हापुड़ रोडवेज  डिपो में दूसरे दिन 49 कर्मचारियों की हुई टीबी की जांच को स्क्रीनिंग

तीन लक्षण युक्त कर्मचारियों के बलगम का नमूना लिया गया

शुक्रवार को जांच के लिए भेजे सभी नमूने निगेटिव मिले

 

हापुड़, 03 फरवरी, 2024 जिला क्षय रोग विभाग द्वारा शनिवार को दूसरे दिन भी हापुड़ रोडवेज डिपो में शिविर का आयोजन कर कर्मचारियों की टीबीबीपी और शुगर की स्क्रीनिंग की गई। तीन लक्षण युक्त कर्मचारियों का स्पुटम (बलगम का नमूना) जांच के लिए लिया गया है। जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डा. राजेश सिंह ने बताया - शुक्रवार को लक्षणयुक्त कर्मचारियों के बलगम के नमूने जांच के लिए भेजे गए थेसभी नमूने जांच के बाद निगेटिव मिले हैं। बता दें कि शुक्रवार को 65 कर्मचारियों की स्क्रीनिंग की गई थी।

डीटीओ डा. राजेश सिंह ने बताया - कर्मचारियों के अपने कार्य में व्यस्त होने के चलते हापुड़ डिपो में दो दिन स्क्रीनिंग शिविर का आयोजन किया गया। पहले दिन 65 कर्मचारियों की स्क्रीनिंग की गई जबकि शनिवार को दूसरे दिन 49 कर्मचारियों की स्क्रीनिंग हुई। सभी कर्मचारियों का टीबी के प्रति संवेदीकरण भी किया गया। उन्हें टीबी के लक्षणों और उपचार के बारे में विस्तार से जानकारी देने के साथ ही यह भी आह्वान किया गया कि यह जानकारी वह अन्य लोगों तक भी पहुंचाएं ताकि जन समुदाय टीबी के प्रति संवेदनशील हो सके और टीबी रोगियों की पहचान में तेजी आ सके। 

शनिवार को आयोजित स्क्रीनिंग शिविर में मौजूद रहीं डिपो इंचार्ज सुमन लता ने बताया - क्षय रोग विभाग की ओर से डिपो में आयोजित दो दिवसीय स्क्रीनिंग और संवेदीकरण शिविर से कर्मचारियों को टीबी के बारे में विस्तार से जानकारी मिली है। जाहिर तौर पर यह जानकारी भविष्य में उनके काम आएगी और अपने संपर्क में आने वाले अन्य लोगों को भी वह इस जानकारी से लाभांवित कर सकेंगे। क्षय रोग विभाग का प्रयास टीबी की समय पहचान और उपचार में मददगार साबित होगा।

जिला पीपीएम समन्वयक सुशील चौधरी ने बताया - जनपद में सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर टीबी की जांच और उपचार की सुविधा की जानकारी कर्मचारियों को दी गई। उन्हें बताया गया कि दो सप्ताह से अधिक खांसी या बुखार रहनाखांसी में बलगम या खून आनारात में सोते समय पसीना आनाथकान रहनावजन कम होना और सीने में दर्द रहना टीबी के लक्षण हो सकते हैंइनमें से कोई भी लक्षण आने पर टीबी की जांच अवश्य कराएं। जांच में टीबी की पुष्टि होने पर घबराने की नहीं बल्कि पूर्ण उपचार लेने की जरूरत है। नियमित उपचार से टीबी पूरी तरह ठीक हो जाती है। शिविर में एसटीएस दीपक शर्मा और एलटी सचिन शर्मा का सहयोग रहा।

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