हाईफार्म ने सीड पोटैटो के लिए बॉक्स कोल्ड स्टोर का उद्घाटन किया

मेरठ। भारत में फ्रोज़न फ्रेंच फ्राईज़ और पोटैटो स्पेशियलिटीज़ और इसके किसानों के लिए आलू के सबसे बड़े प्रोसेसर, हाईफन फूड्स और इसके कनेक्ट ब्रांड हाईफार्म ने आज हाईफार्म आनंदोत्सव के दौरान भारत में सीड पोटैटो के लिए बॉक्स कोल्ड स्टोर का उद्घाटन किया। उत्तर प्रदेश प्रमुख बीज आलू उत्पादक क्षेत्रों में से एक है  यह पहला सीड पोटैटो के लिए बॉक्स कोल्ड स्टोर सीड पोटैटो का बेहतर संरक्षण करेगा, ताकि आलू की फसल कम खराब हो और बीजों की गुणवत्ता में सुधार आए। बॉक्स कोल्ड स्टोर सटीक और एक समान तापमान नियंत्रण संभव बनाता है। इसमें आधुनिक ह्यूमिडिटी कंट्रोल सिस्टम शामिल है, जिससे फसल खराब होने में 20 प्रतिशत की कमी आती है, बेहतर एनर्जी एफिशियंसी मिलती है और 15 प्रतिशत ज्यादा क्षमता प्राप्त होती है।

हाईफन फूड्स के मैनेजिंग डायरेक्टर और ग्रुप सीईओ हरेश करमचंदानी ने कहा हाईफन फूड्स ने हमेशा पोटैटो की खेती में नैक्स्ट-जनरेशन की टेक्नोलॉजी को प्राथमिकता दी है। हम विश्व में ग्राहकों को अंतर्राष्ट्रीय गुणवत्ता का फूड प्रदान करने के लिए तत्पर हैं। इसके लिए हम अगले तीन सालों में 1000 करोड़ रुपये का निवेश करेंगे। ये निवेश क्वालिटी और इनोवेशन की हमारी प्रतिबद्धता प्रदर्शित करते हैं। हाईफार्म (हाईफन फूड्स की इकाई) के चीफ एग्ज़िक्यूटिव ऑफिसर सौंदरारादजाने एस ने कहा, आलू बीज के उत्पादक हमारी वैल्यू चेन की नींव हैं। आलू बीज के उत्पादकों की सफलता से वाणिज्यिक फसल के किसान सफल होते हैं, जिससे उच्च गुणवत्ता के फ्रेंच फ्राई का निर्माण करने में मदद मिलती है। इन टेक्नोलॉजी का अनुकूल लाभ मिल सके, इसके लिए किसानों को कस्टमाईज़्ड फसल प्रबंधन और संरक्षण की विधियों के बारे में शिक्षित होना आवश्यक है। हमारा विश्वास है कि हमारा डिजिटल कनेक्ट आर्थिक और पर्यावरणीय प्रभाव निर्मित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान कर रहा है।’’ इसमें सीड पोटैटो की स्टोरेज लाईफ पारंपरिक कोल्ड स्टोरेज के मुकाबले 10 से 15 प्रतिशत तक बढ़ जाती है। हाईफन ग्रुप आधुनिक टेक्नोलॉजी पेश करने और सर्वश्रेष्ठ इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश बढ़ाने पर केंद्रित रहा है। बॉक्स कोल्ड स्टोर की शुरुआत इस दिशा में एक और कदम है। आज आलू के किसानों को खेतों में अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जिनमें से एक मुख्य चुनौती ‘जलवायु परिवर्तन’ की है। पौधे लगाने, फसल बढ़ने और फसल कटाई के दौरान बहुत ज्यादा और अनियमित बारिश के कारण फसल की उत्पादकता प्रभावित होती है। साथ ही, बढ़ते तापमान से दीर्घकालिक स्टोरेज के दौरान फसल की पैदावार और गुणवत्ता पर असर होता है।  यह हमारी खाद्य ,पोषण सुरक्षा और बढ़ती आबादी की जरूरतों को पूरा करने के लिए एक चुनौती है।

हाईफार्म का फार्माजी ऐप कृषि क्षेत्र में अग्रणी है और सीड पोटैटो उत्पादकों को 24/7 सेवाएं प्रदान करता है। इस ऐप से उन्हें अनुकूलित फसल परामर्श और मिट्टी का स्वास्थ्य बढ़ाने एवं रिजनरेटिव कृषि विधियों की महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होती है। आलू के मुख्य उत्पादक राज्य, पंजाब और हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश आदि में हाईफार्म के पोटैटो सीड उत्पादक गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश राज्यों में हमारे हाईफार्म वाणिज्यिक आलू उत्पादकों को बेहतर गुणवत्ता की आलू बीज के विभिन्न प्रकार उपलब्ध करवा रहे हैं। इससे कंपनियाँ सर्वश्रेष्ठ गुणवत्ता की फ्रेंच फ्राई का उत्पादन करने में समर्थ बनी हैं ताकि न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में हाईफन फूड्स के ग्राहकों को सेवाएं दी जा सकें।

हाईफार्म ने हमारे पोटैटो सीड उत्पादकों में से प्रत्येक के साथ पारस्परिक लाभकारी संबंध स्थापित किए हैं, जो इस बात से स्पष्ट हो जाता है कि हम 7 सालों से ज्यादा समय से उनके साथ साझेदारी कर रहे हैं। ‘‘हाईफार्म आनंदोत्सव’’ में उत्तर प्रदेश ,पंजाब, हरियाणा और राज्यों से हाईफार्म के 600 से ज्यादा पोटैटो सीड उत्पादक एकत्रित हुए और हाईफार्म परिवार के साथ अपने जुड़ाव के मजबूत होने एवं अच्छी पैदावार होने की खुशी मनाई। यहाँ मौजूद विशेषज्ञों ने मिट्टी की जाँच के महत्व और मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार लाने के तरीकों के बारे में भी बताया। किसानों को रिजनरेटिव कृषि विधियों और इनोवेशन एवं अनुकूलित पैकेजों की मदद से उत्पादकता कैसे बढ़ाएं, इस बारे में जानकारी भी प्रदान की गई।इस अवसर पर हाईफार्म ने पोटैटो बीज उत्पादकों के योगदान और सर्वश्रेष्ठ फसल प्रबंधन की विधियों का पालन करके फसल उत्पादकता बढ़ाने के लिए उन्हें सम्मानित भी किया। भारत में कृषि क्षेत्र देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है। गुणवत्तापूर्ण कृषि विधियों के लिए नई टेक्नोलॉजी और इनपुट की उपलब्धता से इस सेक्टर की तीव्र वृद्धि संभव हो सकेगी। हाईफार्म उत्पादकता बढ़ाने का प्रयास करता है, जिससे पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव डालते हुए आलू का ज्यादा उत्पादन संभव हो सके।

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