चेकिंग अभियान के दौरान 236 मामले, चोरी के पकड़े गये, रिपोर्ट दर्ज
तीन दिन के अभियान में विभाग ने 368.25 लाख की बकाया वसूली की गयी
विद्युत चोरी रोको विशेष अभियान के अन्तर्गत कुल 789 संयोजन चेक किये गये
मेरठ । पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लि० के अन्तर्गत विद्युत चोरी पर अपेक्षित नियंत्रण लगाने एवं विद्युत लाईन हानियों को कम करने के उद्देश्य से प्रबन्ध निदेशक ईशा दुहन के निर्देशन में 7 जून से विभागीय एवं प्रवर्तन दल का संयुक्त विद्युत चोरी रोको विशेष अभियान चलाया जा रहा है अभियान में विभागीय टीमों द्वारा कुल 789 संयोजन चेक किये गये जिसमें से 236 प्रकरणों में सीधे विद्युत चोरी पकड़ी गयी जिसके विरूद्ध 236 प्रकरणों में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी एवं 368.25 लाख की बकाया वसूली की गयी।
अभियान में अवैध विद्युत उपयोग स्वीकृत विधा से भिन्न विधा में उपयोग इत्यादि करने पर नियमानुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जा रही है। बकायेदारों से बिल जमा करने हेतु अनुरोध किया जा रहा है। प्रबंधन द्वारा मुख्य अभियंता (वितरण) / अधीक्षण अभियन्ता (वितरण) / अधिशासी अभियन्ता (वितरण), उपखण्ड अधिकारी, अवर अभियंताओं को फील्ड में रहकर विद्युत चोरी एवं विद्युत संयोजनों पर बकाया धनराशि के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही के निर्देश दिये गये हैं।विद्युत चोरी रोकने में सहयोग करके उपभोक्ता बेहतर बिजली पा सकते है इस सम्बंध में उपभोक्ताओं से अपील है कि मीटरों से छेड़छाड़ ना करे और इसके लिए प्रलोभन देने वाले व्यक्ति की तुरंत सूचना दे। सूचना देने वाले का नाम गोपनीय रहेगा। उपभोक्ताओं से अनुरोध है कि आपके परिसर पर आने वाले अनाधिकृत व्यक्ति का नाम, मोबाइल नंबर पहचान, वाहन नंबर आदि यथा नोट कर क्षेत्रीय अधिकारी को तुरंत बताये। कटिया ना तो डाले और ना डालने दे कटिया से स्पार्किंग होगी एवं तार टूट सकता है और दुर्घटना हो सकती है कटिया डालना कानूनी अपराध है।अनाधिकृत रूप से प्रयोग किए गए दोषपूर्ण मीटरों की स्वैच्छिक घोषणा का लाभ लेने वाले उपभोक्ता के विरुद्ध विद्युत चोरी का मुकदमा पंजीकृत नहीं कराया जाएगा तथा कोई शमन शुल्क भी नहीं लिया जाएगा।
उपभोक्ताओं से अपील है कि अपने विद्युत बिलो का नियमित भुगतान करें एवं मीटर मे शंट, कटिया, तार, ट्रांसफार्मर एवं तेल चोरी आदि विद्युत चोरी कि शिकायत uppcl.org के बिजली मित्र पोर्टल या विद्युत हेल्पलाइन नंबर 1912 पर दर्ज कराए जिससे कि ऐसे अराजक तत्वों को कतिपय पकड़ा जा सके एवं जिससे भविष्य में विद्युत सामग्री चोरी की घटनाओं पर रोक लग सके तथा विभाग को चोरी से होने वाली वित्तीय हानि से बचाया जा सके।
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