम्मू साधने की कोशिश
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में आतंक और सर्जिकल स्ट्राइक के मुद्दे को उछाला. उन्होंने कहा कि कभी आतंकी हमे मारते थे, लेकिन अब आतंकियों पर सर्जिकल स्ट्राइक हो रहा है. जम्मू-कश्मीर में आतंक बड़ा मुद्दा रहा है. jdकश्मीर में भी इस साल के अंत में चुनाव होने हैं.
आतंक और सर्जिकल स्ट्राइक पर बोलकर प्रधानमंत्री जम्मू को साधने की कोशिश कर रहे हैं. 90 सीटों वाली जम्मू-कश्मीर में 43 सीटे जम्मू और 47 सीटें कश्मीर संभाग में है. नए परिसीमन के बाद बीजेपी को इन इलाकों में जीत की उम्मीद है. लोकसभा के हालिया चुनाव में जम्मू की दोनों सीटों पर बीजेपी को जीत मिली है.
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