स्वामी विवेकानन्द युवाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत - स्वामी सर्वालोकानन्द, अध्यक्ष, रामकिशन मिशन
सुभारती विवि में विवेकानंद दर्शन पर राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन
मेरठ। स्वामी विवेकानन्द सुभारती विवि की स्वामी विवेकानंद शोध पीठ द्वारा उदार कला और मानविकी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में स्वामी विवेकानंद के महासमाधि दिवस पर स्वामी विवेकानन्द दर्शन के मूल मूल्य विषय पर राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन हुआ।
सत्यजीत रे प्रेक्षागृह में सेमिनार का शुभारंभ मुख्य अतिथि क्षेत्रीय उच्च शिक्षा मेरठ की निदेशक प्रो. डॉ. मोनिका सिंह, उपाधि महाविद्यालय पीलीभीत के प्राचार्य डॉ. दुष्यंत कुमार, रामकिशन मिशन नई दिल्ली के अध्यक्ष स्वामी सर्वालोकानन्द, पूर्व बैंकर व प्रेरणादायक वक्ता गिरीश त्यागी, कुलपति मेजर जनरल डॉ.जी.के.थपलियाल, प्रतिकुलपति डॉ.हिमांशु ऐरन, कुलसचिव एम याकूब एवं सेमिनार की अध्यक्षा डॉ.मोनिका मेहरोत्रा ने स्वामी विवेकानन्द के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया।
मुख्य अतिथि क्षेत्रीय उच्च शिक्षा मेरठ की निदेशक प्रो. डॉ. मोनिका सिंह ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने भारत की संस्कृति और अध्यात्म की ताकत का पूरे विश्व में डंका बजाया है। जिससे विश्व स्तर पर भारत की साख कायम हुई। उन्होंने सुभारती विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि सुभारती विश्वविद्यालय आज के समय में देश की संस्कृति को नई पीढ़ियों से रूबरू कराने का गौरवपूर्ण कार्य कर रहा है। उन्होंने छात्र छात्राओं को स्वामी विवेकानंद जी के आदर्शो पर चलने का संकल्प दिलाया एवं महापुरूषों को सम्मान देने के लिए सुभारती विश्वविद्यालय के द्वारा किये जा रहे कार्यो की सराहना की।
सुभारती विवि के कुलपति मेजर जनरल डॉ. जी.के.थपलियाल ने स्वामी विवेकानंद जी को नमन करते कहा कि स्वामी विवेकानंद ने शिक्षा के माध्यम से समाज की दशा बदलने के मार्ग पर युवाओं का मार्गदर्शन किया है। उन्होंने अमेरिका में स्वामी जी के भाषण के बारे में बताया कि किस प्रकार स्वामी जी ने विदेश में भारत की संस्कृति से सभी को प्रभावित किया था। उन्होंने कहा कि इसी प्रेरणा से सुभारती विश्वविद्यालय स्वामी विवेकानंद जी के आदर्शों को अपना कर समाज में शिक्षा, सेवा, संस्कार एवं राष्ट्रीयता की भावना को रोपित कर रहा है।
रामकिशन मिशन नई दिल्ली के अध्यक्ष स्वामी सर्वालोकानन्द ने कहा कि भारत महापुरूषों का देश है और स्वामी विवेकानन्द ने देश की संस्कृति को विश्व पटल पर रोशन किया है। स्वामी विवेकानन्द ने युवाओं को संस्कार से जोड़ने पर अधिक बल दिया, जिसका हमें अनुपालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जीवन में सफलता का मूल मंत्र चरित्रवान आचरण है, इसके माध्यम से जीवन के हर क्षेत्र में गर्व के साथ सफलता मिलती है। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानन्द का यह मानना था कि सर्व धर्म सद्भाव को महत्व देना चाहिए और अध्यात्म, विद्या एवं भारतीय दर्शन के बिना विश्व अनाथ है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार स्वामी विवेकानन्द जी ने अपना जीवन अपने गुरू स्वामी रामकृष्ण परमहंस को समर्पित कर दिया इसी भाव के साथ युवा पीढ़ी को स्वामी विवेकानन्द से प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने सुभारती विश्वविद्यालय का नाम स्वामी विवेकानन्द के नाम पर होने पर गर्व प्रकट करते हुए कहा कि सुभारती समूह देश के हर महापुरूषों के इतिहास को युवाओं के उत्थान हेतु कार्य कर रहा है, यह पूरे देश के लिए प्रेरणादायक है।
पूर्व बैंकर व प्रेरणादायक वक्ता गिरिश त्यागी ने स्वामी विवेकानंद जी के जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण घटनाओं पर विस्तार से व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी की शिक्षाओं को आत्मसात करने की आवश्यकता है। सेमिनार की मुख्य संयोजक व स्वामी विवेकानन्द शोध पीठ की प्रमुख डॉ.मोनिका मेहरोत्रा ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द युवाओं के आदर्श है और उन्हीं के विचारां को विश्वविद्यालय युवा पीढ़ी में रोपित कर रहा है। उन्होंने बताया कि सुभारती विश्वविद्यालय के तमाम कॉलिज एवं विभाग की इमारतें, सड़के, तिराहें विभिन्न महापुरूषों के नाम पर स्थापित है, जिसका मुख्य उद्देशय विद्यार्थियों को अपने महापुरूषों से परिचत कर भारतीय संस्कृति से रूबरू कराना है। उन्होंने स्वामी विवेकानन्द शोध पीठ द्वारा स्वामी जी के जीवन से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर किये जा रहे अनुसंधान एवं विभिन्न कार्यो से सभी अतिथियों को रूबरू कराया।
सेमिनार के तकनीकी सत्रों में शोध पत्र प्रस्तुत किये गए। इसके साथ ही स्वामी विवेकानन्द के जीवन पर आधारित पुस्तक व चित्र प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया। मंच का संचालन डॉ. फरहा हाशमी एवं डॉ.अनुज ने किया।
इस मौके पर संकायाध्यक्ष डॉ. सुधीर त्यागी, विभागध्यक्ष डॉ मनोज त्रिपाठी, डॉ नियति गर्ग (कार्यक्रम सह संयोजक),डॉ दुर्वेश पुंडीर( कार्यक्रम सह संयोजक) डॉ. प्रदीप भारती गुप्ता, डॉ.आर.के.घई, डॉ.संदीप कुमार, डॉ.पिंटू मिश्रा, डॉ.अनोज राज, डॉ सीमा शर्मा, डॉ रफत खानम,डॉ मनीषा लूथरा, डॉ नेहा वर्मा, डॉ अमित तोमर, डॉ मानस कांडी, डॉ अमृता चौधरी, रूबी, स्वाति शर्मा आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम में डॉ नियति गर्ग, डॉ दुर्वेश पुंडीर और डॉ अश्विनी कुमार का विशेष योगदान रहा l
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