सुनीता वर्मा ने सपा से किया नामाकंन 

 बोले योगेश अखिलेश ने दलितों को रखा सम्मान 

मेरठ। नामाकंन के अंतिम दिन समाजवादी पार्टी समेत अन्य उम्मीदवारों ने अपना नामाकंन किया। सपा की और से पूर्व मेयर रही सुनीता वर्मा लखनऊ से हेलिकाप्टर से हिंडन से सीधे कलेक्ट्रेट अपने पति योगेश वर्मा व प्रस्तावकों के संग डीएम कार्यालय में नामांकन कराने के लिए पहुंची। 

 नामाकंन कराने के बाद बाहर निकले योगेश वर्मा ने बताया कि सपा मुखिया अखिलेश यादव ने दलितों का सम्मान रखा है। उन्होंने सुनीता वर्मा को प्रत्याशी बनाया और सिंबल लेकर अपने हेलीकॉप्टर से योगेश वर्मा को लखनऊ से मेरठ पहुंचाया। योगेश वर्मा का कहना है कि दलित व मुस्लिम समेत सर्व समाज के लोग उनके साथ हैं। वें मेरठ में ऐतिहासिक जीत दर्ज करेंगे।



कलेक्ट्रेट में नामाकंन कराते वक्त समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष विपिन चौधरी व महानगर अध्यक्ष आदिल चौधरी सुनीता वर्मा के नामांकन में नहीं दिखे। जबकि पूर्व जिला अध्यक्ष राजपाल चौधरी, विधायक रफीक अंसारी, शाहिद मंजूर के बेटे नवाजिश मंजूर, कांग्रेस के जिला अध्यक्ष अवनीश काजला व आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता मौजूद रहे। वही लननऊ मे मीडिया से बात करते हुए अतुल प्रधान ने कहा जो भी निर्णय पार्टी की ओर लिया गया है। उसका पालन किया जाएगा। 

बुधवार को सरधना विधायक अतुल प्रधान ने नामांकन किया था। लेकिन गुटबाजी के चलते अतुल का टिकट काट दिया गया। इससे पूर्व मेरठ हापुड़ लोकसभा संसदीय सीट के लिए समाजवादी पार्टी ने भानु प्रताप सिंह को प्रत्याशी घोषित किया था। वें दलित समाज से थे। उनका ईवीएम के विरोध में आंदोलन जारी था। ऐसे में स्थानीय नेताओं ने भानु प्रताप सिंह को बाहरी प्रत्याशी बताते हुए विरोध शुरू कर दिया था। जिस वजह से अखिलेश यादव ने मंगलवार देर रात भानु प्रताप सिंह का टिकट काटकर सरधना विधायक अतुल प्रधान को प्रत्याशी बनाया था। ऐसे में दलित प्रत्याशी का टिकट काटकर गुर्जर समाज से प्रत्याशी बनाने पर लोगों ने विरोध शुरू कर दिया था। जिस वजह से अखिलेश यादव को अपना निर्णय दोबारा बदलना पड़ा, उन्होंने विधायक योगेश वर्मा की पत्नी पूर्व महापौर सुनीता वर्मा को प्रत्याशी बना दिया। सुनीता वर्मा ने समर्थकों के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचकर नामांकन किया।




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