ज्ञान बौद्धिकता है तो विज्ञान एक रहस्य
- अंबिका कुमारी कुशवाहा
'विज्ञान' एक प्रतिष्ठित शब्द है, जिसका अर्थ है 'विशिष्ट ज्ञान' यानी कि किसी भी तथ्य, विषय, प्रकृति, ग्रह आदि का 'विशेष गहन ज्ञान'। विज्ञान को मै 'विषयों का ज्ञान' भी कहती हूं। क्योंकि मुझे अनुभव होता है की साइंस एक ऐसी अवधारणा है, जो एक छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी वस्तु या चीजों पर अपने ज्ञान का विस्तार देती है, और हमे उस तथ्य या विषय पर गहन अध्ययन को विवश करती है।
विज्ञान प्राचीन समय से ही हमारी संस्कृति का हिस्सा रही है जिसकी जानकारी हमें प्राचीन साहित्य और पुरातत्व खोजों से मिलती है। शून्य खोज, खगोल शास्त्र, दर्शनशास्त्र, सिविल इंजीनियरिंग, प्रकृति विज्ञान आदि हमारी संस्कृति का ही हिस्सा है।
विज्ञान समुद्र की गहराई से लेकर अंतरिक्ष की ऊंचाई, प्रकृति, चिकित्सा, मनोविज्ञान, आविष्कार, कला(योग विज्ञान) लगभग हर क्षेत्र में निहित है। आधुनिक युग की 21वी° सदी में हमारा देश नई खोजों, आविष्कार, चिकित्सा और अंतरिक्ष में लगातार सफलता हासिल कर रहा है। और आज के समय में किसी भी देश की शिक्षा, सुरक्षा और प्रतिष्ठा उस देश की वैज्ञानिक प्रगति पर निर्भर और स्थापित हो चुकी है।
हमारे देश में हर साल 28 फरवरी को 'राष्ट्रीय विज्ञान दिवस' के रूप में मनाया जाता है। यह वो गर्व का दिन है जब हमारे देश के महान वैज्ञानिक डा. चंद्रशेखर वेंकट रमन ने 7 वर्ष की अथक परिश्रम के बाद 28 फरवरी 1928 को 'रमन प्रभाव' की खोज की थी। इस महान खोज के लिए डा. सीवी रमन जी को सन् 1930 ई. में भौतिकी में नोबेल पुरस्कार भी दिया गया। डा. सीवी रमन जी को भारत के विज्ञान का जनक भी कहा गया है। डा. सीवी रमन जी अपने महान व्यक्तित्व और खोजों के कारण नोबेल पुरस्कार के साथ साथ भारत रत्न, फ्रेकलिन मेडल, लेनिन शांति पुरस्कार जैसे अनेक उपाधियों से सम्मानित किए गए।
आज "रमन प्रभाव" की खोज के कारण 'रमन स्पेक्ट्रोस्कॉपी' का इस्तेमाल दुनिया के सभी कैमिकल लैब में किया जाता है और इसके द्वारा बॉडी में मौजूद कैंसर तत्वों का भी पता लगाया जाता है।
'रमन प्रभाव' का प्रयोग अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में भी हुआ जैसे- चांद पर पानी का पता लगाने में। वर्ष 1986 ई से भारत सरकार ने रमन प्रभाव की खोज के उपलक्ष्य से प्रत्येक वर्ष 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप मनाने का फैसला किया।
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर प्रत्येक वर्ष एक थीम निर्धारित की जाती है उस थीम का विज्ञान के क्षेत्र की प्रगति में विशेष उद्देश्य होता है। इस वर्ष 2024 में विज्ञान दिवस की थीम "विकसित भारत के लिए स्वदेशी प्रौद्योगिकियाँ" रखा गया है। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2024 विज्ञान भवन में मनाया जायेगा। इस अवसर में अनेक नवीनतम प्रतिभा के प्रदर्शन एवं प्रोत्साहित किया जाता है। विज्ञान प्रौद्योगिकी अनुसंधान क्षेत्र में योगदान देने वाली प्रतिभा को सम्मानित एवं पुरस्कृत भी किया जाता है।
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाने का उद्देश्य रोज दिन के जीवन में विज्ञान के महत्व के विषय में आम लोगों के बीच जागरूकता लाना है। और आम नागरिकों में वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देना है।
आज के समय किसी भी देश के लिए विज्ञान की सफलता ही राष्ट्र और उसके नागरिकों की उन्नति है। भारत को डा सीवी रमन के बाद दूसरा सीवी रमन तो नही मिल सका लेकिन सीवी रमन जी के व्यक्तित्व और खोजों से हमे शिक्षा जरूर लेनी चाहिए और उनका अनुसरण करना चाहिए।
जितनी तेजी और शिद्दत से युवा पीढ़ी सभ्य और शिक्षित व्यक्ति का अनुसरण करेगी उतनी ही तेजी से हमारा देश विकसित राष्ट्र बनने की ओर बढ़ता चला जाएगा। किसी भी लक्ष्य को पाने के लिए कठिन परिश्रम, संघर्ष और लगन तीनों का योगदान होता है।
"किसी भी कार्य को शिद्दत और जिद्द के साथ करिए, परिणाम सुखद होगा" ।।
(ओल्ड जक्कनपुर, पटना)
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