का औचक निरीक्षण
शिकायतों के समयबद्ध गुणवत्तायुक्त निस्तारण करने के दिए आवश्यक दिशा-निर्देश
प्रबंध निदेशक ने कहा शिकायतों के निस्तारण मे ग्राहक संतुष्टि आवश्यक
हैल्पलाईन नं० 1912 पर प्राप्त होने वाली शिकायतों की गहनता से की समीक्षा
उपभोक्ता सेवा केन्द्र को अत्याधुनिक प्रोद्योगिकी आधारित प्रणाली विकसित करने के अधिकारियों को दिये निर्देश
मेरठ।विद्युत हेल्प लाईन नं. 1912 पर उपभोक्ताओं की दर्ज शिकायतों का समयबद्ध व गुणवत्तायुक्त संतोषजनक निस्तारण उपभोक्ता सेवा केन्द्र द्वारा किया जा रहा है अथवा नही, यह जानने देर रात लगभग 11 बजे प्रबन्ध निदेशक ईशा दुहन, मंगल पाण्डेय नगर, मेरठ स्थित उपभोक्ता सेवा केन्द्र (Customer care center) का औचक निरीक्षण करने पहुंचीं। इस दौरान निदेशक (वाणिज्य) संजय जैन, निदेशक (तकनीकी) एन.के. मिश्र, अधीक्षण अभियन्ता राहुल नन्दा, निरीक्षण के समय उपस्थित थे। यह उपभोक्ता सेवा केंद्र पश्चिमांचल डिस्कॉम के सभी 14 जनपदों के विद्युत उपभोक्ताओं के विद्युत संबंधी शिकायतों के समाधान हेतु 24 घंटे कार्यरत है। निरीक्षण के दौरान प्रबंध निदेशक ने 1912 पर प्राप्त होने वाली शिकायतों की जनपद वार समीक्षा की। समीक्षा में पाया कि उपभोक्ताओं की विद्युत आपूर्ति, बिल, मीटर, विद्युत चोरी एवं क्षतिग्रस्त ट्रांसफॉर्मर आदि से संबंधित शिकायते प्राप्त हो रहीं हैं। इस सम्बंध में जिन जनपदों की शिकायतें सबसे ज्यादा है उन पर प्रबंध निदेशक द्वारा अप्रसन्नता व्यक्त की गई एवं शिकायतो का समयबद्ध रूप से शीघ्र निस्तारण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
मौके पर प्रबंध निदेशक ने कॉल टेस्टिंग की। उन्होंने स्वयं 1912 पर कॉल की और विद्युत आपूर्ति बाधित होने की शिकायत दर्ज की और शिकायत दर्ज होने से लेकर अवर अभियंता तक पहुँचने के प्रोसेस की बारीकी से जांच पड़ताल की। उन्होंने कहा अधिकारी 1912 पर प्राप्त होने वाली शिकायतों का तुरंत संज्ञान लेकर उनका समाधान सुनिश्चित करें। प्रबंध निदेशक ने कहा डिस्कॉम उपभोक्ताओं की शिकायतों का यथाशीघ्र समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
प्रबंध निदेशक ने कहा उपभोक्ता की शिकायत दर्ज होने के उपरांत Step by Step Resolution हो। उन्होंने कहा उपभोक्ता केंद्र पर दर्ज होने वाली शिकायतों का Complete Analysis प्रस्तुत करें जैसे किस बिजलीघर पर माह जून और जुलाई में कितनी कंप्लेंट, विद्युत आपूर्ति संबंधी, बिल संबंधी, मीटर आदि से संबंधित शिकायतें दर्ज हुई। निरीक्षण के दौरान प्रबंध निदेशक द्वारा जांच पड़ताल करने पर यहा पाया गया कि Customer Care Representative द्वारा कन्ज्यूमर फीडबैक नहीं लिया जा रहा था जिस पर प्रबंध निदेशक द्वारा नाराजगी व्यक्त की गई। उन्होंने कहा शिकायतों के निस्तारण मे ग्राहक संतुष्टि आवश्यक है। उन्होंने कहा शिकायत कर्ता के संतुष्ट होने के उपरांत ही अधिकारी निस्तारण अख्य प्रस्तुत करें।
उन्होंने कहा शिकायत कर्ता के संतुष्ट होने के उपरांत ही शिकायत क्लोज की जाए। उन्होंने अधिकारियो को शिकायतों का संज्ञान लेकर गुणवत्तायुक्त निस्तारण करने के निर्देश दिए। प्रबंध निदेशक ने निर्देश दिए कि डिस्कॉम मुख्यालय में स्थित कन्ट्रोल रुम के आउटेज मेनेजमेंट सिस्टम को उपभोक्ता सेवा केन्द्र में भी integrated किया जाए जिससे की उपभोक्ता सेवा प्रतिनिधि के कंप्युटर पर फीडर वार विद्युत व्यवधान की सूचना फ्लैश हो जाए और उपभोक्ता सेवा प्रतिनिधि उपभोक्ता को बिजली व्यवधान बहाल होने के सम्भावित समय की जानकारी दे सकें। प्रबंध निदेशक ने निर्देश दिए कि उपभोक्ता सेवा केन्द्र पर दर्ज होने वाली शिकायतो का weekly or monthly analysis सुनिश्चित किया जाए जिसे की ये पता लगाया जा सके कि किस बिजलीघर से अधिक शिकायते आ रही है या किस बिजलीघर से कम शिकायते आ रही है और किस प्रकार की शिकायते अधिक आ रही है जिससे कि उनका विश्लेषण किया जा सके। प्रबंध निदेशक शनिवार रात को लगभग 1:30 बजे तक उपभोक्ता सेवा केंद्र का जायजा लिया और उपभोक्ता सेवा केन्द्र को अधिक अत्याधुनिक बनाने के लिए विभिन्न उपायों पर विस्तार से चर्चा की। प्रबन्ध निदेशक ने कहा कि ग्रीष्म काल में उपभोक्ता सेवा केन्द्र पर फोन काल्स का फ्लो अधिक होता हैं इसलिए उपभोक्ता सेवा केन्द्र को और अधिक सुदृद्ध और अत्याधुनिक प्रोद्योगिकी आधारित प्रणाली विकसित करना आवश्यकता है।
निरीक्षण के दौरान जेई - अभिषेक कुमार, एई - अरिश अली, प्रोजेक्ट मैनेजर - अदी अज़ीम, शिफ्ट मैनेजर - सौरव तेवतिया एवं रिजवान खान, सुपरवाइजर - पिंटू कुमार, सचिन सागर, सिराज आलम, दिवाकर शर्मा उपस्थित रहे।
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