यूट्रीशन एक्‍सपर्ट सुप्रिया कटियार ने 2024 में अपने खाने को स्‍वादिष्‍ट बनाने के लिए ट्रांस-फैट फ्री डालडा वनस्पति का इस्‍तेमाल करने की दी सलाह 

मेरठ। साल 2024 की शुरुआत में डब्लूएचओ (वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन) ने पांच देशों को पहली बार सर्टिफिकेट प्रदान किए हैं। यह सर्टिफिकेट औद्योगिक रूप से बनने वाले ट्रांस-फैट को दूर करने के प्रयासों को अपनाने के लिए दिए गए हैं। भारत (साल 2022 से) सहित दुनियाभर में कुल 53 ऐसे देश हैं, जिन्होंने औद्योगिक रूप से निर्मित होने वाले ट्रांस-फैट को हटाने के लिए सर्वश्रेष्‍ठ अभ्‍यासों को अपनाया है। उपरोक्त को देखते हुए उत्तर प्रदेश स्थित न्‍यूट्रीशन एक्‍सपर्ट सुप्रिया कटियार ने लोगों को जहां तक संभव हो, ट्रांस फैट से मुक्त उत्पादों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया है। एक बेहतर लाइफस्टाइल के लिए उन्होंने सोच-समझकर ट्रांस-फैट फ्री डालडा वनस्पति को चुना है। ना केवल ट्रांस फैट से दूर रहने के लिहाज से डालडा वनस्पति का चुनाव करना फायदेमंद है, बल्कि स्वाद और ब्राण्ड की विरासत के नजरिए से भी काफी अच्‍छा है और पीढि़यों से चलता आ रहा है।

आखिर, यह ट्रांस- फैट क्‍या होता है?

काफी लंबे समय तक ट्रांस फैट को हमारी सेहत के लिए अच्छा नहीं माना जाता रहा है। ऐसा माना जाता है कि इससे एलडीएल कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ता है, वहीं लाभकारी एचडीएल कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता जाता है। इसकी वजह से असामान्य ब्लड लिपिड प्रोफाइल बनता है। इस तरह के दोहरे दुष्प्रभावों की वजह से इसे सेहत के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। हम अपने भोजन का चुनाव करने की दिशा में ज्यादा जागरूक होने की कोशिश करते हैं, ऐसे में कुकिंग ऑयल तथा फैट का चुनाव करना बेहद अहम हो जाता है। आइए जानते हैं कि सुप्रिया क्यों खाना पकाने के इस माध्यम को प्रचारित कर रही हैं और इतने विश्वास के साथ इसे अपनाना क्यों उचित मानती हैं।

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