गंगनहर पटरी के चौड़ीकरण के नाम पर काटे लाखों पेड़

अधिकारियों ने जांच के बाद मानी पेड़ों के कटान में गड़बड़ी

सपा विधायक अतुल प्रधान ने उठाया मुद्दा

मेरठ।  गंगनहर की दाई पटरी के चौड़ीकरण के नाम पर लाखों पेड़ काट दिए गए। मानक के अनुरूप पेड़ों का कटान होने पर सरधना विधायक अतुल प्रधान ने कमिश्नर व वन विभाग के अधिकारियों से शिकायत की। जांच के बाद अधिकारियों  पेंडाें के कटान की गलती मानी है।  कमिश्नर व मुख्य वन संरक्षक ने मामले की जांच को अलग-अलग दो टीमों का गठन किया था। जांच के लिए वन विभाग के अधिकारी गंगनहर पटरी पर पहुंचे। अधिकारियों ने करीब 5 किलो मीटर तक खुद गीता डालकर पैमाइश की तो कई स्थानों पर गड़बड़ी मिली।

बतादें पटरी के चौड़ीकरण का कार्य मुरादनगर से पुरकाजी तक किया जाना है। इसके लिए गाजियाबाद मेरठ और मुजफ्फरनगर में कटान के लिए 1.12 लाख पेड़ों का चयन किया गया था। वन संरक्षक रमेश कुमार के साथ मेरठ, गाजियाबाद व मुजफ्फरनगर के वन विभाग के अधिकारी गंग नहर स्थित नानू पुल पर पहुंचे और आरोपों की जांच शुरू की।जांच के दौरान सामने आया कि पेड़ों के कटान के लिए 20 मीटर चौड़ाई में अनुमति ली गई थी। जिसे बाद में एनजीटी प्रकरण शुरू होने पर 15 मीटर चौड़ाई क्षेत्र में पटरी पर खड़े पेड़ों के कटान पर सहमति बनी, लेकिन मौके पर पैमाइश के दौरान अधिकांश क्षेत्रों में 25 से 27 मीटर तक चौड़ाई में पेड़ों का कटान होना सामने आया। कई स्थानों पर पेड़ का कटान कर मिट्टी से भराव कर साक्ष्यों को मिटाने का प्रयास भी किया गया था।

जांच टीम नानू पुल से होती हुई गंगनहर के किनारे बसे गांव मढ़ीयाई पहुंची तो ग्रामीणों ने बताया कि करीब 6 माह पहले कटान करना आए लोगों ने घर के अंदर खड़े पेड़ों को भी काट लिया। विरोध करने पर टीम ने बताई की सरकारी फरमान है, विरोध करोगे तो कार्रवाई की जाएगी।। ग्रामीणों के अनुसार गंग नहर पटरी किनारे पर शीशम, आम, सागौन आदि के काफी पेड़ लगे थे। जिसे वन विभाग की टीम ने काट दिया।

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