पीएमएसएमए की सुविधाएं नहीं लेने वाली पॉकेट्स चिन्हित कर की जाएगी काउंसलिंग 

स्वास्थ्य कर्मी घर-घर जाकर बतायेंगे प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के लाभ 

जिलाधिकारी के आदेश पर जिले में अभियान की कवरेज बढ़ाने को हो रहे प्रयास

 

हापुड़, 09 फरवरी, 2024प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) का लाभ नहीं ले रहीं गर्भवती की सूची तैयार करने के साथ ही ऐसी पॉकेट्स भी चिन्हित की जा रही हैं जहां अभियान का लाभ न लेने वाली गर्भवती की संख्या अधिक है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. सुनील कुमार त्यागी ने बताया - जिलाधिकारी प्रेरणा शर्मा द्वारा जिले में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान की कवरेज बढ़ाने के आदेश के क्रम में एक एक्शन प्लान तैयार किया गया है। इस एक्शन प्लान के तहत सभी ब्लॉक स्तरीय चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं।

सीएमओ डा. सुनील त्यागी ने बताया - सबसे पहले पीएमएसएमए का लाभ नहीं ले रहीं लाभार्थियों की एक सूची तैयार की जा रही है। सूची से यह पता लगाया जा सकेगा कि ऐसी कौन सी पॉकेट्स हैं जहां अभियान का लाभ नहीं लेने वाली गर्भवती अधिक हैं। आशा कार्यकर्ता ऐसी गर्भवती चिन्हित कर स्वयं गर्भवती से और परिवार के मुखिया से इस संबंध में बात करेंगी और उन्हें योजना के लाभ बताएंगी। जिन परिवारों को वह समझा पाने में असमर्थ होंगी वहां एएनएम की भी मदद ली जाएगी और जरूरत होगी तो वहां चिकित्सा अधिकारी स्वयं भी जाएंगे और काउंसलिंग करेंगे।

जिला कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम) सतीश कुमार ने बताया - प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा 2016 में शुरू किया गया था। पहले पीएमएसएमए का आयोजन माह में केवल एक दिन (हर माह की नौ तारीख को) किया जाता था। बाद में अभियान की कवरेज बढ़ाने के उद्देश्य से माह में (एकनौ, 16 और 24 तारीख को) चार दिन निश्चित कर दिए गए हैं। आवश्यकता होने पर लाभार्थी को एंबुलेंस सुविधा भी प्रदान की जाती है।

जिला कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम) सतीश कुमार ने बताया - पहली जांच गर्भ ठहरने के आठ सप्ताह के अंदरदूसरी जांच 14 से 26 सप्ताह के बीचतीसरी जांच 28 से 34 सप्ताह के बीच और चौथी जांच 36 सप्ताह का समय पूरा होने पर कराने की सलाह दी जाती है। अल्ट्रासाउंड के लिए उपलब्ध साधनों को देखते हुए सरकार ने निजी अल्ट्रासाउंड केंद्रों के साथ करार किया है। करार के तहत सरकार ई-रुपी वाउचर के जरिए संबंधित अल्ट्रासाउंड केंद्रों को भुगतान करती है। लाभार्थी को केवल पीएमएसएमए के मौके पर विभाग से उसके मोबाइल पर मिले वाउचर को स्कैन कराना होता है।  

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