शहर सपा विधायक रफीक अंसारी बाराबंकी से गिरफ्तार 

 आज शाम तक मेरठ पुलिस विधायक को लेकर पहुंची , कोर्ट ने याचिका को किया खारिज  

मेरठ। पिछले सात दिनों से अंडरग्राउंड चल रहे सपा के शहर विधायक रफीक अंसारी को बाराबंकी से मेरठ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस उन्हें लेकर चल दी है।  शाम  को मेरठ पुलिस विधायक रफीक अंसारी को लेकर मेरठ पहुंचे । मेडिकल चेकपअ कराने के बाद उन्हें एसजेएम कोर्ट नम्बर प्रथम में पेश किया गया। जहां पर जज ने उनकी याचिका केा खारिज कर दिया। 

मेरठ शहर के सपा विधायक रफीक अंसारी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। लखनऊ से मेरठ लौटते वक्त बाराबंकी में उनकी गिरफ्तारी हुई। रफीक अंसारी 7 दिनों से अंडरग्राउंड थे। पुलिस की 3 टीमें उनकी तलाश में लगातार छापेमारी कर रही थीं। अंसारी के खिलाफ कोर्ट से 100  गैर जमानती वारंट जारी हुए, इसके बावजूद वह कोर्ट में पेश नहीं हुए। हाईकोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी का आदेश दिए थे।

1995 में शहर में जाम लगाने और तोड़फोड़ के मामले में रफीक समेत 40 लोगों पर केस दर्ज हुआ था। इसमें रफीक समेत 22 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हुई थी। 1997 में कोर्ट ने इस मामले में रफीक के अलावा सभी को बरी कर दिया था।अंसारी कोर्ट में पेश नहीं हुए। बरी न होने के बाद रफीक इलाहाबाद हाईकोर्ट चले गए। कोर्ट में कहा- जिस मामले में सभी बरी हो चुके हैं, उसमें मुझे भी बरी किया जाए। लेकिन कोर्ट ने उन्हें बरी नहीं किया। कोर्ट ने उन्हें कई बार नोटिस भेजा। लेकिन अंसारी कोर्ट में पेश नहीं हुए। कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किए।इसके बाद अंसारी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर गैर जमानती वारंट को चुनौती दी, लेकिन कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी। साथ ही DGP को सपा विधायक को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए थे।

हाईकोर्ट ने कहा था-अंसारी को विधानसभा सत्र में शामिल होने की अनुमति देना गंभीर

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अप्रैल में सुनवाई के दौरान कहा था- मौजूदा विधायक के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी है, लेकिन एक्शन नहीं लिया गया। उन्हें विधानसभा सत्र में भाग लेने की अनुमति देना एक खतरनाक और गंभीर मिसाल कायम करता है।

रफीक अंसारी के लगे नारे 

सपा विधायक की पेशी के दौरान कोर्ट रूम के बाहर समर्थकों की भीड़ लग गयी। सपा जिलाध्यक्ष विपिन चौधरी सहित तमाम नेता वहां पर मौजूद रहे। इस दौरान कोर्ट के बाद सपा जिंदाबाद व रफीक अंसारी  के नारे लगाए गये। इस दौरान भारी संख्या में पुलिस बल तैनात रहा। 


पार्षद का चुनाव से की थी राजनीति में शुरुआत

अंसारी बुनकर फैमिली है। इनकी अंसारी बिरादरी में अच्छी पकड़ है। अंसारी ने पार्षद के तौर पर अपने पॉलिटिकल करियर की शुरुआत की थी। सपा के पुराने नेताओं में शामिल हैं। सपा के टिकट पर ही लगातार तीन बार पार्षद चुने गए। 2012 के विधानसभा चुनाव में सपा के टिकट पर मेरठ सीट से विधायक का चुनाव लड़ा, लेकिन भाजपा के लक्ष्मीकांत वाजपेयी से हार गए।

चुनाव हारने के बाद भी रफीक को सपा सरकार में हथकरघा एवं पर्यटन विभाग में दर्जा प्राप्त मंत्री बनाया गया। 2017 में अंसारी ने फिर से लक्ष्मीकांत वाजपेयी के सामने चुनाव लड़ा और उन्हें हराकर पहली बार विधायक बने। फिर 2022 में कमल दत्त शर्मा को हराकर दोबारा विधायक बने।

SP सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि शाम को विधायक रफीक अंसारी मेरठ लाया गया। जहां उनका जिला अस्पताल  में मेडिकल करा कर कोर्ट में पेश किया गया। जहां से उनकी याचिका जमानत को जज ने खारिज कर दिया। अब उन्हें जेल भेजा जा रहा है। 


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