सीसीएस विवि  ने योग दिवस पर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराया नाम

मेरठ। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ ने उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति  आनंदीबेन पटेल के आह्वान पर, विवि की कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला के निर्देशन में, योग दिवस के उपलक्ष्य में एक विशेष अभियान चलाया। इस अभियान का उद्देश्य गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में उत्तर प्रदेश का नाम दर्ज कराना था। प्रदेश भर में योग की शपथ दिलाई गई, जिसमें चौधरी चरण सिंह विवि, में 1,74,115 लोगों ने शपथ ग्रहण की। 

इस अवसर पर कुलाधिपति  आनंदीबेन पटेल ने शुक्रवार को चौधरी चरण सिंह विवि की टीम को पुरस्कृत किया तथा एक प्रशस्ति पत्र प्रदान किया। चौधरी चरण सिंह विवि की कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला ने इस महान उपलब्धि के लिए कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल, विश्वविद्यालय परिवार, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों, छात्रों, उनके परिवारजनों, पुरातन छात्रों, सम्मानित जनप्रतिनिधियों, मेरठ के नागरिकों तथा अन्य शिक्षण संस्थानों का धन्यवाद व्यक्त किया।

समारोह में कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला ने कहा, "यह सफलता सभी के सामूहिक प्रयासों का परिणाम है। इस दौरान कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला, कुलसचिव धीरेंद्र कुमार, वित्त अधिकारी रमेश चंद्र, प्रोफेसर वीरपाल सिंह, प्रोफेसर दिनेश कुमार, प्रोफेसर राकेश कुमार शर्मा तथा इंजीनियर मनीष कुमार मिश्रा मौजूद रहे।"

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में चलाए गए इस अभियान के तहत लोगों को बार कोड के माध्यम से योग करने और अपने परिवार सहित योग की शपथ लेने के लिए प्रोत्साहित किया गया। इस प्रयास में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय ने न केवल अपने परिसर में, बल्कि प्रदेश भर में योग को बढ़ावा देने का काम किया। 

कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला ने कहा, "चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की इस अद्वितीय पहल को सफल बनाने में विश्वविद्यालय के सभी स्टेकहोल्डर, शिक्षकों, छात्रों, कर्मचारियों, संबद्ध महाविद्यालयों और मेरठ शहर के नागरिकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। हम सभी का धन्यवाद करते हैं जिन्होंने इस अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।"इस ऐतिहासिक अवसर पर, कुलपति ने विश्वविद्यालय के सभी कर्मचारियों, शिक्षकों, छात्रों और उनके परिवारों को विशेष धन्यवाद दिया और उन्हें इस सफलता के लिए बधाई दी।उपरोक्त कार्यक्रम मे गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के एक्जीक्यूटिव ऑडिटर जो कि जापान से थे, उनकी भी उपस्थिति भी रही।


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