24 घंटे में पाक में 3 बड़े हमले में70 लोगों के मारे जाने की खबर
लाहौर ,एजेंसी।पाकिस्तान के अलग-अलग हिस्सों में बीते 24 घंटे में कई बड़े हमले हुए हैं। इन हमलों में करीब 70 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की खबर है। बलूचिस्तान के मुसाखेल में बस और ट्रकों से उतारकर लोगों की पहचान पूछी गई और इसके बाद उन पर फायरिंग कर दी गई। इस हमले में अब तक 23 लोग मारे गए हैं। जानकारी के मुताबिक हमलावरों ने राराशम इलाके में नेशनल हाईवे ब्लॉक कर दिया और गाड़ियों की तलाशी लेने लगे। हमलावरों ने भागने से पहले करीब 10 गाड़ियों में आग भी लगा दी।
इसके अलावा बीती रात बलूचिस्तान के कलात जिले में भी बीएलए के आतंकियों ने ओपन फायरिंग की जिसमें पुलिसकर्मियों समेत 10 लोगों की मौत हो गई। इनमें एक पुलिस इंस्पेक्टर भी शामिल है. पुलिस की जवाबी कार्रवाई के बीच हमलावर भागने में कामयाब रहे।वहीं बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने दावा किया है कि उन्होंने तुरबत के बेला मिलिट्री कैंप में हमला कर कई घंटों तक कब्जा जमाया। इस हमले में उन्होंने 40 पाकिस्तानी सैन्यकर्मियों के मारे जाने का दावा किया है।
बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने इसे ‘ऑपरेशन हेरोफ’ बताया है। बीएलए के प्रवक्ता जायद बलूच ने बयान जारी कर कहा है किबीएलए की मजीद ब्रिगेड ने बेला मिलिट्री कैंप के एंट्री गेट और पास की सुरक्षा चौकियों पर विस्फोटकों से लदे दो वाहनों से बड़ा हमला कर दिया। रविवार शाम से शुरू हुए इस ‘ऑपरेशन हेरोफ’ में बीएलए की ओर से 62 पाकिस्तानी सैन्यकर्मियों के मारे जाने का दावा किया गया है। जानकारी के मुताबिक इन हमलों में मारे जाने वालों की संख्या बढ़ सकती है।
बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी क्या है?
बताया जाता है कि पाकिस्तान में 1970 के दशक में बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी अस्तित्व में आया था, हालांकि आधिकारिक स्थापना साल 2000 में किए जाने का दावा किया जाता है। बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी का दावा है कि वह आजाद बलूचिस्तान के लिए जंग लड़ रहे हैं। वह बलूचिस्तान को पाकिस्तान का हिस्सा नहीं मानते बल्कि अवैध कब्जा मानते हैं। उनके मुताबिक बंचवारे के वक्त बलूचिस्तान को जबरदस्ती पाकिस्तान में शामिल किया गया था जबकि वह एक आजाद मुल्क होना चाहिए था। यही वजह है कि पाकिस्तानी सरकार और आर्मी के खिलाफ लंबे समय से बीएलए का संघर्ष जारी है। हालांकि बलूचिस्तान की आजादी की मांग करने वाले कई विद्रोही संगठन हैं लेकिन बीएलए इनमें से सबसे पुराना और मजबूत गुट है।
चीन का कड़ा विरोध करता है बीएलए
BLA पाकिस्तान और चीन की नजदीकियों का भी विरोधी है। वह पाकिस्तान में शुरू की जा रही चीन की परियोजनाओं की भी खिलाफत करता रहा है। बलूचिस्तान क्षेत्रफल के लिहाज से पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत है। इसकी सीमा ईरान और अफगानिस्तान से मिलती है। इस इलाके में गैस, कोयला और तांबे का भंडार पाया जाता है। चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर का बड़ा हिस्सा बलूचिस्तान से होकर गुजरता है। जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान, चीन के साथ मिलकर यहां के संसाधनों का जमकर इस्तेमाल कर रहा है लेकिन न तो इन परियोजनाओं में बलूचिस्तान के स्थानीय लोगों को रोजगार मिलता है न ही उन्हें इसका कोई आर्थिक लाभ होता है। यही वजह है कि प्राकृतिक संसाधनों से संपन्न इस इलाके की ज्यादातर आबादी काफी गरीब है।
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