गर्मियों में क्यों हो जाती हैं घमौरियां, ऐसे करें बचाव
- शहनाज़ हुसैन
इन दिनों तापमान आसमान छू रहा है। गर्मी का मौसम शुरू होते ही ज्यादातर लोग घमौरियों से परेशान रहते हैं क्योंकि इनसे  त्वचा पर काफी ज्यादा तेज खुजली और जलन मचती है। हीट रैश की  यह बीमारी  उच्च तापमान और बाताबरण में  नमी में कमी   के कारण होती है जो त्वचा को लाल कर देती है। घमौरियाँ तब होती हैं जब अत्यधिक पसीना पसीने के छिद्रों को अवरुद्ध कर देता है जिसकी बजह से  पसीना त्वचा की सतह तक नहीं पहुंच पाता है। इसके बजायए ये त्वचा की सतह के नीचे फंस जाता है  जिससे हल्की सूजन या दाने हो जाते हैं। ज्यादातर  घमौरियाँ अक्सर  गर्दन , कमर के पास, बाहों के नीचे आदि त्वचा की परतों के आसपास दिखाई देती हैं, लेकिन समस्या अगर गंभीर हो तो ये चेहरे से लेकर पूरे बदन में फैल जाती हैं।
समुद्र के किनारे  की  जगहों पर    बाताबरण में आद्रता  अधिक होती है और इसीलिए  वहां पसीना अधिक आने के कारण  घमौरियों की समस्या ज्यादा पाई जाती है। वैसे तो शहरों में इसके इलाज के  लिए पाउडर ,लोशन आदि की भरमार रहती है लेकिन इस सब की कतई जरूरत नहीं होती क्योंकि यह समस्या कोई ज्यादा गम्भीर नहीं होती बल्कि कुछ घरेलू उपायों से आप इसका आसानी से इलाज कर सकते हैं।
1- मुल्तानी मिट्टी
घमौरियां दूर करने का मुल्तानी मिट्टी बेहतर घरेलू नुस्खा है।  एक कांच के बर्तन में 1 चम्मच मुल्तानी मिट्टी और एक  चम्मच गुलाब जल डालकर मिश्रण बना लें। इस मिश्रण को त्वचा पर अप्लाई करें और थोड़ी देर बाद ताजे जल से धो डालें। मुल्तानी मिट्टी त्वचा को प्रकृतिक ठंडक प्रदान करेगी   जिससे जलन,  खुजली कम होगी। इसे लगातार तीन दिन तक लगाने से काफी राहत महसूस होगी।
 2- आइस क्यूब
अगर आपको घमौरियों में बहुत जलन हो रही है  तो इस पर आइस क्यूब पैक रख सकते हैं। इसके लिए कॉटन के कपड़े में बर्फ के टुकड़ों को डालकर बांध लें और इसे घमौरियों वाली जगह पर रखें। इससे बंद रोम छिद्र खुल जाएंगे और घमौरियों से जुड़े दर्द, जलन, खुजली, रेड रैशेज सहित  सभी समस्याएं धीरे.धीरे कम होने लगेंगी।
ठंडी सिकाई चिढ़ी हुई त्वचा को आराम देने के लिए बहुत अच्छी होती है।घमौरियों से बचने के लिए रोजाना ठन्डे पानी से नहाएं।
3- एलो वेरा जैल
घमौरियों से बचने के लिए त्वचा पर रोजाना सोने से पहले एलो वेरा जैल लगा कर सो जाएँ और सुबह इसे ताजे ठन्डे पानी से धो डालें। इससे त्वचा नरम और मुलायम बनेगी और घमोरियां गायब हो जाएँगी। अगर आप इसे दिन में लगाना चाहते हैं तो इसे सुबह शाम को त्वचा पर लगा के एक घंटे बाद त्वचा को ताजे पानी से धो डालिये। एलोवेरा जेल में एंटीबैक्‍टीरियल और एंटीसेप्टिक गुण पाए जाते हैं, जो  खुजली के साथ लाल रंगे के रैश का प्रभाबी उपचार प्रदान करते हैं।
4- नीम की पत्तियां
 15-20  नीम की पतियों  को साफ करके एक बर्तन में आधा लीटर पानी में अच्छी तरह उबाल कर ठण्डा होने दें। अब इस पानी को घमोरियों से प्रभावित त्वचा पर लगाएं और  कुछ देर बाद ताजे पानी से धो डालें। इससे  घमारियों से होने वाली जलन, खुजली कम हो जाएगी। आप नीम के पाउडर को पानी के साथ मिलाकर पेस्ट बना लें । इस पेस्ट को रैशेस  पर लगा कर  कुछ मिनटों के लिए छोड़ दें और बाद में ताजे जल के साफ़ धो डालें। आप गुनगुने पानी में नीम पाउडर भी मिला सकते हैं।
बच्चों को घमोरियों से बचने के लिए उन्हें ठंडा और सूखा रखें। पसीने वाले कपड़े और गीले कपडे़ नियमित रूप से बदलें। उन्हें सूती कपड़े पहनाएं। नहाने के बाद उनकी त्वचा की परतों के बीच में सावधानी से सुखाएं।
(लेखिका ख्याति प्राप्त सौन्दर्य विशेषज्ञ हैं)

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