कश्मीर लगातार हो रहे आतंकी हमले चिंताजनक  पहलू

इलमा अजीम 
जम्मू-कश्मीर में अब लगातार हो रहे आतंकी हमलों ने आंतरिक सुरक्षा के लिये नये सिरे से चुनौती पैदा की है। जम्मू में रियासी, कठुआ और डोडा में चार दिनों में चार आतंकी हमले हुए हैं। वहीं इन हमलों का चिंताजनक पहलू यह है कि अब तक आतंकी घटनाओं का केंद्र दक्षिण कश्मीर आदि इलाके होते थे, अब की बार ये हमले जम्मू क्षेत्र में हुए हैं। जम्मू के इलाके में आतंकी घटनाओं में वृद्धि शासन-प्रशासन के लिये गंभीर चिंता का विषय होना चाहिए। इन हमलों में पाकिस्तान की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता। उल्लेखनीय है कि रविवार को हुए हमले की जिम्मेदारी जहां लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी गुट टीआरएफ ने ली तो डोडा में हुए हमले की जिम्मेदारी पाक पोषित जैश-ए-मोहम्मद के एक गुट कश्मीर टाइगर्स नामक आतंकी संगठन ने ली है। हालांकि, भारतीय सेना व सुरक्षा बल आतंकवादियों को भरपूर जवाब दे रहे हैं, लेकिन इस माह के अंत में शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा का निर्बाध आयोजन सुरक्षा बलों के लिये बड़ी चुनौती होगी। जिसको लेकर विशेष चौकसी बरतने की जरूरत है। वहीं दूसरी ओर हाल के आतंकी हमले केंद्र सरकार व राज्य प्रशासन को भी आत्ममंथन का मौका देते हैं। केंद्र सरकार विचार करे कि अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद क्या वाकई घाटी में स्थिति सामान्य हो पायी है? हाल के लोकसभा चुनाव में हुआ बंपर मतदान क्या चरमपंथियों को संसद भेजने का उपक्रम था? क्या वजह है कि राज्य में लंबे समय से लोकतंत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले दिग्गज राजनेता लोकसभा चुनाव में धराशायी हो गए? हाल के वर्षों में जम्मू-कश्मीर में सामान्य स्थिति बहाली को लेकर जो दावे किये जा रहे थे तो क्या जमीनी हकीकत ऐसी ही है? देश के नीति नियंताओं को आत्ममंथन करना होगा कि क्यों कश्मीर का जनमानस राष्ट्र की मुख्यधारा से जुड़ नहीं पा रहा है? क्या कश्मीरी लोगों में नई व्यवस्था में अपने अधिकारों की सुरक्षा व संपत्ति के अधिकारों को लेकर मन में संशय की स्थिति में वृद्धि हुई है? हमें यह तथ्य स्वीकारना चाहिए कि किसी भी राज्य में आतंकवाद का उभरना स्थानीय सहयोग के बिना संभव नहीं हो सकता। दरअसल, नई सरकार बनने की प्रक्रिया के दौरान हुए इन हमलों में पाक की भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता। चिंता की बात यह है कि एलओसी से लगते जम्मू के इलाके में आतंकवादी घटनाएं बढ़ी हैं। कहीं न कहीं दिल्ली में बनी गठबंधन सरकार को यह संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि पाक पोषित आतंकवादी जम्मू-कश्मीर में दखल दे सकते हैं।

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