सूरज की तपिश व लू से बचने के लिए घरों में दुबके लोग 

 44 डिग्री तक पहुंचा पारा, मचा हाहाकार

बिजली के कट भी लोगों को कर रहे परेशान

मेरठ। गर्मी का प्रकोप कम होने का नाम नहीं ले रहा है। सोमवार को शहर का तापमान 44 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। सूरज की तपिश और लू से बचने को लोग अपने घरों में दुबके रहे। सड़कों पर सन्नाटा पसर गया। शाम को धूप कम होने के बाद सड़कों पर आवाजाही शुरू हुई। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी दो दिन ऐसी ही स्थिति बनी रहेगी। उसके बाद तापमान में कमी आ सकती है।
दशकों बाद गर्मी का ऐसा रौद्र रूप देखने को मिला है। बकरीद की छुट्टी होने के कारण लोग सड़कों की बजाय घरों में दुबके रहे। सड़कों पर ऐसा सन्नाटा पसरा कि दूर दूर तक कोई दिखाई नहीं दे रहा था। बाजारों में खरीदारों की संख्या में नाममात्र थी। दोपहर बारह से शाम पांच बजे तक शहर में दिन का तापमान 44 डिग्री सेल्सियस रहा। इससे लोग तो परेशान रहे ही, पशु पक्षियों पर भी खासा असर रहा। रविवार को शहर का अधिकतम तापमान 43.6 और न्यूनतम तापमान 30.1 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था। उससे बढ़कर आज तापमान होने से लोगों गर्मी में बिलबिला गए। इसके साथ बिजली आपूर्ति बाधित रही और जल्दी जल्दी कट लगने से कूलर, पंखे और एसी प्रभावित रहे। बिजली के कट लगने से पाने की पानी को लेकर भी किल्लत बनी रही, क्योंकि प्रेशर कम होने से मोटर से नलों में पानी नहीं आ सका। मौसम वैज्ञानिकों ने 19 जून तक लू को लेकर येलो अलर्ट जारी कर रखा है। उसके बाद मौसम में बदलाव आ सकता है। मेरठ शहर में पहली बारिश 27 जून से 30 जून के बीच आने की संभावना जताई गई है। 
 टंकी का पानी भी भभक रहा 
 तापमान में लगातार हो रही वृद्धि के चलते छतों पर पानी की टंकी का पानी भी पीना भी खतरे से खाली नहीं रह गया है। टंकी से आने वाली पानी की टंकी का पानी का तापमान इतना अधिक हो गया है। उसे आप पी नहीं सकते है। अगर आपने पीने की कोशिश की तो हो सकता है आपका मुंह जल जाए। 
 बरसती आग से मजदूरों को मिलना मुश्किल हो रहा 
 आसमान से बरस रही आग से दिहाडी पर काम ने वाले मजदूरों का अकाल सा पड़ गया है। गर्मी के पतिश से अपने को बचाने के लिए वह अपने अडडो ं  पर नहीं पहुंच रहे है। जिन लोगों के मकान में निर्माण कार्य चल रहा है। उन्हें  मजदूर मिलना मुश्किल हो रहा है। 
 बसों में नहीं मिल रहे यात्री 
 तापमान में लगातार हो रही वृद्धि के चलते रोडवेज व प्राइवेट बसों में यात्रियों की संख्या काफी गिरावट तेजी आ रही है। सामान्य बसों में लोग सफर करना खतरे से खाली नहीं समझ रहे है। जो भी बस सड़‍कों से गुजर रही है। उसमें भी कम सवारी नजर आ रहा है। हां शहर में चली रोडवेज की एसी बसों में भीड़ जरूर दिखाई दे रही है। 

 

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