देहदान के प्रति लोगों में बढ़ी जागरूकता
सोमदत्त वत्स ने किया पूरे शरीर का देहादान का रजिस्ट्रेशन
मेरठ। देहदान को महादान कहा जाता है। मृत देह मेडिकल कॉलेज के छात्रों के लिए साइलेंस टीचर की तरह होती है. वे आपके शारीरिक अंगों पर प्रैक्टिकल कर दूसरों को जीवन देना सीखते हैं।
इंसान की जिंदगी बचाने के लिए चिकित्सकों की अहम भूमिका मानी जाती है और एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाले छात्रों को पढ़ाई के लिए मृत शरीर का भी बड़ा योगदान होता है। देहदान न होने के कारण एमबीबीएस के छात्रों को पढ़ाई में कई समस्याओं का सामना भी करना पड़ता था, लेकिन अब धीरे-धीरे लोग देहदान के प्रति जागरूक हो रहे हैं, जिससे एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाले छात्रों को भी काफी मदद मिल रही है। इंसान की जिंदगी बचाने के लिए चिकित्सकों की अहम भूमिका मानी जाती है। देहदान के लिए अब धीरे-धीरे लोग जागरूक हो रहे हैं ।
इसी क्रम में लाला लाजपत राय स्मारक मेडिकल कॉलेज मेरठ के प्राचार्य डॉ आर सी गुप्ता ने बताया कि आजादी के पर्व के उपलक्ष्य में मेडिकल कॉलेज मेरठ में सोमदत्त वत्स ने अपना देह दान का रजिस्ट्रेशन कर लोगो को प्रेरित करने हेतु एक अनूठी पहल की है।देहदान के उपरांत सोमदत्त वत्स ने कहा कि 15 अगस्त के इस पावन दिवस पर मैं अपना संपूर्ण शरीर मेडिकल कॉलेज में अध्यनरत विद्यार्थियों हेतु दान कर रहा हूँ। साथ ही साथ उन्होंने सभी विद्यार्थियों को जीवन में सफल होने हेतु शुभकामनाएं भी दी।
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