मुंबई में ईवीएम हैक होने का आरोप
केवल 48 वोट से जीता है उम्मीदवार, चुनाव आयोग ने आरोप नकारे
मुंबई ,एजेंसी। उद्धव बालासाहेब ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना (यूबीटी) ने चुनाव आयोग पर पूरी तरह से समझौता करने का आरोप लगाते हुए मुंबई उत्तर पश्चिम सीट पर मतगणना प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिव सेना से जुड़े रवींद्र वायकर ने चुनाव में शिव सेना (यूबीटी) के अमोल कीर्तिकर को 48 वोटों के अंतर से हराया।
शिवसेना (यूबीटी) विधायक आदित्य ठाकरे ने कहा , “एक बार गद्दार, हमेशा गद्दार!, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना उम्मीदवार अब लोकतंत्र के साथ विश्वासघात कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा,“चुनाव आयोग ने मतगणना केंद्र के सीसीटीवी फुटेज साझा करने से इनकार कर दिया है। मुझे लगता है कि यह एक और चंडीगढ़ पल से बचने की कोशिश कर रहा है।”
वनराई पुलिस स्टेशन ने मंगेश पांडिलकर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, जो श्री वायकर के रिश्तेदार और सहयोगी बताए जाते हैं। श्री कीर्तिकर दो बार के सांसद गजानन कीर्तिकर के बेटे हैं।
चूंकि श्री ठाकरे ने अमोल कीर्तिकर के बेटे को मैदान में उतारा था, इसलिए वरिष्ठ चुनाव से दूर रहे।श्री कीर्तिकर के नाम की घोषणा के एक महीने से अधिक समय बाद मौजूदा विधायक वायकर अपने पूर्व पार्टी सहयोगी के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए शिंदे की पार्टी में शामिल हो गए।श्री कीर्तिकर और शिवसेना (यूबीटी) के राज्यसभा सदस्य और मुख्य प्रवक्ता संजय राउत पहले ही रिटर्निंग अधिकारी वंदना सूर्यवंशी की भूमिका पर सवाल उठा चुके हैं।मुंबई नॉर्थ वेस्ट के लिए मतगणना केंद्र गोरेगांव के नेस्को कॉम्प्लेक्स में बनाया गया था।शिवसेना (यूबीटी) की राज्यसभा सदस्य प्रियंका चतुर्वेदी ने भी इसके बारे में बात की और सवाल किया कि भारत का चुनाव आयोग इस पर चुप क्यों है।
इस बीच मुंबई पुलिस ने रविवार को श्री वाइकर के रिश्तेदार एम पांडाकर को चार जून को लोकसभा मतगणना के दिन मतगणना स्थल पर मोबाइल फोन ले जाने के लिए समन जारी किया।इससे पहले पुलिस ने श्री पांडीरकर को अपना मोबाइल फोन मतगणना स्थल पर ले जाने की अनुमति देने के लिए उनके साथ-साथ एक मतदान कर्मचारी दिनेश गुरव के खिलाफ भी मामला दर्ज किया था।
इसी बीच महाराष्ट्र में रिटनिँग ऑफिसर वंदना सूर्यवंशी ने रविवार को स्पष्टीकरण जारी कर कहा है कि कोई इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) हैक नहीं हुई है।सुश्री सूर्यवंशी ने महाराष्ट्र में विपक्षी दलों के सदस्यों द्वारा लगाए गए आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए यह बात कही। चुनाव में वोटों की गिनती के दौरान मुंबई उपनगर में एक मोबाइल फोन द्वारा ईवीएम मशीन को हैक कर लिया गया जिसके काण शिवसेना (शिंदे) के रवींद्र वायकर की जीत हुई। उन्होंने कहा कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई है।
उन्होंने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा,“ईवीएम को अनलॉक करने के लिए किसी वन-टाइम पासवर्ड (ओटीपी) की आवश्यकता नहीं है… इसमें उन्नत तकनीकी विशेषताएं हैं और ईवीएम पर कोई संचार उपकरण नहीं है। यह तकनीकी रूप से पूर्ण-प्रूफ है प्रणाली और ईवीएम एक स्टैंडअलोन प्रणाली है इसके लिए किसी ओटीपी की आवश्यकता नहीं है।”
सुश्री सूर्यवंशी का यह स्पष्टीकरण श्री वायकर के एक रिश्तेदार से जुड़े पुलिस मामले के जवाब में आया, जिसने कथित तौर पर एक ईवीएम को अनलॉक करने के लिए एक मतगणना केंद्र के भीतर एक मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया था।
रिटर्निंग ऑफिसर के इनकार के बाद मुंबई पुलिस ने भी रविवार को इस बात से इनकार किया कि गत चार जून को लोकसभा चुनाव के लिए एक मतगणना केंद्र पर ईवीएम को लॉक करने के लिए एक मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया गया था।
वनराई पुलिस स्टेशन द्वारा यहां जारी एक प्रेस बयान के अनुसार मंगेश पंडलीकर द्वारा मोबाइल फोन के इस्तेमाल करने का मामला दर्ज किया गया था लेकिन मोबाइल फोन का इस्तेमाल ईवीएम को लॉक करने के लिए नहीं किया गया था।
पुलिस ने यह भी कहा कि मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट भ्रामक है और झूठी रिपोर्ट प्रकाशित करने वाले मीडिया के खिलाफ कार्रवाई पर विचार किया जा रहा है।
बतादें कि मीडिया के एक वर्ग ने प्रकाशित किया था कि मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा क्षेत्र से नवनिर्वाचित सांसद रवींद्र वायकर के बहनोई श्री पंडलीकर पर एक मतगणना केंद्र पर ईवीएम को अनलॉक करने के लिए मोबाइल फोन का उपयोग करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया।
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