पेड़ों के कटान को लेकर मंडलायुक्त से मिले सरधना विधायक अतुल प्रधान
एनजीटी में सुनवाई होने तक पेड़ों के कटान रूकवाने व जांच करने की मांग की
मुख्य वन सरंक्षक के कार्यालय पर न मिलने पर धरने पर बैठे विधायक
मेरठ। सरधना के गंगनहर के दायी ओर पटरी पर सड़क निर्माण को लेकर वन विभाग द्वारा काटे जा रहे हरे पेड़ों के मामले में बुधवार को सरधना विधायक अतुल प्रधान मंडलायुक्त सेल्वा कुमारी जे से मिले। इस दौरान उन्होंने मंडलायुक्त से एनजीटी में सुनवाई होने तक पेड़ों के कटान को तत्काल रूकवाने व जांच करने की मांग की । इस दौरान विधायक ने मुख्य वन संरक्षक एन के जानू से मिलकर कार्रवाई करने की मांग की । वही विधायक ने मुख्य वन संरक्षक के समय देने के बाद कार्यालय पर मिलने पर उनके कार्यालय पर धरने पर बैठ गये।
बतादें गंगनहर की दांयी ओर सड़क निर्माण के लिए वन विभाग द्वारा हरे पेड़ों को काटा जा रहा है। जिसको लेकर पिछले तीन दिनों से विधायक आंदोलनरत है। पेड़ों से चिपककर वह आंदोलन की शुरूआत कर चुके है। यह मामला लखनऊ तक पहुंच गया है। डीएफओ के बयान के बाद विधायक पूरी तरह आक्रमक हो गये है। उन्होंने सपा के मुखिया से बात कर इस मुददे को लोकसभा उठाने की मांग की है।
बुधवार को अतुल प्रधान अपने समर्थकों के साथ मंडलायुक्त सेल्वा कुमारी जे से मिले। मंडलायुक्त से मिलते हुए उन्होंने बताया कि सड़क निर्माण में 14 मीटर पटरी पर पेड़ों कटान के बजाय 40 -42 मीटर तक पेड़ों के कटान की जानकारी मंडलायुक्त को दी। उन्होंने पेड़ों को काटकर चोरी किए जाने की रिपोर्ट दर्ज कराई रिपोर्ट को लेकर वन विभाग की कार्यशैली पर भी सवाल खडे किए । उन्होंने साफ कहा वह सड़क निर्माण के विराेधी नहीं है। लेकिन अधिक से अधिक पेड़ों को बचाया जाए। इसी के साथ मीरापुर व अन्य जिलों में काटे जा रहे पेड़ोें की क्षतिपूर्ति में पौधारोपण का क्या औचित्य है। विधायक अतुल प्रधान ने कहा कि एनजीटी में सुनवाई तक पेड़ों का कटान रोका जाए। वन निगम और वन विभाग की इस मामले में भूमिका की जांच की जाए। उन्होंने कमिश्नर से इस मामले में प्रशासनिक अधिकारियों की जांच समिति बनाकर पेड़ कटान में हो रही धांधली की जांच करने की मांग की । इसके बाद विधायक अतुल प्रधान मुख्य वन संरक्षक एन के जाजू के कार्यालय पर जा पहुंचे। वहां पर उनके न मिलने पर वही धरने पर बैठ गये। मिलने का समय देने के बाद वह अपने कार्यालय नहीं पहुंचे। इस पर उन्होनें ने मुख्य वन सरंक्षक एन के जाजू से बात करने का प्रयास किया तो मुख्य वन सरंक्षक ने उनका फोन काट दिया। उन्होनें कहा एक तरह से यह जनप्रतिनिधि का हनन है। इस बात को वह विधान सभा में उठाएंगे। वही इस मामले को लेकर विधायक अतुल प्रधान ने वन राज्यमंत्री के पी मलिक से बात भी की। उन्होंने राज्य मंत्री से पूरी जानकारी देते हुए वन विभाग के अधिकारियों की जनप्रतिनिधि के अधिकारों की हनन की बात भी की।
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