बाल विवाह सम्पन्न कराने वाले व्यक्ति के विरूद्व  एक लाख का जुर्माना व 2 वर्ष के कारावास  मिलेगा 

मेरठ । अक्षय तृतीया पर अगर कोई व्यक्ति बाल विवाह कराते है तो उसके खिलाफ एक लाख रूपये का जुर्मामा समेत दो साल की सजा दिलाई जाएगी । 

जिला प्रोबेशन अधिकारी/जिला बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी अजित कुमार ने सर्व साधारण को सूचित करते हुये बताया कि10 मई 2024 को अक्षय तृतीया (आखा तीज) के अवसर पर बाल विवाह करने की रूढ़िवादी परम्परा समाज में प्रचलित है। ऐसे विशेष अवसर पर समाज में लडके व लड़की के विवाह हेतु निर्धारित आयु क्रमशः 21 वर्ष एवं 18 वर्ष के पूर्व ही कर दिया जाता है। बाल विवाह जैसी कुप्रथा के विरूद्ध बाल विवाह निषेध अधिनियम-1926 (यथा संशोधित) व प्रोहिबिहेशन आफ चाईल्ड मैरिज एक्ट 2006 अस्तित्व में है। 18 वर्ष से कम की लडकी एवं 21 वर्ष से कम के लड़के का विवाह करना कानूनन अपराध है। 

यदि कोई नाबालिग का विवाह करता/कराता है या उसमें शामिल होता है तो उनके विरुद्ध कार्यवाही होगी (बाल विवाह सम्पन्न कराने वाले प्रत्येक व्यक्ति के विरूद्ध अंकन रू० एक लाख का जुर्माना व 02 वर्ष के कारावास का प्रावधान है।) अक्षय तृतीया के अवसर पर 21 वर्ष व 18 वर्ष से कम आयु के लडकों/लड़कियों का विवाह न हो सके, यदि कोई बाल विवाह का प्रकरण सज्ञान में आता है तो उसकी सूचना सम्बन्धित थाना, चाइल्ड हेल्पलाइन 1098, वूमन पावर लाइन 1090 एवं महिला हेल्पलाइन 181 पर दी जाये। वैवाहिक आयोजन कराने वाले प्रिन्टिंग प्रेस, टैन्ट व्यवसायी, मैरिज हॉल, बैण्ड बाजा, कैटर्स, फोटोग्राफर, पुरोहित, मौलवी इत्यादि व्यक्तियों एवं सस्थाओं से भी अपेक्षा है कि वैवाहिक आयोजन से पूर्व यह सुनिश्चित कर लें कि वधू की आयु 18 वर्ष एवं वर की आयु 21 वर्ष से कम न हो।

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