महिला कैदियों को फुटबॉल सिलाई में कुशलता प्रदान करने की दिशा में एक नई शुरुआत
मेरठ। महिला कैदियों के पुनर्वास और उनके आत्मनिर्भरता के प्रयासों में एक नया अध्याय जोड़ते हुए, मेरठ जेल विभाग ने वीरीना फाउंडेशन के साथ मिलकर एक अनूठी पहल शुरू की है। इस पहल का उद्देश्य महिला कैदियों को फुटबॉल सिलाई का प्रशिक्षण देना है, जो न केवल उनके कौशल को बढ़ावा देगा बल्कि उन्हें एक सम्मानजनक जीवन जीने की दिशा में प्रेरित करेगा।
कार्यक्रम का उद्घाटन मेरठ जेल के अधीक्षक डॉ. वीरेश राज शर्मा की उपस्थिति में किया गया। डॉ. शर्मा, जो अपने सुधारात्मक प्रयासों के लिए प्रसिद्ध हैं, ने कहा, "हमारा उद्देश्य कैदियों को समाज के मुख्यधारा में शामिल करना है, जिससे वे अपने आत्मसम्मान और आत्मनिर्भरता को फिर से प्राप्त कर सकें।" उनकी दूरदर्शिता और नेतृत्व ने इस कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संचालित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
वीरीना फाउंडेशन के संस्थापक और निदेशक, धीरेन्द्र सिंह ने इस कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, "हमारा उद्देश्य इन महिला कैदियों को एक नई दिशा देना है, जिससे वे 'मेरठ से मैड्रिड' तक फुटबॉल बनाने में सक्षम हो सकें।" उन्होंने यह भी घोषणा की कि वीरीना फाउंडेशन इन कैदियों को फुटबॉल बनाने के लिए आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराएगा और प्रत्येक फुटबॉल के लिए उन्हें उचित मेहनताना प्रदान किया जाएगा। इससे कैदियों को न केवल रोजगार के अवसर मिलेंगे बल्कि वे आर्थिक रूप से स्वतंत्र भी बन सकेंगी।
इस कार्यक्रम के अंतर्गत, महिला कैदियों को उनके कोर्स के सफल समापन पर प्रमाणपत्र प्रदान किए। यह प्रमाणपत्र न केवल उनके कौशल की पहचान है बल्कि उनके भविष्य की संभावनाओं के लिए एक नया द्वार भी खोलता है। इसके अलावा, वीरीना फाउंडेशन ने जेल परिसर में मासिक धर्म स्वच्छता वेंडिंग मशीन भी स्थापित की है, जिससे महिला कैदियों की स्वास्थ्य संबंधी आवश्यकताओं का ध्यान रखा जा सके।
No comments:
Post a Comment