नीट -यूपी पर सुप्रीम कोर्ट बाेला गोपनीयता भंग हुई तो दोबारा होगी परीक्षा 

अगली सुनवाई गुरूवार को होगी , 24 लाख  छात्रों  को फैसले का इंतजार 

नयी दिल्ली, एजेंसी। नीट पेपर लीक मामले में 38 याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुकी हैं. उनमें से ज्यादातर याचिकाएं नीट यूजी परीक्षा को रद्द करने की मांग वाली हैं। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच इन याचिकाओं पर सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगरगोपनीयता भंग हुई तो परीक्षा दुबारा होगी।  अब इस मामले में अगली सुनवाई गुरुवार को होगी.

सीजेआई ने कहा कि परीक्षा की पवित्रता प्रभावित हुई है यह तो स्पष्ट है। अगर परीक्षा वाले दिन ही बच्चों को पेपर मिला था और उसे याद किया गया। इसका मतलब पेपर केवल स्थानीय स्तर पर ही लीक हुआ था, लेकिन अगर हमें यह पता नहीं चलता कि कितने स्टूडेंट इसमें शामिल थे, तब दोबारा परीक्षा का आदेश देना पड़ेगा।

भविष्य में पेपर लीक जैसी घटनाएं न हों, इसको लेकर कैसी तैयारियां हैं, सीजेआई ने इससे जुड़े कुछ सवाल किए. उन्होंने पूछा, साइबर क्राइम से निपटने वाली कौन सी तकनीक हमारे पास है? क्या डेटा एनालिटिक्स से हम मार्क कर सकते हैं? हम क्या कर सकते हैं जिससे भविष्य में पेपर लीक न हो? क्या हम मल्टी डिसिप्लिनरी कमेटी बना सकते हैं?

एसजी ने कहा कि हमने हर संभव कदम उठाए हैं। हम अदालत को हर सवाल का जवाब देंगे। सीजेआई ने याचिकाकर्ताओं से कहा कि आप दोबारा परीक्षा की मांग करने वाले सभी वकीलों के साथ बैठें। एक नोडल वकील दलील के लिए रखें जो सवाल किए गए हैं, उनका जवाब केंद्र और एनटीए आकर अगली सुनवाई में देंगें। इस पर एसजी ने कहा कि मामले की सुनवाई गुरुवार को कर लें, जिसे सीजेआई ने मंजूरी दे दी है। 

 बता दें नीट-यूजी परीक्षा में करीब 24 लाख छात्र शामिल हुए. 4750 केंद्रों में इसका आयोजन हुआ था। इसमें 15 केंद्र विदेश में थे केंद्र थे. मामले की जांच चल रही है। 6 राज्यों में FIR दर्ज कराई गई हैं. पटना में जांच के दौरान कई तथ्य सामने आए हैं। हालांकि, इसके व्यापक प्रभाव हैं अगर यह पेपर सभी केंद्र पर पहले से था। हम निगरानी और बेहतर सुनवाई के लिए निर्धारित बिंदु स्पष्ट कर रहे हैं।

सीजेआई ने कहा, याचिकाकर्ताओं के अनुसार पेपर लीक के संबंध में बिहार पुलिस द्वारा एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई थी। दूसरी ओर एडीशनल डीजीपी, ईओयू ने यह कहा गया है कि इस संबंध में कोई आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति जारी नहीं की गई थी। क्या ये चूक कुछ केंद्रों तक सीमित थी या फिर बड़े पैमाने पर. यह मामला 23 लाख से ज्यादा परीक्षा देने वाले छात्रों से जुड़ा है. इसलिए यह जरूरी है कि इस पर पूरी जानकारी हमारे पास हो।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एनटीए हमें बताए कि पेपर लीक की प्रकृति क्या थी? क्या टाइमलाइन थी लीक की? पेपर कहां लीक हुआ? पेपर पहले कहां लीक हुआ? परीक्षा दोपहर 2 बजे 5 मई को थी. ऐसे में यह स्पष्ट बताएं कि किस वक्त पेपर लीक हुआ? सीबीआई स्टेट्स रिपोर्ट दाखिल करे. सीबीआई आज की जांच की स्थिति और आज तक सामने आई सामग्री पर अदालत के समक्ष एक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करेगी। 

काउंसलिंग हो चुकी स्थगित

एनटीए ने 5 मई को परीक्षा आयोजित की थी और 6 जून को परिणाम घोषित किए गए थे। 8 जुलाई को निर्धारित सुनवाई से पहले NEET UG 2024 के लिए काउंसलिंग 6 जुलाई से शुरू होने वाली थी, लेकिन अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के नतीजे की प्रतीक्षा में महीने के अंत तक काउंसलिंग को स्थगित कर दिया है। अभी तक नई तारीख का ऐलान नहीं किया गया है।

नीट धांधली पर छात्रों का विरोध प्रदर्शन

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले रविवार को छात्रों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया और एनटीए को बर्खास्त करने की मांग की। जंतर मंतर पर AISA, AIDSO और KYS समेत कई संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष धनंजय ने कहा कि हमें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट NTA की परीक्षा प्रक्रिया के आपराधिक ढांचे को ध्यान में रखेगा और शिक्षा मंत्री से वास्तविक जिम्मेदारी की मांग करेगा। NEET परीक्षा दोबारा होनी चाहिए और NTA को खत्म किया जाए. इसके अलावा छात्रों ने शिक्षा मंत्री के इस्तीफे की मांग की है। 

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