बांग्लादेश में तख्तापलट… 

सत्ता सेना के हाथों में गई, शेख हसीना ने पद से त्यागपत्र देकर देश  छोड़ा

 चटगांव,एजेंसी । काफी उथल पुथल के बाद बांग्लादेश में आखिरकार तख्तापटल हो ही ग।  प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया है और अपना देश छोड़कर जा चुकी हैं, जिसके बाद यहां की सत्ता अब सेना के हाथों में चली गई है। माना जा रहा है कि अब आर्मी चीफ जनरल वकार-उज-जमान देश की कमान भी संभालेंगे। 

तख्तापलट के बाद बदले समीणकरण के बाद सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान ने भी साफ-साफ कह दिया है कि अंतरिम सरकार का गठन किया जा रहा है यानी कुल मिलाकर ये कहा जा सकता है कि बांग्लादेश की कमान अब जनरल वकार के हाथों में होगी। वकार-उज-जमान बांग्लादेशी सेना के सबसे बड़े अधिकारी हैं। उन्हें हाल ही में प्रमोट करके आर्मी चीफ नियुक्त किया गया था। इससे पहले वह लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर थे। 23 जून 2024 को उन्होंने पदभार ग्रहण किया था और अगले तीन साल तक वही इस पद पर बने रहेंगे। अब सवाल उठता है कि आखिर सेना कैसे सरकार चलाती है, क्या उनमें भी विभागों यानी मंत्रालयों का बंटवारा होता है या फिर सत्ता एक ही व्यक्ति यानी सिर्फ आर्मी चीफ के ही हाथों में होती है?

इन 3 तरीकों से सेना चलाती है सरकार

सैन्य जुंटा- यह सैन्य अधिकारियों की एक समिति के नेतृत्व वाली सरकार होती है. इसमें आमतौर पर देश की सत्ता उन कुछ वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के हाथों में केंद्रित होती है, जिन्होंने तख्तापलट करके सत्ता पर नियंत्रण हासिल किया होता है. म्यांमार (बर्मा), अर्जेंटीना और ग्रीस में सैन्य जुंटा की सरकार बन चुकी है और देश चला चुकी है.

सैन्य तानाशाह- कभी-कभी ऐसा होता है कि एक ही सैन्य अधिकारी तख्तापलट करता है और उसके बाद देश का नियंत्रण अपने हाथों में ले लेता है. फिर वह एक तानाशाह के रूप में देश पर शासन करने लगता है. ऐसे सैन्य तानाशाह अक्सर खुद को राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री जैसे पदों से नवाज लेते हैं. दक्षिण अमेरिकी देश चिली और स्पेन में ऐसा हो चुका है. चिली में जनरल ऑगस्टो पिनोशे और स्पेन में जनरल फ्रांसिस्को फ्रेंको ने देश की सत्ता संभाली थी.

ट्रांजिशनल मिलिट्री सरकार- कुछ मामलों में ऐसा होता है कि देश की व्यवस्था सुचारू रूप से बहाल होने तक अस्थायी रूप से एक सैन्य सरकार स्थापित की जाती है. ये सरकार राष्ट्र हित में काम करती है और स्थिति नियंत्रण में आने के बाद चुनाव कराने का दावा करती है, ताकि एक नई सरकार का गठन हो सके. नाइजीरिया में ऐसा कई बार हो चुका है. वहां सैन्य शासन के बाद दोबारा सरकार का गठन हुआ है.

कहां कितनी बार हुआ तख्तापलट?

एक रिपोर्ट के मुताबिक, 1950 से अब तक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 400 से भी अधिक बार तख्तापलट हो चुका है. इस मामले में दक्षिण अमेरिकी देश बोलिविया टॉप पर है. यहां अब तक 20 से भी अधिक बार तख्तापलट हो चुका है. इसके अलावा इराक में 10 से भी अधिक बार और पाकिस्तान में 4 बार तख्तापलट हो चुका है. वहीं, अफ्रीकी देशों में भी 10 से अधिक बार तख्तापलट हुआ है.

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