माफिया अशरफ के साले सद्दाम और जैद बने हिस्ट्रीशीटर

- पुलिस ने की बड़ी कार्रवाई, अब नियमित तौर पर होगी निगरानी
प्रयागराज (एजेंसी)।माफिया गिरोह के खिलाफ शिकंजा कसने के क्रम में कमिश्नरेट पुलिस ने चुनाव बाद फिर कार्रवाई शुरू कर दी है। इसी के तहत माफिया खालिद अजीम उर्फ अशरफ के साले अब्दुल समद उर्फ सद्दाम व जैद की हिस्ट्रीशीट खोलने की कार्रवाई की गई है। अब दोनों की एक-एक गतिविधियों की सतत निगरानी की जाएगी।
जैद अशरफ की पत्नी जैनब का सबसे बड़ा भाई है, जबकि सद्दाम तीसरे नंबर का भाई है। दोनों का ही आपराधिक इतिहास है। सद्दाम बंदायू जेल में निरुद्ध है जबकि जैद अभी फरार है। दोनों पर आखिरी मुकदमा हाल में ही शाहगंज थाने में लिखा गया जिसमें रंगदारी मांगने व आपराधिक षडयंत्र के आरोप हैं।
सद्दाम पर कुल नौ मुकदमे दर्ज हैं। इनमें से छह मुकदमे प्रयागराज और तीन मुकदमे बरेली में दर्ज हैं। इनमें बरेली में दर्ज गैंगस्टर का भी मुकदमा शामिल है। इसके अलावा जैद पर कुल छह मुकदमे दर्ज हैं। जैद पर पहला मुकदमा 2009 में दर्ज हुआ था।
जैद इतिहास का प्रवक्ता है और शेरवानी इंटर कॉलेज सल्लाहपुर में बतौर पर प्रवक्ता तैनात है। फिलहाल वह निलंबित चल रहा है। डीसीपी नगर दीपक भूकर ने बताया कि दोनों की आपराधिक गतिविधियों में संलिप्तता को देखते हुए उनकी हिस्ट्रीशीट खोलने की कार्रवाई की गई है। अब नियमित तौर पर उनकी गतिविधियों की निगरानी पुलिस की ओर से की जाएगी।

‘बी’ श्रेणी की हिस्ट्रीशीट, ताउम्र होगी निगरानी
जैद व सद्दाम दोनों को ‘बी’ श्रेणी का हिस्ट्रीशीटर बनाया गया है। इसका मतलब यह है कि उनकी ताउम्र निगरानी होती रहेगी। दरअसल पुलिस दो श्रेणी ‘ए’ और ‘बी’ में अपराधियों की हिस्ट्रीशीट खोलती है। ‘ए’ श्रेणी के हिस्ट्रीशीटर वह होते हैं जिनकी निगरानी, अगर वह कई सालों तक अपराधिक घटनाएं नहीं करते हैं तो, बंद की जा सकती है। जबकि ‘बी’ श्रेणी के हिस्ट्रीशीटर की निगरानी कभी बंद नहीं की जाती। उसकी ताउम्र निगरानी की जाती है। सद्दाम का हिस्ट्रीशीट नंबर 34बी और जैद का हिस्ट्रीशीटर नंबर 35बी है।

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